
जनजाति गौरव समाज सरगुजा द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर वर्चुअल पर्यावरण संगोष्ठी का आयोजन
प्रभा आनंद सिंह यादव/ ब्यूरो चीफ/सरगुजा// जनजाति गौरव समाज सरगुजा संभाग द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर शुक्रवार को वैश्विक महामारी कोरोना के कारण वर्चुअल रूप में पर्यावरण संगोष्ठी का आयोजन संभागीय अध्यक्ष माननीय परमेश्वर सिंह मरकाम की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। उन्होनें उद्बोधन में कहा कि अपने जीवन को परोपकारी जीवन जिएँ ताकि मानव जीवन का कल्याण हो सके, साथ ही प्रकृति के साथ नाता जोड़ने की बात कही। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि प्रदेश महासचिव विकास मरकाम ने जीवन के प्रत्येक शुभकार्य में पौधे लगाकर जीवन में नयापन लाने के लिए प्रेरित किए। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जल संरक्षण एवं पर्यावरण गतिविधि के छत्तीसगढ़ प्रांत प्रमुख डा. अनिल कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि जनजाति समाज का जन्म ही प्रकृति में होता है। प्रकृति का नाता जल, जंगल, जमीन, जानवर और जन से हमेशा से रहा है, इनका संतुलन ही पर्यावरण का आधार है। पेड़ और पानी को आज बचाना, पर्यावरण के संतुलन के लिए आवश्यक है। पीपल पेड 24 घंटे आक्सीजन देता है और कार्बनडाईऑक्साइड गैस ग्रहण कर आस पास के जनजीवन को शुद्ध ऑक्सिजन प्रदान करता है। बेल के पेड़ से दीर्घायु जीवन प्राप्त होता है। बरगद के पेड़ लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। दस तालाब के बराबर एक पुत्र और दस पुत्र के बराबर एक पेड़ का महत्व होता है। उन्होनें अपने जीवन के शोध में पर्यावरण के विषय में अनेक तथ्यों को अपने संबोधन में समाहित किया। कार्यक्रम का संचालन संभाग के सचिव सहदेव भगत एवं आभार प्रदर्शन महिला समाज सरगुजा की जिलाध्यक्ष अनामिका पैंकरा ने किया। तकनीकी व्यवस्था विकास भगत ने संभाला। संगोष्ठी कार्यक्रम में जनजाति गौरव समाज के रामलखन सिंह पैंकरा, इन्दर भगत, संजय सिंह, जलजीत सिंह, सत्यनारायण सिंह, संतोष सिंह, शशिकला भगत, अंकित तिर्की, कलावती मरकाम, दिनेश सिंह, पावन पूर्णाहुति भगत, राजीव सिंह उईके सहित कार्यकर्ता उपस्थित रहे । यह जानकारी जनजाति गौरव समाज, सरगुजा के जिला सचिव इन्दर भगत द्वारा दी गई है।