ताजा ख़बरेंबीजापुरब्रेकिंग न्यूज़

पोषडपल्ली गुफा जुड़ा है भगवान श्रीकृष्ण-जामवंत युद्ध के पैराणिक मान्यताओं से

कल श्रीकृष्ण की रथयात्रा के साथ श्रीसकल नारायण मेला का होगा परायण
बीजापुर। भेपालपटनम तहसील मुख्यालय से दस किमी दूर सकल नारायण की पहाड़ी पर गुफा के अंदर श्रीकृष्ण की प्रतिमा स्थापित है। सकल नारायण गुफा से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी में ग्राम पोषडपल्ली मंदिर परिसर में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी गुड़ी पड़वा (उगादि) एवं चैत्र मास के पावन अवसर पर बड़े ही धूमधाम भक्ति श्रद्धा व क्षेत्रीय परंपराओं के अनुसार श्रीसकल नारायण मेला का आयोजन 18 मार्च शनिवार को मंदिर परिसर में मंडपाच्छादन के साथ प्रारंभ हुआ 19 मार्च दिन रविवार को गोवर्धन पर्वत पूजा अर्चना एवं ध्वजारोहण किया गया। 20 मार्च सोमवार को भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना मंदिर परिसर में किया गया, 21 मार्च मंगलवार को श्रीराधा-कृष्ण का विवाह संपन्न किया गया। 22 मार्च बुधवार को भगवान श्रीकृष्ण की रथयात्रा के साथ श्रीसकल नारायण मेला का परायण आगामी वर्ष के लिए किया जायेगा। ग्राम पोषडपल्ली में पौराणिक कथा का समावेश यहां के गुफा में विराजमान भगवान श्रीकृष्ण के साथ जामवंत की 21 दिनों तक हुए युद्ध के पैराणिक मान्यताओं से जुड़ा माना जाता है।

hotal trinatram
Shiwaye
nora
899637f5-9dde-4ad9-9540-6bf632a04069 (1)

इस मेले की विशेषता है कि यह बहुत ही प्राचीन काल की गुफा में भगवान श्रीकृष्ण विराजमान है। ग्राम पोषडपल्ली मंदिर परिसर से सकल नारायण गुफा की दूरी लगभग 03 किलोमीटर चिंतावागु नाला पार कर वनों से आच्छादित रास्ता से गुफा तक जाना पड़ता है। गुफा में दर्शन हेतु दर्शनार्थियों को टार्च की आवश्यकता होती है, क्योंकि गुफा के अंदर अंधेरा छाया हुआ रहता है। गुफा के आस-पास के पत्थरों में बड़े-बड़े मधुमक्खियों के छाता लगा हुआ रहता है। यह मधुमक्खियां दर्शनार्थियों के लिए किसी प्रकार का क्षति नहीं पहुंचाते है। ग्राम के पुजारियों के अनुसार इस गुफा के आस-पास बहुत से मोर के पंख बिखरा हुआ रहता है। कभी-कभी मुरली की मधुर आवाज भी सुनाई देती है। इस गुफा में छोटे-छोटे शिला से बनी हुई मूर्तियां सुंदर आकृति में दिखाई देता है। इस मेले में छत्तीसगढ़ के अलावा तेलंगाना, महाराष्ट्र के श्रद्धालु गुफा में विराजमान श्रीकृष्ण का दर्शन कर जीवन में सुख समृद्धि का वरदान मांगते हैं।
पौराणिक की कथा के अनुसार इस गुफा की विशेषता यह है की इस गुफा से द्वापर युग की कहानी प्रचलित है। द्वारिकापुरी में निवास करने वाले सत्राजित यादव ने भगवान सूर्य की आराधना की जिससे प्रसन्न होकर भगवान सूर्य ने उसे नित्य 8 भाग सोना देने वाली स्यमातक नामक मणि अपने गले से उतार कर दे दी। मणि को पाकर सत्राजीत यादव जब समाज में गये तो श्रीकृष्ण उस मणि को प्राप्त करने की इच्छा व्यक्त की। सत्राजीत वह मणि श्रीकृष्ण को देने से इंकार कर अपने भाई प्रसन्नजीत को दे दी। एक दिन प्रसन्नजीत घोड़े पर चढ़कर शिकार के लिए जंगल गया, वहां एक शेर ने उसे मार डाला और मणि को ले ली। रीछ का राजा जामवंत उसको मारकर मणि को लेकर गुफा में चला गया। जब प्रसन्नजीत कई दिनों तक शिकार से घर ना लौटा तो सत्राजीत को बड़ा दुख हुआ। उसने सोचा कि श्रीकृष्ण ने ही मणि प्राप्त करने के लिए उसका वध कर दिया होगा। अंतत: बिना किसी सबूत जुटाए या जानकारी लिए उसने प्रचार प्रसार किया कि श्रीकृष्ण ने ही प्रसन्नजीत को मारकर स्यामंतक मणि छीन ली है।

nora
Shiwaye
hotal trinatram
durga123

इस लोक निंदा निवारण के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने यादवो के समूह की टोली के साथ प्रसन्नजीत को ढूंढने के लिए निकले, खेज के दौरान प्रसन्नजीत को शेर के द्वारा मार डालना और शेर को रीछ के द्वारा मारने की जानकारी मिलने पर रीछ के पैरों की खोज करते हुए जामवंत की गुफा तक पंहुचकर यादवो के समूह को बाहर छोड़कर भगवान श्रीकृष्ण गुफा के भीतर चले गए वहां उन्होंने देखा कि जामवंत की पुत्री उस मणि से खेल रही थी। श्रीकृष्ण को देखते ही जामवंत युद्ध के लिए तैयार हो गया। युद्ध छिड़ गया। इधर गुफा के बाहर श्रीकृष्ण के साथियों ने उनके वापस लौटने के लिए 7 दिनों तक प्रतीक्षा करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण की मृत्यु हो जाना मानकर वापस द्वारिकापुरी लौट गये।
इधर 21 दिन तक लगातार युद्ध करने पर भी जामवंत श्रीकृष्ण को पराजित ना कर सका। तब उसने सोचा कि यह वही अवतार तो नहीं जिसके लिए मुझे भगवान श्रीराम का वरदान मिला है, इसकी पुष्टि होने पर जामवंत ने भगवान श्रीकृष्ण से क्षमा याचना मांगी और उसने अपनी पुत्री जामवंती का विवाह श्रीकृष्ण के साथ कर दिया और उस मणि को उपहार के स्वरुप भगवान श्रीकृष्ण को भेंट किया। जब उस मणि को लेकर श्रीकृष्ण वापस द्वारिकापुरी लौटे तो सत्राजीत अपने किए हुए कार्य पर बहुत लज्जित हुए। इस लज्जा से मुक्ति के लिए उसने भी अपनी पुत्री का विवाह भगवान श्रीकृष्ण से कर दिया।

Pradesh Khabar

a9990d50-cb91-434f-b111-4cbde4befb21
rahul yatra3
rahul yatra2
rahul yatra1
rahul yatra

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!