
मातम के बीच हुई शादी, पिता के मौत के दिन ही हुई बेटी की शादी, फिर निकली पिता की अर्थी
मातम के बीच हुई शादी, पिता के मौत के दिन ही हुई बेटी की शादी, फिर निकली पिता की अर्थी
बिहार के गया जिले में उस समय शादी की तैयारियों की खुशियां मातम में बदल गई जब शादी के दिन ही लड़की के पिता की मौत हो गई। मामला शिवनगर गांव का है। पिता की मौत के बाद बेटी की शादी मंदिर में बिना किसी तामझाम के संपन्न करायी गई। शादी के बाद मंदिर परिसर से ही दुल्हन की विदाई की गई। बेटी की विदाई के बाद पिता का अंतिम संस्कार किया गया। शादी और विदाई तक पिता का शव घर में ही पड़ा रहा। शिवनगर पंचायत के सरपंच रविंद्र सिंह ने बताया कि गांव के महेंद्र राम आसनसोल में कोल इंडिया में नौकरी करते थे। बेटी रिंकी कुमारी की शादी के लिए छुट्टी लेकर घर आये थे। सोमवार को बरात आने वाली थी। शादी की तैयारियां चल रही थी। इसी बीच सोमवार की सुबह करीब तीन बजे रिंकी के पिता महेंद्र राम के पेट में दर्द हुआ। ग्रामीणों ने महेंद्र राम को अनुमंडल अस्पताल टिकारी लाया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों और ग्रामीणों के बीच शादी को लेकर चर्चा की गई। डोभी थाना क्षेत्र के बीजा गांव के अजय राम (दुल्हा के पिता) को पूरी जानकारी दी गई। लड़का पक्ष मंदिर में शादी को राजी हो गया और दुल्हा नीरज कुमार अपने कुछ नजदीकी रिश्तेदार के साथ रामेश्वर बाग स्थित मंदिर पहुंचे। यहां नीरज और रिंकी की शादी करवायी गई। शादी के बाद मंदिर परिसर से ही लड़की को ससुराल के लिए विदा कर दिया गया। लड़की की विदाई के बाद मृत पिता महेंद्र राम की अंतिम संस्कार किया गया। गांव में मातम का माहौल है।
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