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सफलता की कहानी सूकर पालन कर उमेश्वरी नेताम बनीं आत्मनिर्भर

पशुपालन विभाग के सूकरत्रयी योजना से हुईं लाभान्वित

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धमतरी/ विकासखण्ड धमतरी के ग्राम आमदी की श्रीमती उमेश्वरी नेताम अब किसी की मोहताज नहीं हैं, वजह है पशुपालन विभाग की ओर से विभागीय योजना सूकरत्रयी के तहत उन्हें मिले सूकर से। बीएससी तक शिक्षित श्रीमती उमेश्वरी एक गृहणी होने के साथ-साथ पशुपालन में भी रूचि रखतीं हैं और वे अपने घर में मछलीपालन और मुर्गी एवं बत्तख पालन कर रहीं हैं। इसके साथ ही उनके मन में आया कि उन्हें अपनी आमदनी में वृद्धि करने के लिए सूकर पालन भी करना चाहिए। इसके लिए उमेश्वरी ने पशुपालन विभाग से सम्पर्क किया और विभागीय योजना सूकरत्रयी के एक इकाई (दो मादा और एक नर) से लाभान्वित किया गया। श्रीमती उमेश्वरी द्वारा सभी पशुओं का उचित देखभाल, आहार, टीकाकरण, प्रबंधन इत्यादि बहुत अच्छे से की जाती है, इससे दो ब्यात में दो मादा के द्वारा जन्म देने पर 38 संतति प्राप्त हुए। इसमें 18 संतति का 6-8 माह में 200 रूपये किलो की दर से विक्रय दर एक लाख 60 हजार रूपये की आमदनी हुई।
श्रीमती उमेश्वरी बतातीं हैं कि इस आमदनी से प्राप्त राशि का उपयोग अपने बीडिंग स्टॉक को बढ़ाने में किया, जिसके लिए 3 मादा पशु खरीदी की। इस तरह उनके पास कुल 5 मादा पशु में से उत्पन्न संतति को पुनः विक्रय कर अब तक लगभग तीन लाख की आय प्राप्त कर चुके हैं। अभी वर्तमान में 5 मादा व 1 नर (बीडिंग स्टॉक) एवं 49 बच्चे हैं। इस तरह उमेश्वरी नेताम विभाग के सहयोग से सूकर पालन प्रारंभ कर उसके विक्रय से प्राप्त आय से आत्मनिर्भर होकर अपने मकान का जीर्णोद्धार कराया और दो पहिया वाहन खरीदा एवं घर में बच्चों के भरण-पोषण व पढ़ाई के खर्च में सहयोग प्रदाय कर रही हैं।

Ashish Sinha

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