
EPFO: अस्पताल खर्चों की टेंशन खत्म! भर्ती होते ही मिलेंगे 1 लाख रुपये, सिर्फ एक घंटे में खाते में आएगी रकम
EPFO: अस्पताल खर्चों की टेंशन खत्म! भर्ती होते ही मिलेंगे 1 लाख रुपये, सिर्फ एक घंटे में खाते में आएगी रकम
EPF Medical Advance: अचानक अगर आपको अस्पताल में भर्ती होना पड़े तो पैसों की टेंशन लेने की जरूरत नहीं है, EPF सदस्यों के लिए 1 लाख रुपये का एडवांस तुरंत उनके खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा, इसके लिए ज्यादा लिखा पढ़ी भी नहीं होगी.
अस्पताल में भर्ती होने पर EPFO से तुरंत मिलेंगे 1 लाख रुपये, ऐसे ले सकते हैं पैसा
1 जून को जारी EPFO के सर्कुलर में कहा गया है कि किसी भी गंभीर बीमारी के लिए 1 लाख रुपये का मेडिकल एडवांस दिया जाएगा.
मेडिकल इमरजेंसी में 1 लाख का एडवांस तुरंत
EPF के मेंबर अचानक आई किसी भी मेडिकल इमरजेंसी की हालत में तुरंत 1 लाख रुपये का एडवांस अपने PF बैलेंस से निकाल सकते हैं. इसके उन्हें किसी तरह का अनुमानित बिल (Cost Estimate) देने की जरूरत नहीं होगी. 1 जून को EPFO ने एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें ये बताया गया है कि 1 लाख रुपये का ये मेडिकल एडवांस कोरोना समेत किसी भी तरह की जानलेवा बीमारी के इलाज के लिए अचानक अस्पताल में भर्ती होना पड़े तो दिया जाएगा.
अनुमानित बिल दिखाने की जरूरत नहीं
इसके पहले EPFO ने मेडिकल इमर्जेंसी के लिए EPF खाते से एडवांस लेने की इजाजत दे दी थी. लेकिन, ये रकम मेडिकल खर्चों के अनुमान (Cost Estimate) के आधार पर या मेडिकल बिल के रीम्बर्समेंट के बाद ही मिलती थी. लेकिन ये मेडिकल एडवांस इससे बिल्कुल अलग है. इसके लिए EPF मेंबर को कोई बिल या अनुमानित खर्च दिखाने की जरूरत नहीं है, सिर्फ अप्लाई करना है और रकम अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगी
मेडिकल एडवांस की जरूरी बातें
इमरजेंसी की हालत में EPF मेंबर कैसे इस एडवांस को ले सकते हैं, इसके लिए कुछ दिशा-निर्देश हैं. ये एडवांस EPF सदस्य या उसके परिवार को अस्पताल में भर्ती होने की दशा में दिया जाता है.
1. मरीज को इलाज के लिए सरकारी/पब्लिक सेक्टर यूनिट/CGHS पैनल अस्पताल में भर्ती होना चाहिए. अगर उसे इमरजेंसी में किसी निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है तो एक अधिकारी जांच करेगा फिर उसकी मेडिकल एडवांस जारी किया जाएगा
2. कर्मचारी या परिवार के किसी सदस्य को अस्पताल और रोगी के डिटेल्स देकर एक एप्लीकेशन जमा करना होगा जिसमें इस बात का जिक्र होना चाहिए कि अनुमान का अंदाजा नही हैं और मेडिकल एडवांस जारी किया जाए.
3. हॉस्पिटलाइजेशन में मदद के लिए मेंबर या उसके किसी भी परिवार के व्यक्ति की ओर से एप्लिकेशन देने के एक घंटे के भीतर ही ये रकम मिल जाती है.
4. ये मई में EPFO बोर्ड के कोविड एडवांस से बिलकुल अलग है. इसमें आपको कुल फंड का 75 परसेंट मिल सकता है, और ये नॉन-रिफंडेबल होता है.
