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नेताम का इस्तीफा कांग्रेस के आदिवासी विरोधी होने का एक और ठोस प्रमाण : भाजपा

रायपुर । भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष  विष्णुदेव साय और भाजपा प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कहा है कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद नेताम का कांग्रेस से इस्तीफा कांग्रेस के लगातार आदिवासी विरोधी होने का एक और ठोस प्रमाण है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आदिवासियों के साथ हर स्तर पर छल-कपट किया है, उन्हें उपेक्षित और प्रताड़ित कर सतत् यह षड़यंत्र किया है कि आदिवासी न तो आर्थिक रूप से, न शैक्षणिक रूप से, न सामाजिक तौर पर और न ही राजनीतिक तौर पर आगे आएँ और विकास की मुख्यधारा से जुड़ें।

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भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि जब भी मौका मिला आदिवासियों को अपमानित कर कांग्रेस ने यूज एंड थ्रो की नीति अपनाई है। कांग्रेस अध्यक्ष के पद से मोहन मरकाम की विदाई हो, मंत्रिमंडल से प्रेमसाय सिंह टेकाम को बाहर का रास्ता दिखाने का मसला हो, महिला कांग्रेस की अध्यक्ष पद से फूलोदेवी नेताम को बेदखल करने का मुद्दा हो, कांग्रेस ने अपने इसी घोर आदिवासी विरोधी राजनीतिक चरित्र का परिचय दिया है। कांग्रेस और उसकी प्रदेश सरकार ने अपनी कुनीतियों और कुशासन के चलते आदिवासियों को सम्मानपूर्ण जीवन जीने के लिए मोहताज कर दिया है। तीन साल की बच्ची से लेकर प्रौढ़-वृद्ध महिलाएँ हैवानों की दरिंदगी की शिकार हो रही हैं। राजनीतिक कार्यकर्ता उपेक्षा के दंश झेलने के लिए विवश हो रहे हैं। आदिवासियों का हक मारकर उनके साथ अन्याय की पराकाष्ठा की जा रही है, बदतर चिकित्सा व्यवस्था के चलते हजारों बच्चे मौत के आगोश में समा गए। आरक्षण और रोजगार के नाम पर केवल छल और धोखाधड़ी की जा रही है। ऐसी स्थिति में वरिष्ठ नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री नेताम का कांग्रेस से इस्तीफा देना आदिवासियों के नाम पर कांग्रेस के राजनीतिक पाखण्ड को बेनकाब करने वाला है।

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भाजपा प्रदेश महामंत्री कश्यप ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री नेताम ने जिस पीड़ा और वेदना के साथ कांग्रेस छोड़ने की बात कही है, उससे कांग्रेस की कथनी और करनी का अंतर आईने की तरह साफ हो गया है। कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आईना भेजकर अपने राजनीतिक ओछेपन का प्रदर्शन कर चुके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपनी सरकार और कांग्रेस की बदरंग होती शक्ल अब अपने ही नेताओं द्वारा दिखाए जा रहे आईने में देख लेनी चाहिए। एक ओर जहां विश्व आदिवासी दिवस के नाम पर मुख्यमंत्री सियासी ड्रामेबाजी कर रहे थे, ठीक उसी दिन कांग्रेस का आदिवासी विरोधी चरित्र बेनकाब करते हुए कांग्रेस से इस्तीफे का ऐलान करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री नेताम के क्षोभ से उपजे आदिवासियों के आक्रोश की बड़ी राजनीतिक कीमत चुकाने के लिए अब कांग्रेस को तैयार हो जाना चाहिए। सब्जबाग दिखाकर, झूठ बोलकर कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार तो बना ली, लेकिन जमीनी सच यही है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार आदिवासियों का विश्वास अब तक नहीं जीत पाई है।

 

Pradesh Khabar

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