

प्रदेश खबर विश्रामपुर -गत 12अप्रैल को सितम्बर राजवाड़े रिपोर्ट दर्ज कराया कि इसकी मां अमरेश बाई लक्ष्मणपुर बस्ती के नया मकान में अकेली रहती थी जो मृत अवस्था में अपने खाट के पास जमीन में चित हालत मे पड़ी है मृतिका की साड़ी व चुड़ी बगल में पड़ा है चोट दिखाई नही दे रहा है मां की मृत्यु कैसे हुई है इसकी जानकारी नही है कि रिपोर्ट कायम कर मृतिका अमरेश बाई पति स्व. रामदयाल उम्र 55 वर्ष निवासी लक्ष्मणपुर कुम्दा बस्ती के शव का पंचनामा कार्यवाही कर पीएम कराया जोे डाक्टर द्वारा पीएम रिपोर्ट में मृतिका की मृत्यु गला दबाने से सांस अवरूद्ध होने एवं हत्यात्मक प्रकृति का होना बताया जिस पर बिश्रामपुर पुलिस ने करने पर दिनांक 12.अप्रैल को अज्ञात आरोपी के विरूद्ध धारा 302 भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
मामले की सूचना पर पुलिस अधीक्षक सूरजपुर राजेश कुकरेजा ने थाना प्रभारी विश्रामपुर को इस घटना की विवेचना बारीकी से करते हुए घटना स्थल के आसपास रहने वालों से विस्तृत पूछताछ करने के निर्देष दिए साथ ही इस मामले की स्वयं लगातार मानिटरिंग करते रहे।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर के मार्गदर्शन में अज्ञात आरोपी की पतासाजी सुरागरसी की गई, विवेचना के दौरान मृतिका के आस पड़ोस में रहने वालो से घटना के सम्बध में बारिकी से पूछताछ करने पर मृतिका का उसके बड़े पुत्र से वाद विवाद होना बताते हुए मृतिका के बडे पुत्र सिंतम्बर राजवाड़े के उपर हत्या करने का संदेह जाहिर किए, तत्पश्चात मृतिका के बडे पुत्र सितम्बर राजवाडे को तलब कर पूछताछ करने पर पुलिस को गुमराह करता रहा लिहाजा हिकमत अमली से पूछताछ करने पर घटना कारित करना स्वीकार करते हुए अपने मेमोरण्डम कथन में बताया कि उसकी मां अमरेश बाई पिता के मृत्यु के बाद लक्ष्मणपुर कुम्दा बस्ती वाले नये घर मंे अकेली रहती थी। मां घर में शराब बनाती थी तथा किसी-किसी को घर में बैठाकर शराब पिलाती एवं स्वयं भी उनके साथ पिती थी और पारा मोहल्ला में घुमती रहती थी व चाल-चलन भी ठीक नहीं था जिससे गांव समाज में इनका बदनामी हो रहा था कई बार समझाने एवं पुराने घर में रहने के लिये उसे बोला था तो नहीं मानती थी इसका व इसका छोटा भाई चांवला राजवाडे के नाम से न्यायालय से रोड एक्सीडेंट के प्रकरण में तीन लाख रूपये भरने का नोटिस भी मिला था। इन दोनों भाई के पास पैसा नहीं रहने से ये दोनों भाई लक्ष्मणपुर वाले नये मकान को चार लाख रूपये में बेचना चाह रहे थे लेकिन इसकी मां बोली की तुम्हारे पिता का बनाया हुआ घर जमीन है इसको मैं नही बेचने दुंगी बोलकर मना कर दी थी लेकिन पैसा का कोई व्यवस्था नहीं होने से यह बेचना चाह रहा था। मां के वजह से इनका बदनामी होने एवं जमीन बेचने से मना करने के कारण मां को किसी तरह से मारना चाहता था और करीब 9 बजे अपनी मा के लिए मुर्गा सब्जी पहुंचाने गया और एक दरवाजे के हटका को अंदर से खुला छोड कर घर वापस आ गया। घटना दिनांक 12अप्रैल के रात्रि करीब 1 बजे पैदल अपने नया घर गया और जिस दरवाजा को खोलकर रखा था उसी दरवाजा से घर में घुसा उसकी मां अकेली शराब पीकर सो रही थी तब यह अच्छा मौका मिला है सोचकर हाथ से उसके गला को दबा दिया जिससे मृतिका अमरेश बाई बिस्तर से छटपटाकर नीचे गिर गई छटपटा रही थी तभी मां के बिस्तर में रखा गमछा से गले को फिर से दबाया जिससे मां की मृत्यु हो गई इसके बाद घटना को अज्ञात व्यक्ति द्वारा किया गया हो उसका स्वरूप दिया। हत्या करने के बाद घर का दरवाजा को सटाकर अपने पुराने घर चला गया। सबुह थाना जाकर अपने बचाव के लिये अपनी मां का मृत्यु के सबंध में रिपोर्ट कराना बताया। प्रकरण में आरोपी सितम्बर राजवाडे द्वारा घटना के तथ्य को भटकाने एवं छिपाने के उद्धेष्य से रिपोर्ट दर्ज कराना पाये जाने पर आरोपी के विरूद्ध प्रकरण में पृथक से धारा 201 भादवि जोड़ी गई। जांच विवेचना में आरोपी के विरूद्व अपराध सबूत पाए जाने पर उसे विधिवत् गिरफ्तार कर न्यायालय में पेष किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
इस कार्यवाही में थाना प्रभारी विश्रामपुर सुभाष कुजूर, एएसआई लक्ष्मी गुप्ता, के.डी.बनर्जी, उमेष सिंह, प्रधान आरक्षक आनंद सिंह, संजय सिंह यादव, आरक्षक अकरम मोहम्मद, अखिलेश पाण्डेय, देवनंदन राजवाडे़, अजय प्रताप सिंह, संजय राजपुत, रविषंकर पाण्डेय, नागेश नाहक रौशन सिंह व महिला सैनिक उर्मिला पटेल सक्रिय रहे।
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