श्री नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने तब शुरू में ही उन्होंने कहा था कि उत्तर-पूर्व को यदि विकसित करना है तो सरकार की सभी तरह की विकास योजनाओं में उत्तर-पूर्व को प्राथमिकता देना होगा
भारत का संपूर्ण विकास तभी माना जाएगा जब उत्तर-पूर्व का विकास हो और उत्तर-पूर्व के विकास के लिए आवश्यक है कि हर धर्म के अनुयाई, हर भाषा के बोलने वाले तक विकास पहुंचे
पूरे भारत का प्राकृतिक सौंदर्य ईश्वर ने उत्तर-पूर्व को ही दिया है, अलग-अलग संस्कृति के समावेश से एक अद्भुत सामंजस्य बना हुआ दिखाई पड़ता है इसीलिए यह क्षेत्र टूरिज्म का एक बड़ा सेंटर बन सकता है और इससे उत्तर-पूर्व का विकास भी होगा
उत्तर-पूर्व भारत का दिल है इसे हमेशा संभाल कर रखना है, विकास के साथ यहां की विरासत को संभालकर रखने की आवश्यकता
हम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सभी पूर्वोत्तर राज्यों के सीमा विवादों को जल्द से जल्द समाप्त कर लेंगे, जो अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी
अभी भी बहुत से क्षेत्र ऐसे हैं जो विकसित नहीं हैं इसलिए कैबिनेट ने यह निर्णय लिया है कि बजट का 30% अविकसित क्षेत्रों के लिए उपयोग किया जाएगा
उत्तर-पूर्व परिषद हर राज्य के साथ चर्चा कर इज ऑफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत 2022 तक लक्ष्य तय करती है तो एक बड़ी उपलब्धि होगी
केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर को देखने का नजरिया बदला है और पूर्वोत्तर को भी केंद्र को देखने का नजरिया बदलना होगा
उत्तर-पूर्व में ऐसा वातावरण बनाना पड़ेगा कि यहां पर इन्वेस्टमेंट आए और सरकारी सहायता के साथ-साथ निजी क्षेत्रों की भी भागीदारी यहां के विकास में हो सके
केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज मेघालय कीराजधानी शिलांग में पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) की 69 वींबैठक की अध्यक्षता की। अपने उद्घाटन भाषण मे श्री अमितशाह ने कहा कि 2014 में श्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री कापदभार सँभालने के बाद कहा था कि उत्तर-पूर्व को यदिविकसित करना है तो सरकार की सभी तरह की विकासयोजनाओं में उत्तर-पूर्व को प्राथमिकता देना होगा। प्रधानमंत्रीजी ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिए कि हर 15 दिन में कोई नकोई भारत सरकार का मंत्री उत्तर-पूर्व के किसी न किसीराज्य में जाएगा और श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वयं 40 से ज्यादाबार नॉर्थ ईस्ट का दौरा किया, 300 से ज्यादा दौरे सरकार केविभिन्न मंत्रियों ने किए हैं। इससे पता चलता है कि प्रधानमंत्रीश्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर-पूर्व को किस प्रकार से प्राथमिकता दी है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज का दिन एक दूसरी दृष्टि सेभी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज सुभाष बाबू की 125 वींजयंती है। श्री शाह ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस का स्थानस्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों में ध्रुव तारे के समान है। देश कोआजादी दिलाने में उनका संघर्ष अभूतपूर्व है। उन्होंने दृढ़निश्चयी होने के साथ-साथ देश के अंदर आजादी के लिए जोशभरा और देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिकानिभाई। श्री सुभाष चंद्र बोस के जीवन से देश के युवा सालों-साल तक प्रेरणा प्राप्त करते रहेंगे। श्री अमित शाह ने नॉर्थ-ईस्ट काउंसिल से सुभाष च्रद्र बोस की स्मृति में उत्तर-पूर्व केसभी बच्चों के लिए कार्यक्रम आयोजित करने, विभिन्नयोजनाएं चलाने और स्मारक बनाने का अनुरोध किया।
