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बेहतर समाज के निर्माण एवं ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए गांवों में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों, बुराइयों, नशापान, फिजूलखर्ची को रोकने की आवश्यकता – कमिश्नर चुरेन्द्र

सूरजपुर : बेहतर समाज के निर्माण एवं ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए गांवों में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों, बुराइयों, नशापान, फिजूलखर्ची को रोकने की आवश्यकता – कमिश्नर चुरेन्द्र

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सुशासन, ग्राम स्वराज, ग्राम सुराज पर एक पहल के तहत ओड़गी के कुदरगढ़ में विकासखंड स्तरीय समन्वय बैठक का हुआ आयोजन

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ग्राम पंचायतों को स्वावलंबी एवं सशक्त बनाने के सपने को मूर्त रूप देने के उद्देश्य से सरगुजा संभागायुक्त जी. आर. चुरेन्द्र ने ओड़गी विकासखंड के कुदरगढ़ में विकासखंड स्तरीय समन्वय बैठक आयोजित कर सुशासन, ग्राम स्वराज, ग्राम सुराज पर एक पहल के तहत अधिकारियों, कर्मचारियों तथा जनप्रतिनिधियों, समाजिक प्रतिनिधियों, पटेल, कोटवार, सचिव एवं अन्य मैदानी कर्मचारी अधिकारी को पंचायती राज व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए समन्वय करके विकास के लिए बेहतर तालमेल के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ महात्मा गांधी जी के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया।
बैठक में उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का सपना था कि पंचायतों को स्वावलंबी बनाया जाए। उनके सुशासन के इस सपने को पूरा करने के लिए सभी अधिकारी कर्मचारी को अधिक कर्मठता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में ग्राम पंचायतों की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण है, इसलिए उनकी जिम्मेदारी भी सबसे अधिक है। इस हेतु सभी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, जनप्रतिनिधियों गांवों के सरपंच-सचिव को आपसी समन्वय एवं बेहतर तालमेल के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। जिससे गांवों का विकास हो सके।
चुरेन्द्र ने कहा कि बेहतर समाज के निर्माण एवं ग्रामीण लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए गांवों में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों, बुराइयों, नशापान, फिजूलखर्ची को रोकने की आवश्यकता है। इस हेतु इन दोषों को दूर करने के लिए उन्होंने ग्राम सभाओं के माध्यम से अभियान चलाए जाने के लिए कहा। उन्होंने गांवों में आर्थिक गतिविधियों को तेज करने के लिए मछली पालन, पशुपालन, सामूहिक बागवानी और खेती आदि कार्याे पर बल देते हुए कहा कि हर हाथ को रोजगार देने के लिए लोगों को प्रेरित करने के साथ ही उन्हें पर्याप्त अवसर दिए जाने की भी आवश्यकता है। कमिश्नर ने ग्राम पंचायतों में प्रति सप्ताह ग्रामीण सचिवालय और प्रत्येक 15 दिन में विकासखंड मुख्यालय में विकासखण्ड सचिवालय का आयोजन करने के लिए कहा। जिससे गांवों की समस्याओं का निराकरण जल्द से जल्द हो सके। उन्होंने सभी अधिकारी-कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने और अपने क्षेत्र का नियमित भ्रमण करने के साथ ही दैनिक जानकारी अपने उच्च अधिकारियों को देने की बात कही। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रो में स्थित शासकीय भूमि का सर्वे करने, नक्शा अद्यतन करने एवं उनका पोर्टल पर एंट्री करने की बात कही साथ ही गांवो में लोक प्रयोजन के लिए उपयोगी शासकीय भूमि पर किए गए अवैध कब्जे को हटाने के लिए उचित कार्यवाही करने एवं नए कब्जों की सूचना पर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
संभागायुक्त ने गांवों में जल आवर्धन, भूमिगत जलस्रोतों का स्तर बढ़ाने हेतु नदी- तालाबों तक पहुंचने वाले जलमार्गों के रास्ते में बनाए गए अवरोधों को तत्काल हटाने के निर्देश दिए, जिससे गांवों में जलस्तर में वृद्धि हो सके। साथ ही गांवों में जल संरक्षण के लिए सोख्ता एवं बड़े तालाबों के निर्माण करने की बात कही।
आयोजित समन्वय बैठक में जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि देवनारायण चेरवा , जनपद पंचायत सदस्य श्रीमती भाग्यवती सिंह, सरपंच श्रीमती शिवकुमारी, जिला पंचायत सीईओ सुश्री लीना कोसम, एसडीएम सागर सिंह, तहसीलदार ओ पी सिंह, संजय राठौर, श्रीमती ऋतुराज, जनपद सीईओ एम एल वर्मा सहित ग्राम पंचायत के पदाधिकारी एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

Ashish Sinha

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