
नया रायपुर में बनेगा देश का सबसे बड़ा आदिवासी संग्रहालय, बजट में 63 हजार करोड़ से अधिक की योजना
मंत्रियों के विभागों के लिए 63,273 करोड़ रुपये की अनुदान मांगें पारित, तखतपुर में खुलेगा उद्यानिकी महाविद्यालय
नया रायपुर में निर्माणाधीन आदिवासी संग्रहालय बनेगा प्रदेश की धरोहर
आश्रम-छात्रावासों के संचालन और सुधार के लिए बनाई गई विशेष टीम
वर्टिकल फार्मिंग के लिए किसानों को मिलेगा प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग
रायपुर, 18 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज कृषि एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम के विभागों के लिए कुल 63,273 करोड़ 82 लाख 11 हजार रुपये की अनुदान मांगें पारित की गईं। इस बजट में अनुसूचित जाति उपयोजना, अनुसूचित जनजाति उपयोजना, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, कृषि, अनुसंधान, और अधोसंरचना विकास के लिए वित्तीय प्रावधान किए गए हैं।
प्रमुख अनुदान प्रावधान:
अनुसूचित जाति उपयोजना अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायतीराज संस्थाओं को 229 करोड़ 35 लाख 38 हजार रुपये।
आदिम जाति कल्याण के लिए 155 करोड़ 28 लाख 40 हजार रुपये।
अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिए 38,271 करोड़ 21 लाख 50 हजार रुपये।
अनुसूचित जाति कल्याण के लिए 2 करोड़ 73 लाख 90 हजार रुपये।
अनुसूचित जाति उपयोजना अंतर्गत नगरीय निकाय को वित्तीय सहायता के लिए 198 करोड़ 83 लाख 67 हजार रुपये।
कृषि के लिए 7,056 करोड़ 53 लाख 60 हजार रुपये।
कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा के लिए 456 करोड़ 26 लाख 86 हजार रुपये।
विकास कार्यों पर जोर
कृषि एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार मोदी की गारंटी के अनुरूप गांव, गरीब, किसान, युवा और वंचित वर्गों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के उत्थान के लिए कई योजनाओं को धरातल पर लागू किया गया है, जिसके सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं।
उन्होंने बताया कि विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राज्य के 18 जिलों के 2,161 गांवों में रहने वाले 59,800 से अधिक विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है।
प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन)
भारत सरकार द्वारा संचालित इस योजना में छत्तीसगढ़ की पाँच विशेष पिछड़ी जनजातियाँ – बैगा, पहाड़ी कोरबा, कमार, अबूझमाड़िया और बिरहोर शामिल हैं। इसके तहत इन समुदायों के विकास के लिए त्वरित कार्य किए जा रहे हैं।
नया रायपुर में आदिवासी संग्रहालय बनेगा प्रदेश की धरोहर
नया रायपुर में निर्माणाधीन शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी संग्रहालय देश का सबसे बड़ा और उन्नत संग्रहालय बनने जा रहा है। यह प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करेगा और आदिवासी समाज के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को दर्शाएगा। संग्रहालय के निर्माण कार्य में तेजी लाई जा रही है।
आश्रम-छात्रावासों के संचालन और जीर्णोद्धार की योजना
प्रदेश में स्थित आश्रम-छात्रावासों की स्थिति सुधारने के लिए अधिकारियों की एक विशेष टीम बनाई गई है, जो नियमित निरीक्षण करेगी। जीर्ण-शीर्ण आश्रम-छात्रावासों का शीघ्र जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसके अलावा, छात्रावास परिसरों में अधीक्षक निवास भी बनाए जाएंगे।
कृषि क्षेत्र में नए कदम
कृषि मंत्री ने तखतपुर में उद्यानिकी महाविद्यालय खोलने की घोषणा की, जिसे राज्य के अनुपूरक बजट में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नए बजट में किसान समृद्धि योजना के लिए 11 करोड़ रुपये और किसानों के कृषि प्रशिक्षण एवं पर्यटन के लिए 2 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
राज्य में श्रीअन्न (कोदो, कुटकी, रागी) की खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएँ बनाई जा रही हैं। साथ ही, खरीफ और रबी फसलों जैसे मक्का, सरसों, सोयाबीन, उड़द, मूंग, चना की समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए 80 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है।
वर्टिकल फार्मिंग को मिलेगा बढ़ावा
छत्तीसगढ़ में वर्टिकल फार्मिंग सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जा रही है। इसके माध्यम से किसानों को उन्नत वर्टिकल फार्मिंग के लिए प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाएगा। आगामी बजट में इसके लिए 15 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
धार्मिक स्थलों और परंपराओं का संरक्षण
अनुसूचित जनजातियों के श्रद्धा स्थलों के विकास के लिए 2.5 करोड़ रुपये।
आदिवासी समुदाय की परंपरा ‘करमा’ के संरक्षण के लिए 2.5 करोड़ रुपये।
गिरौदपुरी और भंडारपुरी जैसे धार्मिक स्थलों के विकास के लिए 2.24 करोड़ रुपये।
भंडारपुरी में गुरुद्वारा (मोती महल) निर्माण के लिए 17.80 लाख रुपये का प्रावधान।
विधानसभा में अनुदान मांगों पर चर्चा
विधानसभा में अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत, अजय चंद्राकर, पुन्नू लाल मोहले, धरमलाल कौशिक, धर्मजीत सिंह, लखेश्वर बघेल, संगीता सिन्हा, दलेश्वर साहू, दिलीप लहरिया, कुंवर सिंह निषाद, गोमती साय, रामकुमार यादव, प्रबोध मिंज, अटल श्रीवास्तव, व्यास कश्यप, भावना बोहरा, रायमुनि भगत, जनक ध्रुव, प्रणव कुमार मरपच्ची, नीलकंठ टेकाम और उद्धेश्वरी पैकरा ने भाग लिया।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रस्तुत यह बजट विभिन्न वर्गों के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। यह प्रदेश की आर्थिक वृद्धि और सामाजिक कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।