
छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंदेशबिलासपुरब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिराज्य
पत्नी ने बीमारी छिपाकर शादी की थी, मानसिक क्रूरता: हाईकोर्ट ने तलाक का फैसला बरकरार रखा, 5 लाख देने का आदेश
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पत्नी की अपील खारिज करते हुए तलाक को बरकरार रखा। पति का आरोप था कि पत्नी ने माहवारी न आने की बीमारी छिपाई थी। कोर्ट ने 5 लाख रुपये स्थायी भरण-पोषण तय किया।
बीमारी छिपाकर शादी करना मानसिक क्रूरता: हाईकोर्ट ने तलाक का फैसला बरकरार रखा, पत्नी को 5 लाख देने का आदेश
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कबीरधाम के एक दंपती के तलाक मामले में बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के तलाक के आदेश को सही बताते हुए पत्नी की अपील खारिज कर दी। अदालत ने माना कि पति-पत्नी के बीच रिश्ते इतने बिगड़ चुके हैं कि अब उनका साथ रहना संभव नहीं है।
10 साल से पीरियड्स न आने की बात शादी से पहले नहीं बताई: पति का आरोप
पति ने अदालत में कहा था कि—
- उनकी शादी 5 जून 2015 को हुई थी।
- शुरुआत में दो महीने सब ठीक था, लेकिन बाद में विवाद बढ़ने लगे।
- पत्नी ने बताया कि उसे माहवारी नहीं आती। डॉक्टर ने बताया कि यह समस्या पिछले 10 साल से है।
- पति का आरोप था कि पत्नी और उसके परिवार ने यह बीमारी शादी से पहले छिपाई, जो उसके लिए मानसिक क्रूरता है।
पत्नी ने कोर्ट में कहा कि —
“अगर पहले बता देती तो आप शादी से मना कर देते, इसलिए नहीं बताया।”
पत्नी के आरोप: मुझसे सारे काम करवाते थे, बांझ कहकर ताने देते थे
पत्नी ने भी आरोप लगाया कि—
- शादी के बाद घर की नौकरानी हटा दी गई।
- सभी घरेलू काम उसी से करवाए जाते थे।
- उसे ‘बांझ’ कहकर ताना मारा जाता था।
2016 से अलग रह रहे थे दोनों
कोर्ट ने पाया कि—
- पति-पत्नी साल 2016 से अलग रह रहे हैं।
- दांपत्य संबंध सामान्य होने की कोई संभावना नहीं है।
- ऐसे में तलाक का फैसला उचित है।
पत्नी को मिलेगा 5 लाख रुपये
हाईकोर्ट ने कहा कि—
- तलाक का फैसला बरकरार रहेगा।
- पत्नी की आर्थिक स्थिति देखते हुए 5 लाख रुपये स्थायी भरण-पोषण दिया जाए।
- पति यह राशि चार महीने के भीतर देगा।









