
गोपाल सिंह विद्रोही प्रदेश खबर प्रमुख छत्तीसगढ़ सूरजपुर।नदियों का सीना छलनी कर अवैध तरीके से निकाले जा रहे रेत से नदियों के अस्तित्व पर खतरा तो मंडरा ही रहा है साथ ही क्षेत्र में भूजल स्तर भी लगातार गिरते जा रहा है। इधर प्रशासन है कि रेत माफियाओं पर कार्रवाई करने के बजाय मूक दर्शक बना हुआ है,शायद रेत माफियों की पहुंच ऊंची होने के कारण इन पर कार्रवाई करने से प्रशासन के भी हाथ-पांव फुल रहे हैं ।जिम्मेदार खनिज विभाग तो ऐसा लगता है मानो खुद रेत माफियाओं से सांठगांठ कर ऐसे अवैध धंधों को बढ़ावा दे रहा हैं।
जानकारी के अनुसार जिले में जीवनदायिनी रेण नदी व गोबरी नदी में कई ऐसी रेत खदान है जहां अवैध तरीके से रेत निकाला जा रहा है। सरकार ने तो इस वर्ष रेत खदानों को ठेका में दे दिया है और ठेकेदार भी ज्यादातर सत्ता पक्ष के पहुंच वाले ही हैं ऐसे में इनको मनमानी करने से किसी का डर भय भी नहीं है। हालांकि क्षेत्र के लोग ठेकेदारी प्रथा का जमकर विरोध भी कर रहे हैं आम नागरिक भी रेत के अनाप-शनाप रेट से सरकार को कोस रहा है।
रेन नदी व गोबरी नदी पर दर्जनों ऐसे रेत खदान है जहां नियमों को ताक पर रखकर दिन में ही नहीं रात में भी रेत का उत्खनन व परिवहन किया जा रहा है।ऐसे रेत खदानों में कुरुवां, कोरेया, रतनपुर, कांसापारा, जयनगर ,गोबरी राजापुर ,कांतीपुर, सत्तीपारा, खडगवा कला, बंशीपुर, हर्राटिकरा, कदरंई, कसकेला, समौली, खोपा, रेवटी, नमनाकला,सलका,बकालो,
कांतीपुर, पम्पापुर, लखनपुर समौली सेमरा अन्य घाटो में नदी से रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन धड़ल्ले से जारी है।नदी के घाटो से रेत निकालने के लिये ठेके पर जिस ठेकेदारों को यह ठेका मिला है उसमें अधिकतर लोगों को अभी तक पीटपास जारी नहीं हुआ है बावजूद बेरोकटोक रेत का उत्खनन व परिवहन कर महंगे दामों पर बेचा जा रहा है इससे शासन को हर महीने लाखों का चूना तो लग ही रहा है।आम लोगों को भी रेत खरीदी पर अतिरिक्त भार पढ़ रहा है जिसे लेकर लोगों में खासा नाराजगी है और वे शासन प्रशासन को कोस रहे ।दूसरी ओर ठेकेदार जेसीबी मशीन से निर्धारित रकबा के अतिरिक्त जहां चाह रहे हैं वही नदी का सीना छलनी करने उतारू हैं इससे नदियों के अस्तित्व पर तो खतरा मंडरा रहा है साथ ही भूजल स्तर भी लगातार नीचे जा रहा है जिससे आने वाले समय में क्षेत्र के लोगों को पीने की पानी की समस्या का संकट झेलना पड़ सकता है इसे लेकर आम जनमानस भी चिंतित है मगर इससे यहां प्रशासन को कोई लेना-देना नहीं है तभी तो ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने से प्रशासन के हाथ-पांव फूल रहे हैं जिम्मेदार विभाग का तो रवैया ही ऐसा है जैसे रेत माफियाओं से उसकी सीधे-सीधे सांठगांठ है,लगातार शिकायतों के बावजूद भी रेत ठेकेदारों के अवैध उत्खनन व परिवहन पर प्रशासन का कोई भी अंकुश नहीं है शायद यह कहा जा रहा है रेत माफियाओं का सीधे-सीधे सत्ता पक्ष के लोगों से सांठगांठ होने के कारण प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की