
बच्चों का “आंगन” भी अब सुरक्षित नहीं, छत का प्लास्टर गिरने से आधा दर्जन बच्चे हुए घायल, 3 की हालत गंभीर
तिल्दा। नौनिहालों की शिक्षा-दीक्षा और उन्हें पोषक आहार उपलब्ध कराने के लिए संचालित आंगनबाड़ी केंद्र भवनों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। रायपुर जिले के तिल्दा-नेवरा तहसील के ग्राम बोइरझिटीं की आंगनबाड़ी की छत की कांक्रीट गिरने से आधा दर्जन बच्चे मलबे की चपेट में आ गए हैं। इनमें से 3 की हालत गंभीर देख उन्हें रायपुर के डीकेएस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
यह घटना जब घटी तब बच्चे अंदर पढ़ रहे थे। तभी छत का प्लास्टर भरभराकर गिर पड़ा। यहां छह बच्चे प्लास्टर की चपेट में आकर घायल हो गए। महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी ने बताया कि घायल बच्चों में शीतल वर्मा, डॉली वर्मा, नव्या ध्रुव को ज्यादा चोट होने से डीकेएस अस्पताल में भर्ती किया है, हालांकि डॉक्टरों ने सभी को खतरे से बाहर बताया है।

इस घटना के बाद अधिकारी अपनी सफाई में कहते हैं कि आंगनबाड़ी केंद्रों का समय-समय पर निरीक्षण होता है, संबंधित भवन की हालत देखने में जर्जर नहीं लग रही थी। बावजूद इसके कैसे घटना घाटी इसकी जांच की जाएगी। वैसे इस घटना ने कई सवालों को जन्म दे दिया है। पूरे प्रदेश में बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी केंद्र पुराने भवनों में संचालित हैं, वहीं कई तो अब भी किराये के मकानों में चल रहे हैं। पुराने भवनों की मॉनिटरिंग करते हुए उनके जीर्णोद्धार की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।