
अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में नए आपराधिक कानूनों के अमल की समीक्षा की, कहा- राज्य बने आदर्श मॉडल
नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की बैठक में छत्तीसगढ़ में तीन नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। DSP स्तर पर जवाबदेही और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ट्रायल जैसे निर्देश दिए।
अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में नए आपराधिक कानूनों के अमल की समीक्षा की, कहा- राज्य बने आदर्श मॉडल
नई दिल्ली / रायपुर, 21 अप्रैल 2025।केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ राज्य में लागू किए जा रहे तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक में छत्तीसगढ़ को जल्द से जल्द इन कानूनों के प्रभावी अमल के जरिए एक आदर्श राज्य के रूप में स्थापित करने पर जोर दिया गया।
बैठक में उपमुख्यमंत्री, केंद्रीय गृह सचिव, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव, डीजीपी, BPR&D के महानिदेशक और NCRB निदेशक सहित गृह मंत्रालय और राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लाए गए ये तीन नए आपराधिक कानून भारत की न्यायिक प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार से अपेक्षा जताई कि वह इन कानूनों को टॉप प्रायोरिटी एजेंडा के रूप में लें और शीघ्र अमल सुनिश्चित करें।
प्रमुख निर्देश और सुझाव:
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60 और 90 दिन में आरोपपत्र दाखिल करने की बाध्यता:
अमित शाह ने निर्देश दिए कि डीएसपी स्तर के अधिकारियों की जवाबदेही तय करते हुए 60 और 90 दिनों की समयसीमा में चार्जशीट दाखिल की जाए। -
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ट्रायल:
नए कानूनों में साक्ष्य रिकॉर्डिंग से लेकर ट्रायल तक की प्रक्रिया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये की जा सकती है। इससे मैनपावर और संसाधनों की बचत होगी। -
NATGRID का उपयोग:
उन्होंने कहा कि हर थाना और डीएसपी स्तर के अधिकारी गंभीर अपराधों की जांच में NATGRID का उपयोग नियमित रूप से करें। -
नियमित प्रगति समीक्षा:
राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी हर सप्ताह, गृह मंत्री प्रत्येक पखवाड़े और मुख्यमंत्री हर महीने इस योजना की प्रगति की समीक्षा करें।
अमित शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में इन कानूनों का पूरी तत्परता से पालन आवश्यक है ताकि राज्य एक मॉडल स्टेट के रूप में सामने आए।