
उत्तर बस्तर कांकेर : कांकेर जिले में 10 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को किया गया स्थायी जाति प्रमाण-पत्र का वितरण
उत्तर बस्तर कांकेर /जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों तथा ग्रामीणों की उपस्थिति में आज जिले में 10 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को स्थायी जाति प्रमाण-पत्र का वितरण किया गया।
कलेक्टर श्री चन्दन कुमार के मार्गदर्शन में जिले में योजनाबद्ध तरीके से विशेष अभियान चलाकर कक्षा 6वीं से 12वीं तक अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के स्थायी जाति प्रमाण-पत्र बनाये गये थे, इन छात्र-छात्राओं के दस्तावेजों का संकलन एवं फार्म भरने की संपूर्ण प्रक्रिया राजस्व एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा किया गया, इस कार्य में लगभग 02 हजार शिक्षक तथा राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने अपनी भागीदारी निभाई है।
इस अभियान में कक्षा 6वीं से 12वीं तक अध्ययनरत 10 हजार 231 विद्यार्थियों के स्थाई जाति प्रमाण-पत्र बनाये गये हैं, इनमें कांकेर विकासखण्ड के 771, चारामा विकासखण्ड के 849, नरहरपुर विकासखण्ड के 1102, भानुप्रतापपुर विकासखण्ड के 1530, अंतागढ़ विकासखण्ड के 2240, दुर्गूकोंदल विकासखण्ड के 2278 और कोयलीबेड़ा विकासखण्ड के 1461 विद्यार्थियों का स्थाई जाति प्रमाण-पत्र बनाया गया, जिनका वितरण आज जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में छात्र-छात्राओं को किया गया। लाभान्वित सभी छात्र-छात्राओं को घर पहुंच सेवा के माध्यम से जाति प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराये गये हैं।
भानुप्रतापपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत मुख्यालय भानबेड़ा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में आयोजित जाति प्रमाण-पत्रों के वितरण समारोह में जनपद पंचायत भानुप्रतापपुर के उपाध्यक्ष सुनाराम तेता, जिले के कलेक्टर चन्दन कुमार, भानुप्रतापपुर के एसडीएम जितेन्द्र यादव, जनपद सदस्य श्रीमती रामबाई गोटा, ग्राम पंचायत के सरपंच जागेश्वर नरेटी, उप सरपंच रमेश कोर्राम, ग्राम पटेल दुर्योधन ठाकुर, शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष खेमलाल साहू, सूरजराम नरेटी तथा गौठान समिति के अध्यक्ष प्रमोद कोमरा भी शामिल हुए।
जाति प्रमाण-पत्र के वितरण समारोह को संबोधित करते हुए जिले के कलेक्टर श्री चन्दन कुमार ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर ने हमें कुछ अधिकार दिये हैं, उनमें से कुछ अधिकारों को प्राप्त करने के लिए प्रमाण-पत्रों की आवश्यकता होती है, जिनमें जाति प्रमाण-पत्र भी शामिल है।
बच्चों को न केवल प्रमाण-पत्र मिलना चाहिए बल्कि बिना किसी परेशानी के मिलना चाहिए, इसे ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा कक्षा 6वीं से 12वीं तक अध्ययनरत विद्यार्थियों का जाति प्रमाण-पत्र बनाने के लिए राजस्व एवं स्कूल शिक्षा विभाग को दायित्व सौंपा गया। बच्चों को न पटवारी के पास जाना पड़ा और न ही तहसील कार्यालय, सभी प्रक्रियाएें राजस्व एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा पूर्ण कराया गया।
इस कार्य में लगभग 02 हजार शिक्षकों और राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने अपना योगदान दिया है। ऐसे विद्यार्थी जिनके पास मिशल बंदोबस्त के रिकार्ड या वर्ष 1950 के पहले के दस्तावेज नहीं थे, उनका जाति प्रमाण-पत्र बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों की सहयोग से विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया जाकर प्रमाण-पत्र बनाये गये। लगभग 40 प्रतिशत ऐसे बच्चे थे, जिनके पास मिशल बंदोबस्त के रिकार्ड नहीं थे, उनके लिए ग्राम सभा का आयोजन किया गया।
कलेक्टर चन्दन कुमार ने कहा कि जिन बच्चों के जाति प्रमाण-पत्र बने हैं उन्हें अब भटकना नहीं पड़ेगा। यदि वे अपने भाई-बहनों में बड़े हैं तो उनके छोटे भाई-बहनों के जाति प्रमाण पत्र भी आसानी से इस जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर बन जाएंगे।
स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए जाति प्रमाण पत्र बनाने के इस विशेष अभियान में सहयोग के लिए कलेक्टर श्री चन्दन कुमार ने जिले के जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों, पत्रकारों तथा बच्चों के अभिभावकों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आगामी समय में प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों के जाति प्रमाण-पत्र भी अभियान चलाकर बनाये जाएंगे।
जनपद पंचायत भानुप्रतापपुर के उपाध्यक्ष श्री सूनाराम तेता ने स्थाई जाति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों को बधाई देते हुए कहा कि स्थाई जाति प्रमाण-पत्र बन जाने से अब उन्हें अनाश्यक रूप से परेशान नहीं होना पड़ेगा, न ही इसके अभाव में उनकी शिक्षा बाधित होगी।
उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन द्वारा अभियान चलाकर विद्यार्थियों के जाति प्रमाण पत्र बनाये गये हैं। सभी विद्यार्थी मन लगाकर पढ़ाई करें तथा लक्ष्य निर्धारित करते हुए अपने उद्देश्य में सफल होकर अपने माता-पिता, गांव, तहसील एवं जिले का नाम रोशन करें।
कार्यक्रम को जनपद सदस्य श्रीमती रामबाई गोटा, ग्राम पंचायत के सरपंच जागेश्वर नरेटी तथा शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष खेमलाल साहू ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर तहसीलदार मोक्षदा देवांगन, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी संजय ठाकुर, हायर सेकेण्डरी स्कूल भानबेड़ा के प्राचार्य जगदीश राम गावड़े, संकुल समन्वयक जयराम तेता सहित शिक्षक-शिक्षिकाएं, ग्रामीणजन एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे।