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‘अंगना म शिक्षा’ मेलों के आयोजन के निर्देश

रायपुर : ‘अंगना म शिक्षा’ मेलों के आयोजन के निर्देश

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छत्तीसगढ़ में बच्चों की शिक्षा को रूचिपूर्ण बनाने और उन्हें खेल-खेल में ही विभिन्न विषयों की पढ़ाई कराने के लिए अंगना म शिक्षा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। यह कार्यक्रम प्रत्येक स्कूल में शनिवार को आयोजित होगा। गौरतलब है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा हर शनिवार को बस्ताविहीन स्कूल के आयोजन के साथ ही अंगना म शिक्षा के तहत मेले के आयोजन के निर्देश दिए गए हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में छोटे बच्चों की माताओं को अपने बच्चों को घर पर रहकर स्कूल के लिए तैयार करने के उद्देश्य से महिला शिक्षिकाओं के नेतृत्व में ‘अंगना म शिक्षा’ कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। शीघ्र ही इसका अगला वर्शन ‘अंगना म शिक्षा 3.0’’ लागू किया जाएगा।
सभी जिला मिशन समन्वयक से कहा गया है कि जिन-जिन स्कूलों में अंगना म शिक्षा का एंडलाइन मेलों का जहां अंगना म शिक्षा मेलों का आयोजन नहीं किया जा सका था, वहां मेले का आयोजन किया जाए। विशेषकर मुंगेली और राजनांदगांव जिलों के जिला मुख्यालय एवं विकासखण्ड की महिला शिक्षिकाओं को तैयार कर इन मेलों को समस्त शालाओं में उनके बेहतर स्वरूप में आयोजित किए जाए। बच्चों को घर पर रहकर सीखने और माताओं को स्कूल से जोड़ने की दिशा में आवश्यक कार्यवाही की जाए।
इस वर्ष नवप्रवेश लिए हुए छोटे बच्चों की माताओें को भी स्मार्ट माताओं के माध्यम से इस कार्यक्रम से सक्रिय रूप से जोड़ें। इन्हें प्रशिक्षण के बदले अपने आस-पास के आंगनबाड़ी एवं प्राथमिक शालाओं में माह में कम से कम दो बार कक्षाओं में जाकर शिक्षकों द्वारा किए जा रहे अध्यापन का अवलोकन किया जाए। घर पर बच्चों को सीखाने के लिए आवश्यक तैयारी भी कर ली जाए। इस कार्य में स्मार्ट माताओं का भी सहयोग लिया जाए।
जिला, विकासखण्ड एवं संकुल स्तर पर अंगना म शिक्षा कार्यक्रम के सुचारू संचालन के लिए प्राथमिक शालाओं में कार्यरत महिला शिक्षिकाओं के दल का पुनर्गठन कर एक ऊर्जावान टीम तैयार की जाए। पूर्व में इस कार्यक्रम से जुड़े बहुत सी महिला शिक्षकाओं का प्रमोशन होने की वजह से वे उच्च प्राथमिक कक्षाओं में चली गई हैं। इस कार्य के लिए पूर्व से सक्रिय जिले की टीम से सहयोग लेकर उन्हें नेतृत्व प्रदान किया जाए।
शिक्षकों द्वारा पालकों के मोबाइल नम्बर लेते हुए उनके गु्रप बनाकर नियमित कहानियां और अन्य सामग्री भेजे जाने की व्यवस्था की जाए। बच्चों को शाला में शिक्षकों द्वारा इस बात पर जिद करने की सलाह दी जाए कि मोबाइल में भेजी जा रही सामग्री को घर पर सभी एक साथ बैठकर सुनकर आनंद लें। ऐसी जिद करने से पालक बच्चों को घर पर मोबाइल का उपयोग कर कहानी सुनने के लिए अवसर दे सकेंगे।
आंगनबाड़ी एवं प्राथमिक शालाओं में सभी शाला योग्य जाने वाले बच्चों को अनिवार्यतः प्रवेश दिलवाएं। नवीन खुल रहे बालवाड़ियों में बच्चों की दर्ज संख्या को बढ़ाने के लिए अभियान चलाकर इन केन्द्रों में प्रवेश योग्य सभी बच्चों का प्रवेश तत्काल सुनिश्चित करवाएं। सभी बच्चों को उनकी आयु अनुरूप वर्ण पढ़ पाना, शब्द, वाक्य एवं कहानी आदि पढ़ पाना, अंक पढ़ना, गिनती, सरल जोड़-घटना, गुणा-भाग के सवाल हर कर पाना अभ्यास कराया जाए, ताकि मूलभूत साक्षरता एवं गणितीय कौशल विकास की दिशा में कार्य किया जा सके।

Ashish Sinha

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