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Chanakya Niti: मुसीबत से बचना है तो न करें इन लोगों की Company

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य नालंदा विश्वविद्यालय के महान आचार्य थे। उनके द्वारा लिखी गई चाणक्य नीति आज भी उतनी कारगर है जितनी कल थी। उनकी नीतियों का अनुसरण करने से व्यक्ति बिना किसी की सहायता के अपने आप को कठिन समय से निकाल ही लेता है। आचार्य की बातें प्रैक्टिकल लाइफ में सही बैठती हैं। सुखी और सफल जीवन के लिए मूर्ख व्यक्ति से दूर ही रहना चाहिए। उसे कभी भी ज्ञान देने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। मूर्ख की भलाई करने की सोचेंगे तो भी उस पर इस बात का कोई असर नहीं होगा। व्यर्थ के वाद-विवाद में अपना समय खराब करने की अपेक्षा ऐसे लोगों से दूर ही रहना चाहिए।

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संतोऽसत्सु न रमंते।
भावार्थ : जो अच्छे लोग होते हैं, सहृदय और सदाचारी होते हैं, उन्हें दुर्जनों के मध्य रहकर आनंद का अनुभव नहीं होता क्योंकि दुर्जन व्यक्ति हमेशा फालतू के काम में अपना समय व्यर्थ करता है। एक समझदार इंसान को अपने समय की कीमत पता होती है। मूर्ख व्यक्ति के साथ बैठने का असर सफलता और तरक्की पर पड़ता है। अत: वे उनसे दूर ही रहते हैं।

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मूर्खों से दूर रहते हैं ‘ज्ञानी’
न हंसा: प्रेतवने रमन्ते।

भावार्थ : हंस पक्षी श्मशान में नहीं रहता। ज्ञानी व्यक्ति मूर्ख और दुष्ट व्यक्तियों के पास बैठना पसंद नहीं करते क्योंकि उनकी विचारधारा और स्वभाव एक जैसा नहीं होता। मूर्ख व्यक्ति को समझाना जैसे भैंस के आगे बीन बजाना है। ऐसे लोगों के साथ बैठकर समय तो खराब होता ही है, उसके साथ-साथ मान-सम्मान भी चला जाता है। मूर्खो से तो जितना दूर रहा जाए उतना ही अच्छा है। ऐसे लोगों की संगत हमेशा परेशानी ही लेकर आती है।

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