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अंबिकापुर में “छंद की सार्थकता” पर कार्यशाला, काव्य सम्मेलन और पुस्तक विमोचन सम्पन्न

सरस्वती महाविद्यालय अंबिकापुर में “छंद की सार्थकता” विषय पर कार्यशाला, काव्य सम्मेलन एवं दो पुस्तकों का विमोचन हुआ। कार्यक्रम में साहित्यकारों और विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

“छंदों की अभिव्यक्ति” कार्यशाला, काव्य सम्मेलन और पुस्तक विमोचन का आयोजन

📍 अंबिकापुर, 10 जून 2025| मानव कल्याण एवं सामाजिक विकास संगठन के तत्वावधान में सरस्वती महाविद्यालय, सुभाष नगर, बनारस रोड, अंबिकापुर में “छंद की सार्थकता” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला, काव्य सम्मेलन एवं पुस्तक विमोचन कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया।

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कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के पूजन, माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से हुई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि  विनोद हर्ष, विशिष्ट अतिथि संतोष दास सरल और अध्यक्ष सुरेश जायसवाल सहित अन्य गणमान्य अतिथिगण उपस्थित रहे।

📘 पुस्तक विमोचन

इस अवसर पर प्रदेशाध्यक्ष आशा उमेश पाण्डेय ‘अविरल’ द्वारा संपादित “आखर दोहावली” और संगठन की संरक्षिका पूनम दुबे ‘वीणा’ द्वारा रचित “वीणा की दोहावली” का विमोचन भी किया गया।

🎶 सांस्कृतिक प्रस्तुति और सारगर्भित वक्तव्य

कार्यक्रम में वरिष्ठ लोक गायक श्री रंजीत सारथी द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई।
सभी अतिथियों ने विद्यार्थियों को छंदों की उपयोगिता, संरचना और साहित्य में उनके स्थान पर गहन जानकारी दी।

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महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य ऋषि सिंह ने कहा कि “कार्यशाला के माध्यम से विद्यार्थियों को छंद की गंभीर समझ मिली, जो उनके साहित्यिक विकास के लिए अत्यंत लाभकारी होगी।”

🎤 काव्य मंच संचालन

प्राध्यापक कृष्ण कुमार त्रिपाठी द्वारा मंच संचालन किया गया, तत्पश्चात मंच संचालन की जिम्मेदारी कवि देवेंद्रनाथ दुबे को सौंपी गई, जिन्होंने कवियों की प्रस्तुतियों को सराहनीय ढंग से प्रस्तुत कराया।
कार्यक्रम में रंजीत सारथी, विनोद हर्ष, संतोष दास सरल, आनंद यादव, डॉ. उमेश पांडेय, आशा पांडेय, पूनम दुबे, माधुरी जायसवाल, अर्चना पाठक, प्रकाश कश्यप सहित अनेक कवियों ने शानदार काव्य पाठ किया।

🤝 संगठन संरक्षक की घोषणा

कार्यक्रम के अंत में श्री सुरेश जायसवाल को मानव कल्याण एवं सामाजिक विकास संगठन का संरक्षक घोषित किया गया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया।

संस्थापक अध्यक्ष डॉ. उमेश कुमार पांडेय ने सभी अतिथियों, प्राध्यापकों, छात्र-छात्राओं और आयोजन से जुड़े सभी सहयोगियों के प्रति आभार जताया और कहा कि कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संपन्न होना यह दर्शाता है कि साहित्य के प्रति युवा पीढ़ी की रुचि बनी हुई है।

Ashish Sinha

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