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दलित समाज की आवाज अब सुनी जा रही है : मनोरंजन ब्यापारी

दलित समाज की आवाज अब सुनी जा रही है : मनोरंजन ब्यापारी

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नयी दिल्ली/ दलित समाज को अपने लेखन का केंद्र बनाने वाले और पश्चिम बंगाल में दलित साहित्य के अगुवा लेखक मनोरंजन ब्यापारी का कहना है कि दलितों को लेकर समाज की सोच में बदलाव आया है और अब उनकी आवाज सुनी जा रही है। .

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असम, लखनऊ, दिल्ली और इलाहाबाद की सड़कों पर एक जमाने में रिक्शा चलाकर पेट भरने वाले मनोरंजन ब्यापारी पश्चिम बंगाल के प्रारंभिक दलित लेखकों के बीच एक प्रमुख हस्ताक्षर हैं। रिक्शाचालक से विधानसभा सदस्य बनने और वर्ष 2022 के प्रतिष्ठित जेसीबी साहित्य पुरस्कार के लिए शीर्ष पांच लेखकों में चुने जाने को वह दलित समाज के उत्थान के रूप में देखते हैं । .

Ashish Sinha

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