
सरगुजा में महाशिवरात्रि का दिव्य उल्लास: गांवों से शहर तक भक्ति का सैलाब, शिव आराधना और भंडारों का महापर्व
“सरगुजा में महाशिवरात्रि का दिव्य उल्लास: गांवों से शहर तक भक्ति का सैलाब, शिव आराधना और भंडारों का महापर्व”
भक्ति, आस्था और उत्सव का महासंगम
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर आस्था और भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिला। जिले के कोने-कोने में शिवभक्तों ने श्रद्धा भाव से भगवान शिव की पूजा-अर्चना की और भव्य भंडारों का आयोजन किया। शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक “हर-हर महादेव” और “बम-बम भोले” के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो गया। मंदिरों में रुद्राभिषेक, हवन, महामृत्युंजय जाप, शिवमहापुराण कथा, भजन-कीर्तन और भव्य शिव बारात निकाली गई। विभिन्न स्थानों पर विशाल भंडारों का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस पर्व ने जिले में धार्मिक और सामाजिक समरसता का संदेश दिया, जहां हर वर्ग और समुदाय के लोग सेवा और भक्ति में सहभागी बने।
सरगुजा में महाशिवरात्रि का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
महाशिवरात्रि भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का पावन पर्व है, जिसे सरगुजा जिले में बड़े भक्ति भाव और उत्साह से मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन रात्रि जागरण, शिवलिंग का जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और व्रत रखने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। जिले के हजारों श्रद्धालु शिवालयों में जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और अन्य पूजन सामग्रियों से भगवान शिव की आराधना करते हैं।
प्रमुख मंदिरों में भक्तों का उमड़ा जनसैलाब
महाशिवरात्रि के अवसर पर जिले के प्रमुख शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। भक्तगण दूर-दूर से आकर भगवान शिव के दर्शन और जलाभिषेक के लिए कतारबद्ध दिखे।
अंबिकापुर और आसपास के प्रमुख शिवालय:
महामाया मंदिर शिवालय – यहां हजारों श्रद्धालुओं ने जल और दूध से भगवान शिव का अभिषेक किया।
शिवधाम मंदिर, अंबिकापुर – इस मंदिर में विशाल हवन-यज्ञ का आयोजन किया गया।
महामृत्युंजय धाम, लखनपुर – यहां महामृत्युंजय जाप और अखंड शिवमहापुराण कथा का आयोजन हुआ।
कैलाशगुफा शिव मंदिर, मैनपाट – इस ऐतिहासिक गुफा मंदिर में भक्तों का विशेष आकर्षण देखने को मिला।
रामगढ़ शिव मंदिर, बतौली – यहाँ भव्य रुद्राभिषेक और शिव बारात निकाली गई।
पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक का दिव्य आयोजन
महाशिवरात्रि के दिन सुबह से ही भक्तगण मंदिरों में भगवान शिव का जलाभिषेक करने पहुंचने लगे। मंदिरों में रुद्राभिषेक का विशेष आयोजन हुआ, जिसमें गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद और बेलपत्र से भगवान शिव की पूजा की गई। श्रद्धालुओं ने महामृत्युंजय मंत्र जाप कर भगवान शिव से सुख-समृद्धि की कामना की।
रुद्राभिषेक के मुख्य चरण:
गंगाजल और दूध से अभिषेक
पंचामृत स्नान
बेलपत्र और धतूरे का अर्पण
विशेष हवन और महाआरती
हर-हर महादेव के जयकारों से गूंजा सरगुजा
सरगुजा के शहरों और गांवों में हर ओर “हर-हर महादेव” और “बम-बम भोले” के जयकारों से माहौल भक्तिमय हो गया। शिव बारात और झांकियों का भव्य आयोजन किया गया। श्रद्धालु भगवान शिव, माता पार्वती, नंदी, भूत-गणों और अन्य देवी-देवताओं की वेशभूषा में झांकी में शामिल हुए।
शिव बारात के आकर्षण:
भगवान शिव और माता पार्वती की सजीव झांकी
भजन मंडलियों द्वारा शिव महिमा गान
पारंपरिक वेशभूषा में भक्तों की भागीदारी
भंडारों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
महाशिवरात्रि के अवसर पर विभिन्न सामाजिक संगठनों, मंदिर समितियों और स्थानीय श्रद्धालुओं द्वारा विशाल भंडारों का आयोजन किया गया। इनमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
भंडारों की विशेषताएँ:
श्रद्धालुओं के लिए पूड़ी-सब्जी, खीर, हलवा, चावल-दाल जैसी पारंपरिक व्यंजन तैयार किए गए।
सेवा भाव से सैकड़ों स्वयंसेवकों ने भोजन वितरण किया।
किसी भी जाति, धर्म और वर्ग का भेदभाव नहीं, सभी ने एक साथ मिलकर प्रसाद ग्रहण किया।
महिलाओं और युवाओं की विशेष भागीदारी
महाशिवरात्रि के इस धार्मिक आयोजन में महिलाओं और युवाओं ने भी विशेष भूमिका निभाई।
महिलाओं की भूमिका:
महिलाओं ने सामूहिक भजन-कीर्तन और शिव चालीसा पाठ का आयोजन किया।
कई स्थानों पर महिलाओं ने जलाभिषेक और पूजा-अर्चना की विशेष व्यवस्था संभाली।
युवाओं का योगदान:
युवाओं ने आयोजन स्थलों की सफाई, जल सेवा और यातायात प्रबंधन में योगदान दिया।
शिव बारात और झांकियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
रात्रि जागरण और भजन-कीर्तन का आयोजन
महाशिवरात्रि की संध्या को भजन संध्या और रात्रि जागरण का आयोजन किया गया। भक्ति संगीत की मंडलियों ने शिव तांडव स्तोत्र, ओम नमः शिवाय और अन्य भजनों की प्रस्तुति दी।
मुख्य भजन और कार्यक्रम:
शिव तांडव स्तोत्र पाठ
सुंदरकांड पाठ और शिवमहापुराण कथा
लोक कलाकारों द्वारा भक्ति नृत्य प्रस्तुतियां
प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था
श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने व्यापक प्रबंध किए। प्रमुख मंदिरों और आयोजन स्थलों पर पुलिस बल तैनात किए गए थे।
प्रमुख प्रबंध:
मंदिरों और प्रमुख मार्गों पर सुरक्षा बल की तैनाती
ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए विशेष निर्देश
नगर निगम और पंचायतों द्वारा साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था
महाशिवरात्रि पर्व पर विशेष अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रम
विशेष धार्मिक आयोजन:
विशाल रुद्राभिषेक – जिलेभर के मंदिरों में आयोजित हुआ।
शिव बारात और झांकी – भक्तों ने भव्य रूप में भाग लिया।
भजन संध्या और कीर्तन – पूरे जिले में रातभर भक्तिमय माहौल बना रहा।
निष्कर्ष: भक्ति और श्रद्धा का अनूठा संगम
सरगुजा जिले में महाशिवरात्रि का पर्व भक्ति, सेवा और सामाजिक समरसता का अद्भुत उदाहरण बना। गांवों से लेकर शहरों तक हर जगह आस्था का माहौल देखने को मिला। विशाल भंडारों, भजन-कीर्तन, झांकियों और शिव बारात के आयोजन ने इस पर्व को यादगार बना दिया। इस भव्य आयोजन ने पूरे जिले को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया, जिससे जिले का धार्मिक और सांस्कृतिक गौरव और भी बढ़ गया।
“हर-हर महादेव!”