
पुत्र से पूछे बगैर पिता अपना बैल बेच दी बौखलाए पुत्र ने पिता की कर दी हत्या
पुत्र से पूछे बगैर पिता अपना बैल बेच दी बौखलाए पुत्र ने पिता की कर दी हत्या
पुलिस को गुमराह करने हत्या को दुर्घटना साबित करने में लग रहा
गोपाल सिंह विद्रोही//प्रदेश खबर प्रमुख छत्तीसगढ़//बिश्रामपुर -पुत्र से पूछे बगैर पिता अपना बैल बेच दी तो पुत्र ने पिता की निर्माता पूर्वक हत्या कर दी इस गंभीर मामले में जयनगर पुलिस ने आरोपी पुत्र को गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के अनुसार आरोपी मनोज सिंह पिता राजेन्द्र सिंह उम्र 23 साल निवासी पहाडगांव अपने पिता कि हत्या कर एक्सीडेंटल ग्रुप दे दिया।मृतक राजेन्द्र सिंह पिता स्व० मोहरसाय उम्र 60 साल निवासी ग्राम पहाडगांव मृतक के परिजनों द्वारा मृतक राजेन्द्र सिंह के मृत्यू पर संदेह ब्यक्त किये, जिसके संबध उमनि / व० पुलिस अधीक्षक श्रीमान एम.आर. अहिरे को अवगत कराने पर उनके द्वारा प्रकरण की सूक्ष्मतापूर्वक जांच किये जाने हेतु निदेर्शित किया गया जिस पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो, पुलिस अनुविभागीय सूरजपुर नंदनी ठाकुर के दिशा निर्देशन में प्रकरण की विवेचना बारीकी से की गई, विवेचना दौरान पूछताछ पर ज्ञात हुआ कि 04.04.2024 को रात करीब 07-08 बजे मृतक का झगडा विवाद उसके मझले पुत्र मनोज सिंह से हुआ है कि मनोज सिंह को तलब कर पूछताछ करने पर उसके द्वारा रोड एक्सीडेंट से पिता की मृत्यु होने की झूठी कहानी बतलाया जा रहा था जो हिकमतअमली से पूछताछ करने पर अपने बातों में ही फंस गया और फिर 04.04.24 को रात 07-08 बजे के मध्य मृतक राजेन्द्र सिंह (पिता) द्वारा मनोज से बिना पूछे बैल बेचने की बात को लेकर नाराज होकर लोहे के राड से अपने पिता के सिर में वार कर मारपीट करना तथा ईलाज हेतु अबिकापुर लेकर जाना एवं डॉक्टर द्वारा रेफर करने पर एम्बुलेंस से रायपुर लेकर जाने दौरान लखनपुर के पास पिता का स्वास्थ्य बिगडने पर लखनपुर अस्पताल में लेकर जाने पर डाक्टर द्वारा मृत्यु होना बताने पर अपने बंधाव व पुलिस को गुमराह करने की नियत से रोड से एक्सीडेंट से मृत्यु होने की झूठी रिपोर्ट थाना लखनपुर में करना बताते हुये अपराध स्वीकार किया यह कि विवेचना दौरान आरोपी मनोज सिंह से हत्या में प्रयुक्त एक नग लोहे का राड जप्त किया जाकर आज आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय सूरजपुर प्रस्तुत किया गया है।
इस कार्यवाही में प्रशिक्षु उप पुलिस अधीक्षक थाना प्रभारी जयनगर स्निग्धा सलामें, सउनि प्रवीण राठौर, प्र०आर० रजिन्दर एक्का, महेंद्र सिंह, संतोषी वर्मा आर० विकास मिश्रा, सोनू सिंह, सुरेश तिवारी, अविनाश कुजूर, राजीव गवेल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।