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किसानों को कर्ज मुक्त करने और उनकी फसल का समर्थन मूल्य देने में मोदी सरकार को पीड़ा क्यों हो रही है?

किसानों को कर्ज मुक्त करने और उनकी फसल का समर्थन मूल्य देने में मोदी सरकार को पीड़ा क्यों हो रही है?

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नरेंद्र मोदी जब मुख्यमंत्री थे तब एमएसपी का समर्थन कर रहे थे प्रधानमंत्री रहते खिलाफ क्यों?

रायपुर//प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि देश का किसान सड़कों पर आंदोलन कर रहा है और भाजपा की सरकार उनकी समस्याओं को नहीं सुन रही है। पहले भी 14 महीने के आंदोलन और 700 किसानो की शहादत के बाद प्रधानमंत्री जी ने माफी मांग कर किसानों का आंदोलन तुड़वाया था और किसानों के समस्याओं के लिए कमेटी बनाने की सिफारिश किया था आज तक उस पर कोई काम नहीं हुआ है। आज एक बार फिर देश के किसान अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर है और भाजपा और उनके अनुषांगिक संगठन किसानों को फिर बदनाम कर रहे हैं और मोदी सरकार किसानों की बात को नहीं सुन रही है. एक कॉल में फोन से चर्चा करने तैयार नरेंद्र मोदी जी ने अभी तक किसानों से चर्चा क्यों नहीं की है?

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि देश के किसानों को कर्ज मुक्त करने और उनकी उपज का समर्थन मूल्य निर्धारण करने में मोदी सरकार को पसीना क्यों आ रहा है? मोदी सरकार चार फसलों कि समर्थन मूल्य तय करने तैयार है तो बाकी फसलों के समर्थन मूल्य तय करने में परहेज क्यों? नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब वो उपज के समर्थन मूल्य तय करने के हिमायती थे और आज प्रधानमंत्री हैं तब एमएसपी के खिलाफ क्यों हैं? जब उद्योगपतियों का लाखों करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया जा सकता है ऐसे में किसानो को कर्ज मुक्त करने में आनाकानी क्यों? जबकि देश में बड़ी आबादी कृषि कार्यों से जुड़ी हुई है। महंगाई का सबसे ज्यादा मार किसान झेल रहे हैं, किसानों को मिलने वाली सारी सुविधाएं लगभग खत्म कर दी गई है.

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प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने घोषणा किया था केंद्र में उनकी सरकार बनने पर स्वामीनाथन कमेटी के सिफारिश के अनुसार उपज की लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य दिया जाएगा. 2022 तक किसानों की आय दुगनी कर दी जाएगी. आज 10 साल में इस वादों पर एक इंच भी काम नहीं हुआ है. जिस गति से महंगाई बड़ी है, डीजल, कृषि यंत्र, रासायनिक खाद की कीमतों में इजाफा हुआ है, कृषि लागत मूल्य बढ़ा है लेकिन उपज की कीमत उस गति से नहीं बढ़ा है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा की राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के किसानों को धान की कीमत 3100 रु प्रति क्विंटल देने तैयार है फिर देश के किसानों ने क्या बिगड़ा हैं? यदि मोदी सरकार उपज का समर्थन मूल्य स्वामीनाथन कमेटी के सिफारिश के अनुसार तय कर देगी तो पूरे देश के किसान जो धान के साथ अन्य फसल उत्पादक है उनकी आर्थिक स्थिति सुधर जाएगी. मोदी सरकार एक अडानी, अंबानी को लाखों करोड़ रुपए कि राहत देती है और किसान को सम्मान निधि मात्र 6000 रु. सालाना ऐसा भेदभाव क्यों? किसान आर्थिक रूप से सक्षम बनेगा इससे भाजपा को तकलीफ क्यों है?

Ashish Sinha

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