
बस्तर में भाजपा नेताओं की हत्या के खिलाफ बीजेपी का चक्काजाम आंदोलन में नहीं पहुंचे कार्यकर्ता
बस्तर में भाजपा नेताओं की हत्या के खिलाफ बीजेपी का चक्काजाम आंदोलन में नहीं पहुंचे कार्यकर्ता
संगठन पदाधिकारी सड़क में बैठकर आंदोलन की औपचारिकताएं पूर्ण की यातायात बाधित नहीं
गोपाल सिंह विद्रोही/विश्रामपुर -बस्तर में लगातार चार भाजपा नेताओं की हत्या के विरोध में आज भाजपा के पदाधिकारियों ने जयनगर राष्ट्रीय राजमार्ग 43 पर चक्का जाम किया जो निष्प्रभावी रहा ।भाजपा के कार्यकर्ता इस चक्का जाम से खुद को दूर रखा केवल भाजपा पदाधिकारी ही नजर आए ।
जानकारी के अनुसार आज भाजपा शिवनंदनपुर मंडल एवम बिश्रामपुर मंडल ने संयुक्त रूप से बस्तर में सुनियोजित ढंग से लगातार 4 नेताओं की हत्या के खिलाफ में प्रदेश स्तरीय चक्का जाम आंदोलन के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग 43 पर जयनगर धान बिक्री केंद्र के सामने चक्का जाम का आयोजन किया था जिसमें केवल दोनों मंडलों के पदाधिकारी एवं भाजपा नेताओं ने अपनी सहभागीता निभाई ,सबसे आश्चर्य की बात यह दिखा कि इस चक्काजाम आंदोलन में नेताओं एवं पदाधिकारियों के अतिरिक्त गिने-चुने कार्यकर्ता दोपहर 2 बजे सड़क जाम करने पहुंचे जो निष्प्रभावी नजर आया। लटेरी तहसील के अपर कलेक्टर वर्षा एवम जयनगर पुलिस थाना के थाना प्रभारी सुभाष कुजुर की सतर्कता एवं बुधिमता कारण मार्ग के दोनों तरफ वाहनों की कतार दूर दूर तक नजर नहीं आई।पुलिस ने मार्ग परिवर्तन कर आवा जाहि निर्बाध गति से जारी रखने काम में मुस्तैद रहे जिससे किसी भी वाहन चालकों की कोई परेशानी नहीं आई ।पूरा मार्ग जाम होने की बजाय खाली नजर आया ।
नेताओं ने जमकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अजय गोयल ने प्रदेश के भूपेश सरकार पर जमकर बरसे उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एवं देश के प्रधान नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से बौखलाए प्रदेश की भूपेश सरकार भाजपा को कमजोर करने के लिए कई रणनीति बनाई है जिसमें निष्ठावान कार्यकर्ताओं की हत्या कराने का कार्यक्रम है जिसके तहत बस्तर के लोकप्रिय भारतीय जनता पार्टी के चार नेताओं की हत्या करा दी गई ।हम अपने निष्ठावान शहीद नेताओं का संकल्प लेते हैं कि भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की निकम्मी भूपेश सरकार को उखाड़ फेकेंगे
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बनारसी जयसवाल अस्वस्थ होने के बाद भी आंदोलनकारियों का हौसला अफजाई करने आंदोलन स्थल पहुंचे उन्होंने कहा कि प्रदेश की निकम्मी सरकार हर मोर्चे पर फेल है ।गरीब, जवान, किसान सब परेशान है प्रदेश की जनता इन्हें उखाड़ने का संकल्प ले लिया है। भाजपा जिला उपाध्यक्ष अनुप सिन्हा ने कहां कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है ।लूटपाट ,चोरी ,तस्करी, बलात्कार ,डकैती , छेड़ क्षण एव जैसी वारदात अब आम हो गई है ।गुंडे मवालीयों का राज है ।आए दिन हत्या बलात्कार की घटना सामने आ रही है। सरकार सरकार कुंभ करणी नींद में सो रही है जिसे अब उखाड़ कर फेंकना ही होगा। , भाजपा जिला उपाध्यक्ष पुष्पा सिंह , जिला पंचायत सदस्य गीता जयसवाल, ललित गोयल, संदीप सरकार ,लक्ष्मी रजवाड़े, दीपेंद्र सिंह चौहान ,सत्यनारायण जायसवाल, दुर्गा शंकर जयसवाल, दुर्गा गुप्ता ,सीतीकांत स्वाई के के बलू गोयल आदि नेताओं ने बस्तर में भारतीय जनता पार्टी के चार पदाधिकारी की सुनियोजित तरीके से हत्या एवं प्रदेश में बढ़ते हुए अपराध और बिगड़ते हुए कानून स्थिति का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार पर खूब बरसे।
भाजपा मंडल शिवनंदनपुर अध्यक्ष देव धन राम बिझिया और भाजपा मंडल बिश्रामपुर नीलू गुप्ता ने चक्का जाम कार्यक्रमआंदोलन में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ साथ मंडल मे निवासरत प्रदेश पदाधिकारी, कार्यसमिति सदस्यगण, जिला पदाधिकारी, कार्यसमिति सदस्य,जिला मोर्चो के पदाधिकारीगण,मंडल के प्रभारी सह प्रभारी, भाजपा मंडल के समस्त पदाधिकारी व कार्यसमिति सदस्य गण, स्थाई आमंत्रित सदस्यगण व विशेष आमंत्रित सदस्यगण, मोर्चा के अध्यक्ष, महामंत्री,एवं कार्यसमिति प्रकोष्ठकेमंडलसयोजक,सहसंयोजक,सभी शक्तिकेंद्र प्रभारी,संयोजक व सहसंयोजक, स्थानिय बूथ समिति के समस्त सदस्यगण एवम् समस्त भाजपा के आयोजन में उपस्थिति होने का आह्वान किया था जिससे भाजपा कार्यकर्ताओं ने महत्त्व ना देते हुए इस आंदोलन से खुद को दूर रखा केवल पदाधिकारी हैं नजर आए अब ऐसे में सवाल उठता है कि मुट्ठी भर कार्यकर्ताओं से 2024 के चुनाव रूपी बैतरणी को भाजपा कैसे पार करेगी बहराल आंदोलन में उपस्थित भाजपा नेताओं ने अपनी थोड़ी सी उपस्थिति से ही गदगद एवं प्रसन्न नजर आए।
आंदोलन में नहीं शादी समारोह में आए थे नेता
आंदोलन स्थल पर पहुंचने वाले अधिकतर नेता एवं कार्यकर्ता कुर्ता पजामा एवं मोदी जैकेट पहन कर आंदोलन स्थल पर पहुंचे थे परंतु अनके कुर्ते पजामे का क्रीच खराब न हो जाए इससे बचते हुए सड़क पर बैठने के बजाय वह सड़क के किनारे खड़े रहे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वे आंदोलन में नहीं किसी शादी समारोह में आए है।