एंप्लॉयी प्रॉविडेंट फंड (EPF) मेंबर्स अब किसी भी मेडिकल इमर्सेंजी की हालत में तुरंत 1 लाख रुपये का एडवांस ले सकते हैं. इसके लिए किसी भी कोलेट्रल या गारंटी की जरूरत नहीं पड़ेगी.
1 जून को EPFO ने एक सर्कुलर जारी किया है. इसमें कहा गया है कि कोविड-19 समेत किसी भी जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली बीमारी के लिए 1 लाख रुपये का मेडिकल एडवांस दिया जाएगा.
EPFO ने मेडिकल इमर्जेंसी के लिए EPF खाते से एडवांस लेने की इजाजत दे दी थी. लेकिन, ये रकम मेडिकल खर्चों के अनुमान के आधार पर या मेडिकल बिल्स के रीइंबर्समेंट के लिए ही मिल सकती है.
दूसरी ओर, मेडिकल इमर्जेंसी के लिए मिलने वाले 1 लाख रुपये के एडवांस के लिए आपको कोई बिल या कॉस्ट प्रोजेक्शन दिखाने की जरूरत नहीं है. इसके लिए आपको केवल आवेदन करना होगा.
तुरंत भुगतान
1 जून को जारी EPFO के सर्कुलर में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि ये मेडिकल एडवांस कोरोना वायरस महामारी समेत किसी भी गंभीर बीमारी के लिए आकस्मिक हॉस्पिटलाइजेशन के लिए मिल सकेगा.
कई दफा लोगों को अकस्मात ही अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है और उस वक्त सबसे बड़ी जद्दोजहद जिंदगी बचाने की होती है. ऐसी हड़बड़ी में किसी के पास हॉस्पिटल के बिल का अनुमान लगाना बेहद मुश्किल होता है.
हॉस्पिटलाइजेशन में मदद के लिए मेंबर या मेंबर के किसी भी परिवारीजन द्वारा एप्लिकेशन देने के एक घंटे के भीतर ही ये रकम मिल जाती है.
ये पिछले महीने EPFO बोर्ड के मंजूरी दिए गए कोविड एडवांस से बिलकुल अलग है. ऐसे माहौल में आपको कुल फंड का 75% मिल सकता है, लेकिन ये नॉन-रिफंडेबल होता है.
क्या है प्रक्रिया?
इस 1 लाख रुपये के एडवांस को क्लेम करने के लिए शख्स को किसी सरकारी या केंद्र सरकार की हेल्थ स्कीम के पैनल में मौजूद हॉस्पिटल में भर्ती होना चाहिए.
इसमें आपको केवल बेड नंबर, प्रेस्क्रिप्शन जैसी जानकारियां भरनी होती हैं. इस एप्लिकेशन को अधिकारियों को भेजना होता है. इसके बाद मेडिकल एडवांस आपको मिल जाता है.
EPFO अधिकारियों ने ये भी कहा है कि बोर्ड के एप्रूवल के आधार पर एडवांस की ये रकम 3 लाख रुपये तक हो सकती है.
दूसरा कोविड एडवांस
कोविड की दूसरी लहर के वक्त में कर्मचारियों को सपोर्ट करने के लिए EPFO ने अपने मेंबर्स को दूसरा नॉन-रिफंडेबल कोविड-19 एडवांस लेने की इजाजत दी है.
इसके जरिए अब वित्तीय मुश्किलों का सामना कर रहे EPFO मेंबर्स कोविड-19 के लिए दूसरा एडवांस भी ले सकते हैं.
इस प्रावधान के तहत तीन महीनों की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते या मेंबर के EPF खाते में मौजूद रकम के 75% हिस्से तक, इसमें जो भी कम हो, उसे निकालने की इजाजत दी जाती है. मेंबर खुद भी कम अमाउंट के लिए आवेदन कर सकता है.
कोविड-19 एडवांस महामारी के दौरान EPF मेंबर्स के लिए बेहद मददगार साबित हुआ है. ये खासतौर पर ऐसे कम तनख्वाह वालों के लिए बेहद कारगर साबित हुआ है जिन्हें हर महीने 15,000 रुपये से कम वेतन मिलता है.
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