
कारोबारी के घर डकैती की कोशिश, 5 नकाबपोशों में 3 चढ़े पुलिस के हत्थे
रायगढ़ । चाकू-टांगी और डंडे से लैस 5 अज्ञात नकाबपोशों द्वारा फर्नीचर व्यवसायी की दुकान का ताला तोड़ते हुए घर में दहशगर्दी मचाते हुए डकैती की नाकाम कोशिश करने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है।
मुल्जिमों ने कारोबारी की बूढ़ी मां को तकिए से दबाकर मारना भी चाहा। वहीं व्यापारी पर टांगी से प्राणघातक हमला करने वाले आरोपियों ने जब परिवार को इकट्ठे होते देखा तो पकड़े जाने का खौफ सताते ही उनको खाली हाथ नौ दो ग्यारह होना पड़ गया। यह वारदात छाल थाना की है। पुलिस ने 3 आरोपियों को हिरासत में लिया है।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक हाटी के धरमजयगढ़ रोड निवासी प्रदीप अग्रवाल आत्मज वैद्यनाथ अग्रवाल 55 वर्ष अपने भाई दिलीप के साथ घर के सामने ही फर्नीचर, हार्डवेयर और थोक में किराना सामान की दुकान चलाते हुए परिवार के साथ रहता है। रविवार रात साथ बैठकर खाना खाने के बाद अग्रवाल परिवार सोने चले गए। प्रदीप की तकरीबन 75 वर्षीया बूढ़ी मां घर के हॉल में सोई थी। दरमियानी रात लगभग डेढ़ से 2 बजे के बीच मुंह को कपड़े से ढंके 5 अज्ञात लोग टांगी-चाकू और डंडे लेकर अग्रवाल परिवार के घर के पीछे गए, मगर भीतर दाखिल नहीं हो पाने के कारण वे सामने दुकान की तरफ आए।
चूंकि प्रदीप अग्रवाल के घर के बाहर दुकान तरफ सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरे लगे हैं इसलिए फुटेज में 5 नकाबपोश कैद हुए हैं। प्रतिष्ठित व्यवसायी के घर लंबा हाथ मारने के इरादे से डकैती डालने पहुंचे आरोपियों ने लोहे के शटर में लगे ताले को तोड़ा और भीतर जा धमके। आधी रात को 5 अज्ञात लोगों के एक साथ अंदर आने की आहट लगने पर हॉल में सोई वृद्धा की नींद खुली तो घर में अजनबियों को देख वह जोर से चिल्लाई। ऐसे में मुल्जिमों ने सयानी महिला के मुंह को तकिए से दबाते हुए उसे शोर नहीं मचाने की धमकी दी तो हाथ में हथियार थामे आरोपियों के नापाक मंसूबे को भांप उसे मजबूरन खामोश रहना पड़ा।
वहीं हॉल से मां की चीख सुनकर बगल कमरे में सोया प्रदीप जब अपने कमरे से उठकर बाहर गया तो घर में नकाबपोशों को देख उसके होश उड़ गए। उसने अपनी बूढ़ी मां को उनके कब्जे में देख बदहवासी में चीख चीत्कार मचाते हुए परिजनों को पुकारा तो टांगी थामे नकाबपोश ने आव देखा न ताव और उस पर हमला कर दिया। टांगी और डंडे के अप्रत्याशित प्रहार से प्रदीप के दाहिने पांव के घुटने के पास चोट लगते ही खून बहने लगा। इस बीच घर में हो हंगामे की भनक लगने पर दिलीप और परिवार के अन्य सदस्य भी उठकर हॉल पहुंचे तो अग्रवाल फैमिली की बढ़ती संख्या को देख डकैतों को डकैती डालने की बजाए उल्टे पांव बैरंग भागना पड़ा।
जल्दबाजी में जूते-शॉल छोड़ गए मुल्जिम
अग्रवाल परिवार के सदस्यों को एकत्रित होते देख हथियार पकडऩे वाले बदमाशों का हौसला पस्त होते ही पकड़े जाने के डर से वे ऐसे भागे कि जल्दबाजी में अपने जूते और शॉल तक को समेट नहीं पाए। पीडि़त परिवार ने आरोपियों के जूते और 2 शॉल को पुलिस के हवाले किया है। डकैतों के फरार होते ही बदहवास प्रदीप और दिलीप ने अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों के अलावे 112 नंबर डायल कर वारदात की जानकारी देते हुए मदद की मांग की तो जख्मी प्रदीप को अस्पताल ले जाया गया।
अलसुबह साढ़े 3 बजे पहुंची पुलिस
डकैती जैसे खतरनाक वारदात से बाल-बाल बचे अग्रवाल परिवार ने घटना की सूचना अलसुबह साढ़े 3 बजे थाने में दी तो हरकत में आए थाना प्रभारी भागवत सिंह डहरिया तत्काल दलबल के साथ मौके पर गए और पुलिस कप्तान सदानंद कुमार, एडिशनल एसपी संजय महादेवा एवं एसडीओपी निमिषा पाण्डेय को वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए डॉग स्क्वॉड व सायबर सेल की मदद मांगी। कुछ ही समय में एसडीओपी निमिषा पाण्डेय के घटना स्थल पहुंचने पर फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट और साइबर सेल के साथ हाटी पहुंचे। मुल्जिमों के छूटे जूते तथा शॉल को सूंघकर घर से निकलने वाली पुलिस डॉग सडक़ में जाकर घूमते हुए ठिठकती रही। ऐसे में माना जा रहा है कि आरोपी गाड़ी से आए और रोड किनारे में ही वाहन को खड़ी किए थे।
अग्रवाल परिवार से पूछताछ के अनुसार फर्नीचर खरीदी के लिए पहुंचने वाले ग्राहकों को वे दुकान से घर के अंदर तक ले जाते थे। नतीजतन, माना जा रहा है कि कारोबारी के यहां डकैती कांड की योजना बनाने वाले नकाबपोश भी फर्नीचर देखने के बहाने पहले वहां रैकी करने गए होंगे। यही वजह है कि पुलिस ने उनकी पतासाजी के लिए सीसीटीवी फुटेज भी खंगाला।
क्या कहती हैं एसडीओपी
खरसिया एसडीओपी निमिषा पाण्डेय ने कहा कि डकैती के प्रयास में अग्रवाल परिवार के यहां दाखिल नकाबपोशों के हमले से प्रदीप जख्मी है तो उसकी मां के मुंह को भी तकिए से दबाया गया था। पुलिस ने काफी माथापच्ची के बाद 3 आरोपियों को धरदबोचा है। इसमें एक लोकल हाटी का है तो दूसरा चाम्पा और तीसरा कोरबा जिले के करतला का रहने वाला है। उनके कब्जे से टांगी के अलावे घरेलू उपयोग वाला चाकू भी जब्त है। वहीं, भादंवि की धारा 398, 458, 469 के तहत मुकदमा पंजीबद्ध कर शेष दो फरार मुल्जिमों को पकडऩे के लिए पुलिस उनके छिपने के संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है।