छत्तीसगढ़ब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिराज्यरायपुर

छत्तीसगढ़ मिलेट उत्पादन में इनपुट सब्सिडी देने वाला देश का एक मात्र राज्य

छत्तीसगढ़ मिलेट उत्पादन में इनपुट सब्सिडी देने वाला देश का एक मात्र राज्य : मिलेट मिशन में वैज्ञानिक पद्धति से उत्पादन और प्रसंस्करण से खुलेंगे रोजगार और आय के नए रास्ते
कोदो-कुटकी-रागी बनेगी किसानों की ताकत : मिलेट मिशन का मुख्य फोकस बस्तर अंचल के जिलों में होगा

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e

कुपोषण से मुक्ति के साथ बस्तर के किसानों की बढ़ेगी आय

कोदो-कुटकी का समर्थन मूल्य 3 हजार रूपए प्रति क्विंटल, 9 और 10 हजार रूपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी

रायपुर:मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार द्वारा कोदो, कुटकी की समर्थन मूल्य पर खरीदी के निर्णय और इन फसलों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना में शामिल करने के बाद अब छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी और रागी का वैज्ञानिक तरीके से उत्पादन बढ़ाने के लिए ’छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन’ की तैयारी है। छत्तीसगढ़ सरकार ने कोदो-कुटकी का समर्थन मूल्य न केवल 3 हजार रूपए प्रति क्विंटल घोषित किया है बल्कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना का विस्तार करते हुए अब कोदो-कुटकी की फसल लेने वाले किसानों को प्रति एकड़ 9 हजार रूपए और धान के बदले कोदो-कुटकी की फसल लेने वाले किसानों को 10 हजार रूपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी देने का प्रावधान किया है, ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का एक मात्र राज्य है।

गौरतलब है कि प्रदेशव्यापी मिलेट मिशन का मुख्य फोकस छत्तीसगढ़ के बस्तर और आदिवासी अंचल के जिलों में होगा। इन जिलों में इन मिलेट्स का उत्पादन प्राकृतिक रूप से होता है। समय के साथ-साथ अच्छी गुणवत्ता के बीजों की उपलब्धता में कमी और तकनीकी मार्गदर्शन के अभाव में किसान मिलेट्स के उत्पादन से दूर होते गए। आदिवासी अंचल विशेष कर बस्तर में मिलेट्स का उत्पादन बढ़ने से जहां किसानों की आय में वृद्धि होगी साथ ही इन क्षेत्रों में कुपोषण की समस्या से निपटने में भी मदद मिलेगी। आने वाले समय में मिलेट्स में बस्तर के किसानों की बड़ी ताकत बनेंगे।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

मिलेट मिशन के तहत छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों में कोदो, कुटकी, रागी आदि विभिन्न प्रकार के मिलेट के क्षेत्र तथा उत्पादन में वृद्धि करते हुए उनके उचित प्रसंस्करण के माध्यम से विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार किए जाएंगे तथा राज्य में मिलेट की खपत को बढ़ाने के प्रयास भी किए जाएंगे। इस मिशन द्वारा बच्चों, महिलाओं तथा नागरिकों के लिए पोषक आहार की उपलब्धता बढ़ेगी साथ ही मिलेट विकास के माध्यम से कृषकों, महिला समूहों को तथा युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। राज्य में उत्पादित और प्रसंस्कृत मिलेट को छत्तीसगढ़ के साथ अन्य राज्यों में उचित मूल्य पर विक्रय के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
गौरतलब है कि प्रदेश में कांकेर, कोण्डागांव, नारायणपुर, जगदलपुर, दंतेवाड़ा और सुकमा सहित राजनांदगांव, कवर्धा और बेमेतरा तथा सरगुजा के कुछ क्षेत्रों में इन मिलेट्स का उत्पादन होता है। मिलेट्स का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रदेश के ऐसे क्षेत्रों में जहां मिलेट के उत्पादन की अच्छी संभावना है, वहां मिलेट क्लस्टर चिन्हांकित कर उन्नत खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। पोषण से भरपूर मिलेट्स की मांग अब देश-विदेश में काफी बढ़ रही है, ऐसे में मिलेट्स की खेती बस्तर अंचल के किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी। इस मिशन में मिलेट्स की खेती से महिला स्व सहायता समूहों को जोड़ा जाएगा। मिलेट्स का उत्पादन बढ़ाने के साथ इनकी मार्केटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। उत्पादन वाले गांवों में छोटी-छोटी प्रसंस्करण इकाईयां लगाई जाएंगी और पैकेजिंग की इकाईयां स्थापित की जाएंगी। मिलेट्स की खपत और बढ़ाने के लिए गढ़कलेवा के व्यंजनों की सूची में कोदो, कुटकी और रागी से तैयार व्यंजनों को भी शामिल किया जाएगा।

[contact-form][contact-field label=”Name” type=”name” required=”true” /][contact-field label=”Email” type=”email” required=”true” /][contact-field label=”Website” type=”url” /][contact-field label=”Message” type=”textarea” /][/contact-form]

Ashish Sinha

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!