श्री अमित शाह ने कहा कि एनईसी के द्वारा उत्तर-पूर्व मेंआजीविका बढाने के साथ-साथ कई परियोजनाओं को बढ़ानेका काम किया गया है। इससे पता चलता है कि एनईसी कीभूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। श्री शाह ने कहा कि अभी भीबहुत से क्षेत्र ऐसे हैं जो विकसित नहीं हैं इसलिए कैबिनेट नेयह निर्णय लिया है कि बजट का 30% अविकसित क्षेत्रों केलिए उपयोग किया जाएगा और उन्हें भी विकसित कियाजाएगा। भारत का संपूर्ण विकास तभी माना जाएगा जबउत्तर-पूर्व का विकास हो और उत्तर-पूर्व के विकास के लिएआवश्यक है कि हर धर्म के अनुयाई, हर भाषा के बोलने वालेतक विकास पहुंचे जिसका प्रयास इस बजट के माध्यम सेकिया जाएगा। श्री अमित शाह ने कहा कि यदि उत्तर-पूर्वपरिषद हर राज्य के साथ चर्चा कर इज ऑफ डूइंग बिजनेसके अंतर्गत 2022 तक लक्ष्य तय करती है तो एक बड़ीउपलब्धि होगी। इससे इन्वेस्टमेंट आने में भी मदद मिलेगीआजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर 2022 तक हर राज्य काएक लक्ष्य तय होना चाहिए और मार्ग में आने वाली सभीकठिनाइयों को पार करने का प्रयास करना चाहिए। श्री शाहने कहा कि मोदी जी के आने के बाद सरकारी निवेश तो बहुतबढा है जिसमें कनेक्टिविटी से लेकर व्यक्तियों के रोजगारतक की व्यवस्था की गई है।
श्री शाह ने कहा कि सिर्फ सरकारी निवेश से किसी भी राज्यका विकास नहीं होता है, उसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी भीअत्यंत महत्वपूर्ण है इसलिए ईज आफ डूइंग बिजनेस कीगति तीव्रकर विकास का की गति बढ़ाई जा सकती है।जीडीपी में भी कंट्रीब्यूशन तभी बढ़ सकता है जब ईज आफडूइंग बिजनेस बढ़ेगा। श्री शाह ने कहा कि एक समृद्ध नॉर्थ-ईस्ट बनाने का प्रयास होना चाहिए। भारत सरकार हर तरह सेउत्तर-पूर्व के विकास के लिए तैयार है और 5 ट्रिलियन डॉलरकी इकोनामी बनाने में उत्तर-पूर्व की महत्वपूर्ण भूमिकाहोगी। जिस आत्मनिर्भर भारत की कल्पना प्रधानमंत्री श्रीनरेंद्र मोदी ने की है वह उत्तर-पूर्व के बिना संभव नहीं है, इसकेलिए सभी राज्य अपने आपको तैयार करें।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि एनईसी का उज्जवल इतिहास हैऔर आशा है कि आगे भी इसी प्रकार काम करती रहेगी। श्रीशाह ने कहा कि पूरे भारत का प्राकृतिक सौंदर्य ईश्वर ने उत्तर-पूर्व को ही दिया है। अलग-अलग संस्कृति के समावेश से एकअद्भुत सामंजस्य बना हुआ दिखाई पड़ता है इसीलिए यह क्षेत्रटूरिज्म का एक बड़ा सेंटर बन सकता है और इससे उत्तर-पूर्वका विकास भी होगा।