जा रही है और रेत ठेकेदार मनमानी करने पर उतारू हैं जिसका खामियाजा आने वाले समय पर आम लोगों को उठानी पड़ेगी। रेत के लगातार उत्खनन से नदियों की स्थिति भी सूखने के कगार पर हैं गर्मी के मौसम में भी नगर सीमा से लगे रेणुका नदी हमेशा खिलखिलाती बहती थी मगर अब वह स्थिति नहीं दिखती,यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब आम जनमानस नदियों के अस्तित्व को बचाने शासन प्रशासन के खिलाफ खड़ा हो जाएगा। इधर दूसरी ओर रेत परिवहन के कार्य में लगे ट्रैक्टरों के आवाजाही से सड़कों की दुर्दशा तो हो ही रही है ट्रैक्टर चालक अकुशल कम उम्र के लड़के ऐसे दौड़ाते हैं जिनको देखकर ही आवागमन करने वाले भयभीत रहते हैं नवशिखवे ड्राइवर रोजाना सड़कों पर बेधड़क ट्रैक्टरों का परिचालन कर रहे हैं जिनकी भी कभी जांच नहीं होती और ऐसे लोग सड़क दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। कई ऐसे चालकों की वजह से जिले में सड़क दुर्घटनाएं भी हो गई हैं। बावजूद प्रशासन कभी कार्रवाई की दिशा में ध्यान नहीं देता।
गोबरी नदी में ठेकेदार की मनमानी रात को भी निकाले जा रहे रेत
गोबरी नदी में रेत ठेकेदार के द्वारा नियमों को ताक में रखकर रेत का उत्खनन किया जा रहा है। नदी के घाट से नियम विरुद्ध रात भर रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन लगातार जारी है ठेकेदार हो अभी खनिज विभाग पीट पास जारी नहीं किया है बावजूद महीनों से रेत का कारोबार किया जा रहा है रेत ठेकेदार दबंगई के आगे खनिज विभाग भी नतमस्तक है खनिज विभाग के गाईडलाइन के अनुसार रेत का परिवहन सुबह 6 से शाम 6 बजे तक ही निर्धारित है मगर नेशनल हाईवे से लगे इस रेत खदान और हाईवे के खनिज विभाग के नाके से शाम 6 बजे के बाद ये रेत से भरी गाड़ियां रोज निकल रही हैं आखिर इन्हें किस का शह मिला हुआ है। रात भर ट्रैक्टरों की आवाजाही से क्षेत्र के रहवासी परेशान हैं।
तय मानक से ज्यादा का उत्खनन
नदी के घाटो से रेत निकालने के लिये एक निर्धारित रकबा तय की जाती है लेकिन रेत के ठेकेदारो के द्वारा तय मानक से ज्यादा रेत का उत्खनन किया जा रहा है तो वही बिना पीट पास के रेत से भरी वाहने दुसरे प्रदेश जा रहा है। संबंधित विभाग के अधिकारी आज तक रेत खदानो का मुह तक नही देखे ना ही इनको इतनी फ्रिक है नदी के रेत का किस प्रकार का दोहन किया जा रहा है। बस यह विभाग भी इन ठेकेदारों से मिलकर अपनी कमाई में मस्त है।
एक पीट पास से कई बार परिवहन,रॉयल्टी की हो रही है चोरी
बताया जाता है कि अभी तक मापदंडों को पूर्ण नहीं करने वाले ज्यादातर ठेकेदारों को प्रशासनिक अनुमति नहीं मिली है जिनको मिली है उसमें भी अधिकतर ठेकेदारो द्वारा एक पीट पास में कई बार रेत का अवैध परिवहन कराया जा रहा है और खनिज महकमा मूकदर्शक बना हुआ है इससे प्रशासन को रायल्टी की भारी क्षति पहुंचा रहा है।
संबंधित खनिज विभाग के अधिकारी संदीप नायक से संपर्क कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई परंतु संपर्क नहीं हो सका