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गरियाबंद: उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में वन अधिकार पट्टा की लालच में वनों का विनाश जारी

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में वन अधिकार पट्टा की लालच में वनों का विनाश जारी

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हरेश प्रधान/ रिपोटर /गरियाबंद। वन अधिकार पट्टा की चाह में लगातार संरक्षित जंगल क्षेत्र उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में भी जंगलो का विनाश जारी है वृक्षो की कटाई कर भूमि हथियाने की होड़ में जंगल धीरे -धीरे खत्म होने लगी है उदंती सीतानादी टाइगर रिजर्व जंगल में कब्जे को लेकर इसरो ने एक सेटेलाईट इमेज जारी की है जिसमें वर्ष 2014 से दिसंबर 2022 के बीच इंदागाव सोरनामाल रेंज के 16.59 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में जंगल में कटाई नजर आती हैं।

पिछले 8 से 10 वर्षो के भीतर इस तेजी से क्षेत्र के घने जंगल में अवैध अतिक्रमण के साथ अवैध कटाई के मामले आये है कि इसके आंकड़े देखकर सब चौक जायेंगे और तो और टाइगर रिजर्व जंगल के भीतर ओड़िशा व अन्य प्रदेश के लोगो ने जमकर जंगल की अवैध कटाई कर कई अवैध बस्ती, मोहल्ले भी बसा लिए हैं । उदंती अभ्यारण्य और सामान्य वन मंडल के जंगल में पिछले 10 वर्षो के भीतर लगभग 1 लाख 80 हजार से ज्यादा पेड़ काट दिये गये है और अवैध कब्जा कर लिया गया है जिसमें से अवैध कब्जा कर निर्माण किये गये एक गांव सोरनामाल को चार दिन पहले वन विभाग ने अतिक्रमण हटाने में सफलता प्राप्त की है। उदंती अभ्यारण्य प्रशासन के पास दर्ज रिकाॅर्ड के मुताबिक 1842.54 वर्ग किलोमीटर में फैले हुआ है 2008 के बाद यहां कब्जा प्रारंभ हुआ विभाग के दर्ज पीओआर के मुताबिक जो आंकड़े सामने आये है वह सबको चौकाकर रख दिया है कब्जाधारियों ने लाखों वृक्षो की धीरे -धीरे कटाई कर जंगल के एक बड़े भू-भाग पर कब्जा भी किया है। रिपोर्ट मुताबिक अभ्यारण्य के बफर जोन में 798.64 हेक्टेयर पर काबिज 314 लोगो के खिलाफ प्रकरण दर्ज है जबकि अतिक्रमण कारियों ने बफर जोन के साथ -साथ टाइगर रिजर्व के काफी महत्वपूर्ण जंगल कोर एरिया में भी अवैध कटाई के साथ अवैध कब्जा किये हुए है वही सीतानदी अभ्यारण्य अरसीकन्हार क्षेत्र में अब तक वन विभाग ने 26 अतिक्रमण कारियों को बेदखल कर पाई है और कब्जे पर वन अधिकार मांगने वाले 5561 आवेदन अपात्र पाये गये है। पिछले 10 वर्षो के भीतर उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के नवरंगपुर जिले के रायगढ़ ब्लाॅक सीमा क्षेत्र में जमकर अवैध अतिक्रमण के साथ अवैध कटाई के मामले बढ़े है जिसमें मक्का की खेती करते आ रहे है।

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प्रदेश के उदंती सीतानदी अभ्यारण्य के बफर जोन में लगभग 37 हजार पेड़ काटकर 128 हेक्टेयर में बसाये गये सोरनामाल बस्ती के खाली होने के बाद जो मामले सामने आये है उसमें आधा दर्जन से भी ज्यादा अवैध कब्जा वाला बस्तियां अभी भी मौजूद है वही इसरो की सेटेलाइट तस्वीरो से पता चल रहा है कि लाखो पेड़ क्षेत्र के जंगल में पिछले दस वर्षो भीतर काटे गये है और इस बात से वन विभाग के आला अफसर भी सहमत है।

ज्ञात हो कि उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में जमकर पेड़़ो की अवैध कटाई का मामला अक्टूबर 2019 में जब सामने आया तो छत्तीसगढ़ के वनमंत्री मो. अकबर के निर्देश पर तत्कालीन प्रधान वन संरक्षक वन्यप्राणी ए के शुक्ला के साथ अफसरो की टीम पहुंचा उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के कक्ष क्रमांक 1204 पूंजीपथरा, हल्दीकछार गोड़ेना में जंगलो की अवैध कटाई को देखकर अफसरो के होश उड़ गये लगभग 25 किमी अफसरो ने तीन दिनों तक पैदल घुम -घुमकर अवैध कटाई किये गये हजारो वृक्षो और ठूंठो की गिनती करते रहे तब यह मामला राजधानी में पहुंचने के बाद जंगल के अवैध कटाई के मामले में उस समय पीसीसीएफ वल्ड लाइफ अतुल शुक्ला ने इंदागांव बफर जोन के तत्कालीन वन परिक्षेत्र अधिकारी एन गंगबेर एवं तीन अधिकारियों को सस्पेंड का दिया था। इंदागांव कंपार्टमेंट 1219 की वर्ष 2014 और वर्ष 2018 के गूगल अर्थ से प्राप्त फोटो से पता चलता है कि वर्ष 2014 में यहां घना जंगल हुआ करता था इसके बाद इस मामले में आगे क्या कार्यवाही हुई अब तक सार्वजनिक नही किया गया।

टाइगर रिजर्व क्षेत्र के जंगल में लगातार कीमती वृक्षो की अवैध कटाई जारी है जिससे अभ्यारण्य के जंगल पर खतरा मंडराने लगा है और जंगल का अस्तित्व खतरे में आ गया है पहले जंगल में पेड़ो के छाल को नीचे से गडलिंग किया जाता है फिर वहा मक्का लगाकर खेती कर अवैध कब्जा का खेल जारी है साथ ही साक्ष्य मिटाने के लिए पेड़ के ठंूठ को आग के हवाले कर सबूत मिटा दिया जाता है।

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरूण जैन ने कहा जंगल में अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया है इसरो से प्राप्त सेटेलाइट पिक्चर की मदद से वन अधिकार पट्टा के लिए आये आवेदनो को तस्दीक करते है 2005 के बाद कब्जे वाले सभी आवेदन निरस्त भी किया जा रहा है। श्री जैन ने बताया इसरो से प्राप्त सेटेलाइट पिक्चर के हिसाब से भारी पैमाने पर जंगल में अवैध कटाई दिखाई दे रहा है दो तीन दिनों में सही आंकड़े उपलब्ध करा पाउंगा।

Keshri shahu

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