
प्रधानमंत्री आवास योजना ने पूरे किए तीन लाख गरीब परिवारों के सपने
प्रधानमंत्री आवास योजना ने पूरे किए तीन लाख गरीब परिवारों के सपने
बिलासपुर में प्रधानमंत्री मोदी ने हितग्राहियों को सौंपी घर की चाबी, दूरस्थ वनांचलों तक पहुंची विकास की रोशनी
रायपुर, 31 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ के लाखों गरीब परिवारों के लिए 30 मार्च 2025 का दिन ऐतिहासिक बन गया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिलासपुर जिले के ग्राम मोहभट्ठा में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तीन लाख परिवारों को गृहप्रवेश कराया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने दूरस्थ अंचलों के तीन आदिवासी हितग्राहियों को खुद अपने हाथों से उनके नए पक्के मकानों की चाबी सौंपी।
इस योजना के तहत, खासकर वनवासी और वंचित समुदायों को प्राथमिकता दी गई, जिससे उन परिवारों को स्थायी आवास की सुविधा मिली, जो लंबे समय से कच्चे घरों में रहने को मजबूर थे। इससे न केवल उनके जीवन में सुरक्षा और स्थायित्व आया है, बल्कि आत्मसम्मान और सामाजिक समावेश की भावना भी मजबूत हुई है।
दूरस्थ इलाकों में भी मिला पक्का घर
छत्तीसगढ़ के दूरस्थ वनांचलों में बसे गरीब और आदिवासी परिवारों के लिए पक्के घर का सपना साकार हुआ है। वर्षों से अस्थायी झोपड़ियों और कच्चे घरों में रहने वाले इन परिवारों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं रही। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने बीजापुर जिले की सोमारी पुनेम, कबीरधाम जिले के दल्लुराम बैगा और जशपुर जिले के जगतपाल राम को प्रतीकात्मक रूप से उनके नए घरों की चाबी सौंपी।
इनमें विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय के दल्लुराम बैगा भी शामिल हैं, जो पहले मिट्टी और खपरैल के घर में रहते थे। उनका परिवार बरसात के दिनों में छत से टपकते पानी और दीवारों के कमजोर होने की समस्या से जूझता था। लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले घर ने उन्हें सुरक्षा और स्थायित्व दिया है।
आवास योजना ने बदली हजारों ज़िंदगियाँ
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रत्येक हितग्राही को आवास निर्माण के लिए दो लाख रुपए की सहायता दी गई। इसके अलावा, मनरेगा के तहत 95 दिनों की मजदूरी के रूप में 23,000 रुपये की अतिरिक्त राशि भी दी गई। योजना के अंतर्गत बिजली, शौचालय और रसोई गैस जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गईं, जिससे इन घरों को पूरी तरह रहने योग्य बनाया जा सके।
जशपुर जिले के पहाड़ी कोरवा समुदाय के जगतपाल राम, जो पहले एक जर्जर झोपड़ी में रहते थे, अब अपने नए पक्के मकान में सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पहले बारिश के दिनों में उनकी झोपड़ी से पानी टपकता था, सांप-बिच्छुओं का खतरा बना रहता था और हर साल झोपड़ी की मरम्मत करना मजबूरी थी। अब, अपने नए घर में, वे बिना किसी चिंता के जीवन बिता रहे हैं।
महिलाओं को मिला आत्मनिर्भरता का संबल
प्रधानमंत्री आवास योजना ने न केवल मकान दिए, बल्कि गरीब परिवारों को आत्मनिर्भरता की नई राह भी दिखाई। बीजापुर जिले के चेरपाल पंचायत की सोमारी पुनेम, जो अपने बेटे के साथ कच्चे घर में कठिनाइयों का सामना कर रही थीं, अब अपने पक्के मकान में गर्व और आत्मसम्मान के साथ रह रही हैं। उन्होंने अपने घर के निर्माण में खुद भी श्रमदान किया, जिससे उन्हें न केवल एक नया घर मिला, बल्कि अपने आत्मविश्वास को भी मजबूती मिली।
विकास की नई इबारत लिखता छत्तीसगढ़
इस योजना से छत्तीसगढ़ के गरीबों और वंचितों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। अब तक राज्य में लाखों लोगों को आवासीय सुरक्षा दी जा चुकी है, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर हुआ है। दूरस्थ अंचलों में रहने वाले आदिवासी परिवारों को पक्के मकानों के साथ-साथ मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं। इससे वे अब बिना किसी चिंता के अपने परिवार के भविष्य की ओर ध्यान दे पा रहे हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना ने छत्तीसगढ़ में गरीबी उन्मूलन और सामाजिक उत्थान की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह योजना केवल घर देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्मसम्मान, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का आधार भी बनी है। गरीबों के जीवन में आई यह स्थिरता अब उनके उज्ज्वल भविष्य की नींव रख रही है।