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पलामू पुलिस की ऐतिहासिक पहल: अब महिलाओं को न्याय के साथ सम्मान भी!

पलामू पुलिस की अनूठी पहल: एसपी कार्यालय में ब्रेस्टफीडिंग रूम और किड जोन की सौगात

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महिला दिवस पर ऐतिहासिक कदम, माताओं और बच्चों को मिलेगा सुरक्षित और आरामदायक वातावरण

पलामू। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पलामू पुलिस ने महिलाओं और शिशुओं के हित में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। जिले की पुलिस अधीक्षक रीष्मा रमेशन के नेतृत्व में एसपी कार्यालय में ब्रेस्टफीडिंग रूम और किड जोन की स्थापना की गई है। यह सुविधा उन माताओं के लिए बनाई गई है, जो अपने छोटे बच्चों के साथ पुलिस कार्यालय आती हैं और शिकायत दर्ज कराने के दौरान असुविधा का सामना करती हैं।

यह कदम महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में पलामू पुलिस की एक सराहनीय पहल है। इस विशेष सुविधा का उद्घाटन एसपी रीष्मा रमेशन के साथ शहर, छतरपुर और हुसैनाबाद महिला थाना प्रभारी द्वारा किया गया। यदि इस योजना को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है, तो इसे जिले के अन्य थानों में भी लागू किया जाएगा।

महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष सुविधा

पलामू एसपी कार्यालय में स्थापित ब्रेस्टफीडिंग रूम माताओं को गोपनीय और आरामदायक स्थान प्रदान करेगा, जहां वे अपने शिशुओं को सहज रूप से स्तनपान करा सकती हैं। इसके साथ ही, किड जोन की व्यवस्था भी की गई है, जिससे छोटे बच्चे खेलते हुए अपनी माताओं की प्रतीक्षा कर सकें।

आमतौर पर, पुलिस थानों और प्रशासनिक कार्यालयों में महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए विशेष सुविधाओं का अभाव देखा जाता है। कई महिलाएं असहजता के कारण अपनी शिकायत दर्ज कराने से भी पीछे हट जाती हैं। इसी समस्या को देखते हुए पलामू पुलिस ने इस अनूठी पहल को अमल में लाने का निर्णय लिया।

महिला हित में ऐतिहासिक कदम

पलामू पुलिस अधीक्षक रीष्मा रमेशन ने बताया कि महिलाओं को सुरक्षा और सुविधा प्रदान करना उनकी प्राथमिकता है। इस पहल के पीछे मुख्य उद्देश्य यही है कि किसी भी महिला को अपने छोटे बच्चे के कारण न्याय पाने में बाधा न हो। उन्होंने कहा,

“अक्सर महिलाएं छोटे बच्चों के साथ पुलिस कार्यालय आती हैं, लेकिन उनके लिए यहां कोई विशेष सुविधा नहीं होती। हमने इस पहल के जरिए यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि महिलाएं बिना किसी परेशानी के पुलिस कार्यालय आकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकें और साथ ही अपने बच्चों की देखभाल भी कर सकें।”

महिलाओं को मिलेगा हक और सम्मान

यह पहल महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। पुलिस स्टेशनों और सरकारी कार्यालयों में अक्सर महिलाओं को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है और इस दौरान उन्हें अपने छोटे बच्चों की देखभाल को लेकर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

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ब्रेस्टफीडिंग रूम और किड जोन की स्थापना से महिलाओं को सम्मानजनक माहौल मिलेगा। इसके अलावा, इस पहल से पुलिस प्रशासन और आम नागरिकों के बीच विश्वास भी मजबूत होगा।

जिलेभर में लागू होगी योजना

पलामू एसपी कार्यालय में इस नई सुविधा की शुरुआत के बाद, प्रशासन अब इसे अन्य थानों और पुलिस कार्यालयों में भी लागू करने की योजना बना रहा है। यदि महिलाओं की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है, तो जल्द ही शहर के अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर भी इस सुविधा को लागू किया जाएगा।

इस पहल के प्रमुख लाभ:

महिलाओं को अपनी शिकायत दर्ज कराने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित और अनुकूल माहौल उपलब्ध होगा।

पुलिस प्रशासन और आम नागरिकों के बीच विश्वास बढ़ेगा।

महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम होगा।

समाज में सकारात्मक प्रभाव

इस पहल को समाज के विभिन्न वर्गों से सराहना मिल रही है। महिला संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने पलामू पुलिस की इस पहल की प्रशंसा की है। लोगों का कहना है कि यह कदम पुलिस व्यवस्था में एक नई सोच और संवेदनशीलता को दर्शाता है।

महिला अधिकार कार्यकर्ता संगीता मिश्रा ने कहा,

“यह पहल महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। पुलिस प्रशासन में इस तरह की संवेदनशीलता दिखना बहुत जरूरी है, ताकि महिलाएं बिना झिझक अपनी समस्याएं पुलिस तक पहुंचा सकें।”

वहीं, स्थानीय निवासी प्रीति कुमारी ने कहा,

“पुलिस कार्यालयों और थानों में महिलाओं और बच्चों के लिए सुविधाओं की कमी हमेशा एक बड़ी समस्या रही है। पलामू पुलिस की इस पहल से उम्मीद जगी है कि अन्य जिलों में भी इसी तरह की व्यवस्था लागू होगी।”

महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण में पलामू पुलिस की अग्रणी भूमिका

पलामू पुलिस ने हमेशा से महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी है। इससे पहले भी जिले में महिला सुरक्षा हेल्पलाइन, सशक्त महिला अभियान और बाल सुरक्षा योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया गया है।

इस नई पहल से यह स्पष्ट हो गया है कि पलामू पुलिस सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी प्रयासरत है।

ब्रेस्टफीडिंग रूम और किड जोन की स्थापना न सिर्फ एक प्रशासनिक सुधार है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम भी है। यह पहल पुलिस और आम जनता के बीच विश्वास को मजबूत करेगी और महिलाओं को न्याय की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेगी।

आने वाले समय में, यदि इस पहल को व्यापक समर्थन और सफलता मिलती है, तो यह पूरे देश में महिला हितों की रक्षा के लिए एक आदर्श मॉडल बन सकती है। पलामू पुलिस की यह पहल न सिर्फ जिले बल्कि पूरे राज्य और देश के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी।

Ashish Sinha

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