
वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की; चार अंतरराष्ट्रीय तस्करों को संरक्षित वन्य जीव पेंगोलिन की तस्करी करते हुए गिरफ्तार !
वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की; चार अंतरराष्ट्रीय तस्करों को संरक्षित वन्य जीव पेंगोलिन की तस्करी करते हुए गिरफ्तार !
रायपुर//बस्तर वन मंडल के करपावण्ड वन परिक्षेत्र से लगे उड़ीसा बार्डर के निकट एक नग वन्य प्राणी पेंगोलिन के साथ चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
प्रदेश में वन्य जीवों का संरक्षण और संवर्धन करने के लिए वन और जलवायु परिवर्तन विभाग ने विशेष प्रयास किए हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बाल प्रमुख श्रीनिवास राव ने वनमंत्री केदार कश्यप के निर्देश पर वन अधिकारियों को आदेश दिया है कि संरक्षित वन्य प्राणी की तस्करी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। मुख्य वन संरक्षक जगदलपुर आर सी दुग्गा के निर्देशन में बस्तर वन मंडल के वन मंडल अधिकारी उत्तम कुमार गुप्ता ने मुखबिर से मिली जानकारी के आधार पर उप वन मंडल अधिकारी बस्तर, परिक्षेत्र अधिकारी करपावण्ड सौरभ रजक और अन्य वन अधिकारियों की एक टीम बनाई. टीम ने करपावण्ड कोलावल मार्ग पर घेराबंदी की और एक संकटपन्न जीवित व्यक्ति को दो मोटरसाइकिलों में एक जूट की थैले में एक नग संकटपन्न जीवित वन्य जीव पेंगोलिन (छत्तीसगढ़ी में साल खपरी) के साथ चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। यह चारों लोग वन्यजीव बेचने के फिराख में उड़ीसा से छत्तीसगढ़ आए और ग्राहक खोज रहे थे।
वन विभाग के अधिकारियों ने वन्यजीव को सुरक्षित पकड़ लिया और चारों आरोपियों को करपावण्ड वन परिक्षेत्र कार्यालय लाया गया. भारतीय वन अधिनियम 1927 तथा वन्यप्राणि संरक्षण अधिनियम 1972 के विभिन्न धाराओं के तहत वन अपराध दर्ज कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
इस घटना में देवलाल दुग्गा, उप वनमण्डलाधिकारी जगदलपुर, योगेश कुमार रात्रे, उप वनमण्डलाधिकारी चित्रकोट, सुर्यप्रकश धु्रव, वन परिक्षेत्र अधिकारी माचकोट, प्रकाश ठाकुर, वन परिक्षेत्र अधिकारी चित्रकोट, देवेन्द्र वर्मा, वन परिक्षेत्र अधिकारी जगदलपुर, जयराज पात्र, वनरक्षक, श्रीधर स्नेही, सी.एफ.ओ. जगदलपुर, और वन परिक्षेत्र करपावण्ड के बनसिंह कर्मा उप वनक्षेत्रपाल, सुखपाल यादव वनपाल, कलमू देवा वनरक्षक, तुलेष बघेल वनरक्षक,मंगल कष्यप वनरक्षक, रघुनाथ नाग वनरक्षक,सोनाधर मौर्य वनपाल कमलोचन बघेल वनपाल का योगदान सराहनीय रहा।
संकटग्रस्त वन्यप्राणियों की सुरक्षा और बचाव के लिए जगदलपुर वन वृत्त स्तरीय रेपिड रेस्क्यू टीम (RRT) का गठन किया गया है। जो वन्यप्राणियों को बचाने के लिए निरंतर सूचना प्रणाली बनाकर वन्यप्राणियों के तस्करों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं।
पेंगोलिन वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत् सेड्यूल्ड 1 में वन्य जीवों को सूचीबद्ध किया गया है। फरोक्त व्यक्ति को मारना या खरीदना दंडनीय अपराध है।