
साय कैबिनेट के बड़े फैसले: आत्मसमर्पित नक्सलियों के प्रकरण निपटारा प्रक्रिया और जन विश्वास विधेयक को मंजूरी
छत्तीसगढ़ कैबिनेट ने आत्मसमर्पित नक्सलियों के प्रकरणों की समीक्षा/वापसी प्रक्रिया, जन विश्वास विधेयक 2025 और अनुपूरक बजट को मंजूरी दी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई।
साय कैबिनेट के बड़े फैसले: आत्मसमर्पित नक्सलियों के प्रकरण निपटारा/वापसी प्रक्रिया को मंजूरी, जन विश्वास विधेयक को भी हरी झंडी
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में बुधवार को सिविल लाइन स्थित सीएम निवास में आयोजित कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में विशेष रूप से आत्मसमर्पित नक्सलियों के आपराधिक प्रकरणों के निराकरण / वापसी प्रक्रिया, जन विश्वास विधेयक, तथा 2025–26 के अनुपूरक बजट से जुड़े प्रस्तावों पर मुहर लगी।
कैबिनेट के फैसलों का प्रभाव
- नक्सल प्रभावित जिलों में चल रहे पुनर्वास कार्यों को गति मिलेगी।
- न्यायालयों पर दबाव कम होगा।
- जन विश्वास विधेयक से आम नागरिकों के छोटे प्रकरणों का निपटारा आसान होगा।
- पुनर्वास नीति को फील्ड स्तर पर प्रभावी रूप से अमल में लाने का मार्ग साफ होगा।
आत्मसमर्पित नक्सलियों के लंबित प्रकरणों के निराकरण/वापसी प्रक्रिया को मंजूरी
कैबिनेट ने निर्णय लिया कि आत्मसमर्पित नक्सलवादियों के विरुद्ध दर्ज गंभीर प्रकरणों की प्रक्रिया अब जिला स्तरीय समिति के माध्यम से आगे बढ़ाई जाएगी।
- समितियों के गठन, समीक्षा और अनुशंसा की जिम्मेदारी संबंधित जिला कलेक्टर के नेतृत्व में होगी।
- यह प्रक्रिया नक्सल उन्मूलन नीति 2025 के अनुरूप लागू की जाएगी।
- समिति प्रकरणों की गंभीरता, साक्ष्यों की स्थिति और न्यायालयीन पहलुओं की समीक्षा करेगी।
- आत्मसमर्पित नक्सलियों के ‘बेगुनाह/गलत मामलों में फंसाए जाने’ या ‘सामान्य प्रकृति के अपराधों’ के मामलों को तेजी से निपटाए जाने का प्रावधान किया गया है।
सरकार का तर्क है कि छोटे-छोटे प्रकरणों के लंबित रहने से पुनर्वास प्रभावित होता है, इसलिए प्रक्रिया में पारदर्शिता और समयबद्धता लाई जा रही है।
जन विश्वास विधेयक (छत्तीसगढ़) 2025 को मंजूरी
बड़ी संख्या में ऐसे अपराध जिनमें शिकायतें तकनीकी या प्रक्रियागत त्रुटियों के चलते बनती थीं—उन्हें सरल करने हेतु यह विधेयक लाया गया है।
- कई अधिनियमों में संशोधन कर सुलह/निपटान आधारित प्रावधान बढ़ाए जाएंगे।
- छोटे उल्लंघनों के मामलों में कोर्ट का बोझ कम होगा और नागरिकों को सीधे राहत मिलेगी।
- उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जिसने ‘जन विश्वास विधेयक’ को राज्य स्तर पर अपनाया है।
वित्तीय वर्ष 2025–26 के अनुपूरक बजट विधेयक को मंजूरी
कैबिनेट की बैठक में आगामी विधानसभा सत्र में प्रस्तुत किए जाने वाले अनुपूरक बजट (2025–26) को भी अनुमति प्रदान की गई।









