
ईडी की निष्पक्षता पर सवाल: कांग्रेस भवन की जांच, भाजपा कार्यालयों पर चुप्पी क्यों?
ईडी की निष्पक्षता पर सवाल: कांग्रेस भवन की जांच, भाजपा कार्यालयों पर चुप्पी क्यों?
रायपुर | 26 फरवरी 2025 | कांग्रेस ने भाजपा और केंद्रीय एजेंसियों पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पूरी तरह से भाजपा के इशारे पर काम कर रही है। कांग्रेस प्रदेश संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अगर ईडी को कांग्रेस भवनों के निर्माण में हुए खर्च की जांच करनी है, तो हम पूरी तरह तैयार हैं। कांग्रेस अपने फंडिंग और खर्च का पूरा हिसाब देने को तैयार है, लेकिन ईडी भाजपा के खर्चों पर चुप क्यों है?
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन को लेकर ईडी की पूछताछ पर प्रतिक्रिया देते हुए शुक्ला ने कहा कि भाजपा के 150 करोड़ रुपए की लागत से बने कुशाभाऊ ठाकरे परिसर की जांच क्यों नहीं की जा रही? उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर भाजपा के दफ्तरों की फंडिंग का स्रोत क्या है, इसकी जांच से ईडी क्यों बच रही है?
भाजपा के इशारे पर हो रही ईडी की कार्रवाई?
कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने आरोप लगाया कि भाजपा सत्ता में आने के बाद से केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में ईडी की टीम ने कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन को सम्मन भेजा, जिसमें यह जानकारी मांगी गई कि इस भवन के निर्माण के लिए फंड कहां से आया?
उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस ने 15 साल तक विपक्ष में रहते हुए कार्यकर्ताओं और आम जनता के सहयोग से यह भवन बनाया था। जनसहयोग से पार्टी भवन बनाना कांग्रेस की परंपरा रही है। यहां तक कि रायपुर का ऐतिहासिक कांग्रेस भवन भी आजादी की लड़ाई के दौरान छेर-छेरा पुन्नी के त्योहार में मांगे गए दान से बनाया गया था। इसी भवन से स्वतंत्रता संग्राम की कई महत्वपूर्ण लड़ाइयां लड़ी गईं।
कांग्रेस देगी हर पैसे का हिसाब, लेकिन भाजपा की जांच कब होगी?
शुक्ला ने कहा, “अगर ईडी को कांग्रेस के कार्यालय निर्माण के लिए फंडिंग की जांच करनी है तो हम पूरा हिसाब देंगे, लेकिन क्या ईडी में इतनी हिम्मत है कि वह भाजपा के खर्चों की जांच कर सके? भाजपा ने 150 करोड़ रुपए की लागत से भव्य कुशाभाऊ ठाकरे परिसर बनाया है। उसकी फंडिंग कहां से आई, इसकी जांच क्यों नहीं की जा रही?”
उन्होंने कहा कि भाजपा का यह कार्यालय किसी फाइव-स्टार होटल से कम नहीं है। इतना ही नहीं, भाजपा के रायपुर स्थित एकात्म परिसर की जमीन मात्र 1 रुपए में पार्टी को दी गई थी। लेकिन बाद में इसे एक व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स में तब्दील कर दिया गया, जहां से भाजपा हर महीने 1.5 करोड़ रुपए का किराया वसूल रही है।
“क्या ईडी इसकी जांच करेगी?” – यह सवाल उठाते हुए शुक्ला ने कहा कि भाजपा का असली चेहरा जनता के सामने लाने की जरूरत है।
500 करोड़ के संघ कार्यालय पर ईडी क्यों चुप?
भाजपा की जांच को लेकर ईडी की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने दिल्ली में 500 करोड़ रुपए की लागत से अपना मुख्यालय बनाया है। ईडी को यह भी जांच करनी चाहिए कि इतनी बड़ी रकम कहां से आई? आखिर भाजपा के अनुषांगिक संगठन की फंडिंग का स्रोत क्या है?”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यालय की जांच हो सकती है, तो भाजपा के कार्यालयों की भी जांच होनी चाहिए। लेकिन ईडी पूरी तरह से भाजपा के दबाव में काम कर रही है और निष्पक्ष तरीके से कार्रवाई नहीं कर रही है।
ईडी भाजपा के अनुषांगिक संगठन की तरह काम कर रही
शुक्ला ने आरोप लगाया कि ईडी अब भाजपा के एक अनुषांगिक संगठन की तरह काम करने लगी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस प्रकार की एकतरफा जांच का विरोध करेगी और इसे जनता के सामने भी लाएगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर सवाल उठाने वाले पहले खुद अपने गिरेबान में झांकें। भाजपा और आरएसएस के पास इतनी बड़ी रकम कहां से आ रही है, यह एक बड़ा सवाल है। अगर कांग्रेस के कार्यालय की जांच हो सकती है, तो भाजपा और संघ की संपत्तियों की जांच क्यों नहीं होनी चाहिए?
भाजपा पर बड़े आरोप, क्या जवाब देगी सरकार?
कांग्रेस का यह आरोप भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि भाजपा ने अपने कार्यालयों के लिए जो रकम खर्च की है, वह कहां से आई? क्या भाजपा को कोई गुप्त फंडिंग मिली थी? क्या इसे आम जनता के सामने नहीं लाया जाना चाहिए?
जनता की अदालत में कांग्रेस का सीधा सवाल
शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस जनता की अदालत में जाएगी और इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएगी। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत हैं, जब सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करके विपक्ष को दबाने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक मजबूत पार्टी है और वह किसी भी तरह की जांच से डरने वाली नहीं है। लेकिन भाजपा को भी अपने खर्चों का हिसाब देना होगा। अगर कांग्रेस पर सवाल उठाए जाएंगे, तो भाजपा भी इससे नहीं बच सकती।
भाजपा और ईडी की मिलीभगत?
ईडी की कार्रवाई को लेकर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने कहा कि भाजपा के इशारे पर जांच हो रही है।
प्रमुख सवाल:
ईडी ने कांग्रेस कार्यालय की जांच की, लेकिन भाजपा कार्यालयों पर चुप्पी क्यों?
150 करोड़ के कुशाभाऊ ठाकरे परिसर का पैसा कहां से आया?
1 रुपए में जमीन लेकर भाजपा एकात्म परिसर से 1.5 करोड़ रुपए किराया कमा रही, ईडी इसकी जांच कब करेगी?
आरएसएस के 500 करोड़ के मुख्यालय की फंडिंग कहां से आई?
कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी जांच से पीछे नहीं हटेगी और अपने हर खर्च का हिसाब देगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या ईडी भाजपा के कार्यालयों और आरएसएस की फंडिंग की भी जांच करेगी?
यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा और केंद्र सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है। क्या वे कांग्रेस के आरोपों का जवाब देंगे, या हमेशा की तरह इस पर चुप्पी साध लेंगे?
इस पूरे घटनाक्रम ने राजनीति में नई बहस को जन्म दे दिया है। आने वाले दिनों में यह मामला और गरमाने की संभावना है, क्योंकि कांग्रेस इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना सकती है।