श्री अमित शाह ने कहा कि उत्तर-पूर्व भारत का दिल है इसेहमेशा संभाल कर रखना है। विकास के साथ यहां कीविरासत को संभालकर रखने की आवश्यकता है, कुदरतीसुंदरता को भी संजोना है और यहां की संस्कृति को भीसंभालना है। श्री शाह ने कहा कि पेपर मिल के आने से यहांबांस की खपत भी अधिक होगी जिसके लिए प्रयास चल रहेहैं। यहां की बोलियों के भी संरक्षण की आवश्यकता है इन्हेंसंर्वधित कर विकास के रास्ते पर आगे बढ़ना है। मोदी जी काकहना है कि विकास तो हो किंतु धरोहर को भी संभाल कररखना है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि श्री अटल बिहारीवाजपेयी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद एनईसी को आज कास्वरूप प्राप्त हुआ। ऐसी कोई पॉलिसी बॉडी बनाने का कामऔर उसे अधिक समृद्ध बनाने का काम श्री अटल बिहारीवाजपेयी ने किया था। उनके नेतृत्व में उत्तर-पूर्व के विकास केलिए कई कार्य किए गए। उत्तर-पूर्व के विकास को बारीकी सेदेखने से ज्ञात होता है कि श्री अटल बिहारी वाजपेयी के द्वाराउत्तर-पूर्व के विकास के लिए जो कार्य किए गए हैं वह अत्यंतमहत्वपूर्ण थे। श्री शाह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कीसरकार बनने के बाद सिर्फ वादे से नहीं बल्कि प्रशासनिककदम उठाकर उत्तर-पूर्व का विकास किया गया। उन्होंने यहभी कहा कि श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बादकई क्षेत्रों में द्रुत गति से विकास किया गया जिसके लिएसबसे पहले कनेक्टिविटी के अभियान को पूर्ण किया गया,जहां जहां संभव है वहां एयर कनेक्टिविटी की गई। मोदी जीने प्रधानमंत्री बनने के बाद एनईसी के महत्व को पुनःप्रस्थापित किया और एनईसी के माध्यम से 11000किलोमीटर से लंबी सड़कों का निर्माण हुआ है 7700 मेगावाट बिजली उत्पादन संभव हुआ।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर पहले हिंसक घटनाओंके लिए जाना जाता था लेकिन आज पूर्वोत्तर में शांति होने केसाथ-साथ अच्छी खबरें सुनाई पड़ती है। छोटे-छोटे ग्रुप सेसंपर्क कर राज्य सरकार ने उनसे हथियार छुड़ाने का कामकिया है। हाल ही में बोडो ग्रुप के साथ समझौता हुआ औरबहुत साल के संघर्ष के बाद बोडो मेन स्ट्रीम में आए। श्री शाहने कहा कि ब्रू-रियांग समझौता भी अत्यंत महत्वपूर्ण रहा।बांग्लादेश के साथ लैंड बाउंड्री का डिस्प्यूट अत्यंत सरलतरीके से सुलझाया गया जिससे आने वाले समय मेंकनेक्टिविटी और बढ़ेगी।
श्री अमित शाह ने कहा कि राज्यों के विवाद सुलझाने कीआवश्यकता है। पूरा देश एक है इसलिए समस्याओं का पूर्णसमाधान लाने का लक्ष्य हमें रखना होगा। श्री अमित शाह नेकहा कि हम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सभी पूर्वोत्तर राज्यों के सीमा विवादों को जल्द से जल्द समाप्त कर लेंगे, जो अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। इसकेबगैर विकास संभव नहीं है और दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ इसदिशा में काम होना चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदीजी ने जिस तरह की प्राथमिकता उत्तर-पूर्व को दी है हमाराभी दायित्व है कि हम उस प्रयास को सफल बनाएं। श्री शाहने कहा कि केंद्रीय बजट में 24% की बढ़ोतरी की गई है औरकई बड़े प्रोजेक्ट पर काम किया गया है। 89 हजार करोड़ सेबढ़ाकर 3,13,000 करोड़ रुपए दिये गये। सीमा विवाद,विदेशों से आने वाले ड्रग्स को समाप्त करने जैसी संपूर्णचुनौतियों को भी समाप्त करने का प्रयास होना चाहिए। केंद्रसरकार ने पूर्वोत्तर को देखने का नजरिया बदला है औरपूर्वोत्तर को भी केंद्र को देखने का नजरिया बदलना होगा।