
Ambikapur : विश्व बाल दिवस 2023 के उपलक्ष्य में प्राथमिक शाला सरगवां में बाल-सभा,गो ब्लू, किड्स टेक ओवर एवं खेलकूद एवं दौड़ कार्यक्रम आयोजित किया गया…………….
विश्व बाल दिवस 2023 के उपलक्ष्य में प्राथमिक शाला सरगवां में बाल -सभा,गो ब्लू, किड्स टेक ओवर एवं खेलकूद एवं दौड़ कार्यक्रम आयोजित किया गया…………….
पी0एस0यादव/ब्यूरो चीफ/सरगुजा// यूनिसेफ छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ बाल अधिकार वेधशाला,मानव संसाधन संस्कृति विकास परिषद एवं चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में विश्व बाल दिवस 2023 के उपलक्ष्य में प्राथमिक शाला सरगवां में बाल -सभा,गो ब्लू, किड्स टेक ओवर एवं खेलकूद एवं दौड़ कार्यक्रम आयोजित किया गया। चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी के समीर कुमार पाण्डेय ने बताया कि यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के राज्य प्रमुख जाब जाकारिया जी के मार्गदर्शन एवं बाल परितोष दास सोशल पालिसी स्पेशलिस्ट यूनिसेफ एवं मंगल पाण्डेय सरगुजा सम्भाग प्रभारी छत्तीसगढ़ बाल अधिकार वेधशाला के निर्देशन में पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में विश्व बाल दिवस सप्ताह मनाया जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता राकेश कुमार ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बच्चों के अधिकारों को संरक्षण करना हम सभी का दायित्व है। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सक्षम वातावरण बनाना शिक्षण संस्थानों, सिविल सोसायटी, स्वैच्छिक संगठन एवं शासन की जिम्मेदारी है।
प्रधान पाठक सरोज प्रभा टोप्पो ने बाल सभा के दौरान बच्चों के अधिकारों को विस्तार से बताया। किड्स टेक ओवर कार्यक्रम में छात्र अंशु कुमार ने फौजी की भूमिका करते हुए बताया कि देश की सुरक्षा एवं सेवा करना तथा आतंकवादियों के आतंकवाद को समाप्त करना परम कर्तव्य है। कुमारी इन्दु ने शिक्षक की भूमिका निभाते हुए कहा कि एक शिक्षक अपने को सौभाग्यशाली तब मानता है जब उसके पढ़ाये हुए छात्र सभ्य नागरिक बनकर देश एवं समाज की सेवा करते हैं। प्राथमिक शाला सरगवां के शिक्षिका निर्मला प्रजापति एवं स्वाति वर्मा के फैसलीटेशन में बच्चों के शारीरिक एवं मांसिक विकास को आवश्यक समझते हुए कबड्डी,खो-खो, पिट्ठू, कुर्सी दौड़ कार्यक्रम कराया गया। विश्व बाल दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम के सभी गतिविधियों में बच्चों ने उत्साह पूर्वक सहभागिता किया। बच्चों के द्वारा कार्यक्रम आयोजन हेतु प्रधानपाठक, शिक्षिका, यूनिसेफ, छत्तीसगढ़ बाल अधिकार वेधशाला एवं चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा गया कि ऐसे कार्यक्रम विद्यालय में समय-समय पर होना चाहिए।