
वाराणसी में बोले पीएम मोदी: “काशी की आत्मा को आधुनिक काया से जोड़ना है, GI टैग बना पहचान का पासपोर्ट”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में कहा – काशी भारत की आत्मा है, GI टैग से स्थानीय उत्पादों को मिल रही वैश्विक पहचान। जानिए पीएम के संबोधन की प्रमुख बातें।
वाराणसी: पीएम मोदी का बड़ा संदेश – “काशी की आत्मा को आधुनिक काया से जोड़ना है, GI टैग बना पहचान का नया पासपोर्ट”
वाराणसी, उत्तर प्रदेश। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जनसभा को संबोधित करते हुए काशी की सांस्कृतिक गरिमा, पहचान और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में चल रहे कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि काशी केवल एक शहर नहीं, बल्कि भारत की आत्मा है और उसे निरंतर सशक्त करते रहना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, “जो काशी को सहजता है वह भारत की आत्मा को भी सहजता है। हमें काशी को निरंतर सशक्त करते रहना है। हमें काशी को सुंदर बनाए रखना है। काशी की पुरातन आत्मा को आधुनिक काया से जोड़ते रहना है।”
उन्होंने यह भी कहा कि काशी ने विकास और संस्कृति का अद्वितीय संतुलन स्थापित किया है। उन्होंने वाराणसी में हुए बुनियादी ढांचे के कार्यों, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स और सांस्कृतिक केंद्रों की स्थापना का ज़िक्र करते हुए कहा कि ये योजनाएं काशी के भविष्य को नया स्वरूप दे रही हैं।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी और आसपास के जिलों के उत्पादों को मिले GI टैग (Geographical Indication) पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “अब तक वाराणसी और इसके आसपास के जिलों के तीस से अधिक उत्पादों को GI टैग मिला है। यह न केवल इन उत्पादों की विशिष्टता का प्रमाण है, बल्कि पहचान का नया पासपोर्ट भी है।”
GI टैग के माध्यम से स्थानीय शिल्पकारों, बुनकरों और पारंपरिक उत्पाद निर्माताओं को वैश्विक पहचान मिल रही है। बनारसी साड़ी, लकड़ी की खिलौने, मिर्जापुर की दरियां, भदोही के कालीन जैसे उत्पाद अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने पारंपरिक गुणों के साथ पहचान बना रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार पारंपरिक व्यवसायों को आधुनिक तकनीक और बाजारों से जोड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसका लाभ स्थानीय युवाओं और कारीगरों को सीधे मिल रहा है।
पीएम मोदी के इस दौरे को लोकसभा चुनाव 2024 के संदर्भ में भी अहम माना जा रहा है, जहाँ वे वाराणसी से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।