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कृषि विज्ञान केंद्र रायगढ़ में ड्रोन तकनीक का परीक्षण

रायगढ़। भारत मुख्य रूप से एक कृषि प्रधान देश है। हमारी अर्थव्यवस्था का बड़ा आधार कृषि कार्य है।

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यही नहीं अधिकांश ग्रामीण परिवारों के लिए कृषि आय का मुख्य स्रोत भी है। भारत की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि उत्पादों पर बहुत अधिक निर्भर करती है। विभिन्न तरह के कृषि उत्पाद हमारे देश की निर्यात का एक बड़ा हिस्सा भी है। हालांकि, कृषि के बढ़ते महत्व के बावजूद, यह हमारे देश की कृषि व्यवस्था अभी भी तकनीकी प्रगति में बहुत पीछे छूट गई है।

प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण फसल की विफलता और अनियंत्रित कीट के मुद्दे इस परिदृश्य में प्रमुख योगदानकर्ता रहे हैं। इसके अलावा,भारतीय किसान अब भी सिंचाई के लिए मानसून की बारिश पर निर्भर हैं और खेती के अन्य तरीकों के लिए सदियों पुराने तौर_तरीकों का उपयोग करते हैं। इसलिए, किसानों के अथक प्रयासों के बावजूद कभी-कभी कृषि उपज की गुणवत्ता और मात्रा से समझौता किया जाता है।

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लेकिन अब केंद्र और सरकार ने भारत की कृषि व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन लाने के लिहाज से कमर कस लिया है।

इस क्रम में रायगढ़ कृषि विज्ञान केंद्र में कृषि महाविद्यालय के छात्रों को कृषि कार्य में ड्रोन तकनीक का उपयोग लेकर किस तरीके से लाभ लिया जा सकता है। इस बात का एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण का यह कार्य निकरा परिजोयना वर्ष 2022_23 अंतर्गत ग्राम जुनवानी में किया गया। प्रशिक्षण के दौरान कृषि महाविद्यालय रायगढ़ के डीन और कृषि अधिकारी छात्रों के साथ उपस्थिति रहे। वही ड्रोन विशेषज्ञों की एक टीम जो इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर से यहां छात्रों प्रशिक्षण देने आई थी वो भी उपस्थित रही।

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