छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंधमतरीब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिराज्य

CG NEWS : जिला प्रशासन ने बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य को समझने और परीक्षा पश्चात पालकों के लिए जारी किये सुझाव

CG NEWS : जिला प्रशासन ने बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य को समझने और परीक्षा पश्चात पालकों के लिए जारी किये सुझाव

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e

कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी के निर्देश पर शिक्षा और आदिवासी विकास विभाग का अमला घर-घर जाकर पालकों एवं बच्चों को दे रहा समझाईश

जिला एवं विकासखंड स्तर पर स्थापित किया गया हेल्पडेस्क

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

धमतरी // आगामी दिनों में माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा दसवीं और बारहवीं बोर्ड की परीक्षाओं के परिणाम घोषित किया जाना है। परीक्षा परिणाम को लेकर इन दिनों अधिकांश घरों में गर्मी बढ़ी हुई है। परिणाम आने से जहां कुछ बच्चों के सपनों को उड़ने के लिए पंख मिलेंगे, तो वहीं दूसरी ओर कुछ बच्चे ऐसे भी होंगे, जिन्होंने मेेहनत तो की होगी लेकिन उनकी आशानुरूप परिणाम प्राप्त नहीं होगा या जिनके सपने पूरे नहीं हो सकेगें। ऐसे आशावादी बच्चे परिणाम को लेकर या तो बहुत ही निराश हो जाते है या तनाव, अवसाद आदि से ग्रसित हो जाते है और गलत कदम उठा लेते है। पालक भी परिणाम को लेकर बहुत ज्यादा बच्चों पर ज्यादा दबाव या प्रेसर बनाते है। जिला प्रशासन ऐसे बच्चों को लेकर बहुत ही संवेदनशील है और उनके मानसिक स्वास्थ्य और परीक्षा परिणाम पश्चात पालकों के लिए कुछ सुझाव दिये है।
कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी के निर्देश पर शिक्षा विभाग और आदिवासी विकास विभाग द्वारा घर-घर जाकर पालकों एवं बच्चांे को समझाईश दी जा रही है कि परीक्षा में जो भी परिणाम आये, वह मात्र एक नंबर है। इससे बच्चे के जीवन की दिशा व दशा तय नहीं होगी। पालक अपने बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभा को निखारने का काम करें। बच्चे जीवन में अवश्य सफल होंगे। इस दौरान शिक्षकों द्वारा देश-दुनिया के ऐसे महान लोगों के भी उदाहरण दिये जा रहे है जो पढ़ाई में भले ही कमजोर रहे हो लेकिन अपनी योग्यता के बल पर उन्होंने सफलता के आसमान को छूआ है।
जिला प्रशासन द्वारा बच्चों एवं पालकों के लिए कुछ सुझाव दिये गये है, जिनमें बताया गया है कि बच्चे को अपने व्यवहार से जितना हो सके सुरक्षित महसूस कराएं, जहां वे आपके सामने अपने विचारों और भावनाओं को स्वतंत्र रूप से बिना डरे व्यक्त कर सकें। अपने बच्चे को हरसंभव अपने समर्थन का आश्वासन दें, जैसे गले लगाना या यह कहना ’चाहेे कुछ भी हो, मैं तुम्हारे लिए यहां हूं’, ’अंक ही सब कुछ नहीं हैं’, ऐसे वाक्यों से बच्चों को काफी प्रोत्साहन मिलता है। इससे बच्चे के आत्मसम्मान में बढ़ोत्तरी होती है, उसे अकेलेपन में कमी महसूस होती है और पालक एवं बालक का रिश्ता बेहतर बनता है।
इसके अलावा बच्चों से सवाल करें कि उन्हें क्या चाहिए। आपके बच्चों के पास अपने लिए उपयोगी निर्णय लेने की क्षमता है। यह निर्देशित करने की बजाय कि अपने समय का प्रबंधन कैसे करना है, बस पूछें ’मैं आपकी कैसे मदद कर सकता हूं?’ अग आप मदद करने में असक्षम महसूस कर रहे हैं तो बच्चे को एक कांउसलर से बात करवाने अवश्य ले जायें। बच्चे को इस तथ्य की याद जरूर दिलाएं कि जीवन यापन में परीक्षा के अलावा भी बहुत कुछ है। उनके पास दुनिया की कई अन्य चीजों तक पहुंच है, भले ही परीक्षा परिणाम उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप न हों।
गौरतलब है कि बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य चिंताओं के संकेत के तौर पर बच्चे के हाथों या शरीर के बाकी अंगों पर चोट निशान दिखें, भविष्य के बारे में नकारात्मक बातें करना, बच्चे में व्यक्तिगत बदलाव जैसे पसंदीदा काम में रूचि न रखना, थका हुआ महसूस करना, भूख और नींद में अनियमितता, असफलता के लिए खुद को दोष देना, अत्यधिक गुस्सा होना और शर्मिंदगी महसूस करना, बच्चा ज्यादातर अकेला रहे या किसी से बात नहीं करे और व्यवहार में बदलाव जैसे चिड़चिड़ापन, उदासी, चिंता, आक्रामकता आदि लक्षण हों तो जिला स्तर और विकासखण्ड स्तर पर स्थापित हेल्पडेस्क नंबर पर सम्पर्क किया जा सकता है। जिला स्तर पर हेल्पडेस्क नंबर 07722-230989 स्थापित किया गया है। इसी तरह विकासखण्ड स्तर पर भी हेल्पडेस्क नंबर स्थापित किया गया है। इनमें धमतरी विकासखण्ड में 07722-230989, कुरूद और मगरलोड में 07705-223381 तथा विकासखण्ड नगरी के लिए 07700-251398 हेल्पडेस्क नंबर शामिल है।

Ashish Sinha

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!