
Spectra Motors के खिलाफ CBI ने FIR दर्ज की, बैंकों को 33 करोड़ रुपये नुकसान का मामला
CBI ने स्पेक्ट्रा मोटर्स के खिलाफ बैंक को 33 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को बैंक को 33.12 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के आरोप में भारत की निजी कंपनी- स्पेक्ट्रा और उसके निदेशकों और अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। प्राथमिकी में मैसर्स स्पेक्ट्रा मोटर्स लिमिटेड, भारतभूषण रोशनलाल गुप्ता, जयदेव वी गुप्ता, शीला वी गुप्ता पर आरोप लगाए गए हैं। सभी स्पेक्ट्रा मोटर्स लिमिटेड में निदेशक हैं। प्राथमिकी में मामले में आरोपी के रूप में अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों का भी उल्लेख है।आरोप है कि अभियुक्तों ने एक-दूसरे के साथ साजिश रची और 30 करोड़ रुपये की नकद ऋण (स्टॉक का दृष्टिबंधक) सीमा का लाभ उठाया। 6 करोड़ रुपये का लेटर ऑफ क्रेडिट और 50 लाख रुपये की बैंक गारंटी (कुल लगभग 36.50 करोड़ रुपये) के नुकसान का भी आरोप है। अज्ञात लोक सेवकों और अज्ञात अन्य लोगों की मिलीभगत से नकली/फर्जी स्टॉक स्टेटमेंट जमा कराने के भी आरोप लगे हैं। आरोपी ने विभिन्न पक्षों के माध्यम से बेईमानी के इरादे से ऋण राशि/निधि का उपयोग किया। CBI के अनुसार अज्ञात लोगों का निजी कंपनी के साथ कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है। उक्त निजी कंपनी का स्टॉक प्राइस सितंबर 2017 से अक्टूबर 2017 के दौरान अचानक नीचे गिर गया था।
सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया है कि एक निजी कंपनी के निदेशकों ने बैंक की जानकारी के बिना स्टॉक हटा दिए जिसे प्राथमिक सुरक्षा के रूप में पेश किया गया था। इस तरह बैंक के माध्यम से रूट किए बिना बिक्री आय का दुरुपयोग/दुरुपयोग किया और उन्होंने बैंक को धोखा दिया।
बैंक ऑफ इंडिया को 33,12,18,058 रुपये की कथित हानि हुई। 31 मार्च, 2018 को लोन अकाउंट को नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) के रूप में घोषित किया गया था। इसका कारण ब्याज का भुगतान न करने और बकाया राशि का भुगतान न करना है। 31 मार्च, 2018 को बकाया ऋण खाते में 33.12 करोड़ रुपये था। 21 जुलाई, 2021 को इस खाते को फ्रॉड घोषित किया गया था।आरोपियों के मुंबई में चार स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसमें लगभग 63 लाख रुपये बरामद हुए। लॉकर संचालन के दौरान भारी मात्रा में सोना-हीरा, सोने के बिस्किट और 4 लाख रुपये नकद समेत भारी मात्रा में जेवरात भी मिले।