
भारत अगस्त तक चीता को फिर से लाने के लिए तैयार
भारत अगस्त तक चीता को फिर से लाने के लिए तैयार है
नई दिल्ली, 7 जून भारत देश से विलुप्त हो चुकी प्रजातियों के पुनर्वास के प्रयासों के तहत अगस्त तक मध्य प्रदेश के एक वन्यजीव अभयारण्य में दक्षिण अफ्रीका के चीतों को लाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
पर्यावरण मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि मध्य प्रदेश के कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के लिए 10 वर्ग किलोमीटर का एक विशेष घेरा तैयार किया गया है और जल्द ही कम से कम छह चीतों का घर होगा जो दक्षिण अफ्रीका से यहां लाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के साथ समझौता हो चुका है और कानूनी प्रकोष्ठ द्वारा इसकी समीक्षा की जा रही है।
भारत में वहां से चीतों को लाने के लिए नामीबिया के साथ भी बातचीत चल रही थी, लेकिन शिकार से संबंधित कुछ मुद्दों पर एक रोड़ा अटक गया है।
उन्होंने कहा कि हम हर साल 8-10 चीतों को पेश करने की योजना बना रहे हैं और पांच साल की अवधि में संख्या को 50 तक ले जाने की योजना बना रहे हैं।
चीतों के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका की एक टीम अगले सप्ताह कुनो पालपुर का दौरा कर रही है।
चीते को भारत वापस लाने की चर्चा 2009 में वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा शुरू की गई थी।
चीता एकमात्र बड़ा मांसाहारी है जो भारत से पूरी तरह से समाप्त हो गया है, मुख्य रूप से अधिक शिकार और निवास स्थान के नुकसान के कारण।
सुप्रीम कोर्ट ने एक विशेषज्ञ पैनल नियुक्त किया था, जिसने कुनो पालपुर को चीता पुनर्वास के संभावित स्थान के रूप में मंजूरी दी थी।