
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने संभाली कमान, कहा – ‘संसद में बहस हो पर लक्ष्मण रेखा पार न हो’
नए उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति सीपी राधाकृष्णन ने पहली बैठक में सांसदों से सहयोग की अपील की। कहा – लोकतंत्र में असहमति जरूरी, पर मर्यादा बनी रहनी चाहिए।
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने संभाली कमान, सांसदों से सहयोग की अपील — कहा, ‘लक्ष्मण रेखा’ पार नहीं होनी चाहिए
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर 2025। भारत के नए उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति सीपी राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan) ने मंगलवार को संसद के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से पहली औपचारिक मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सभी दलों से सदन के सुचारू संचालन में सहयोग की अपील करते हुए कहा कि बहस और असहमति लोकतंत्र की आत्मा हैं, लेकिन ‘लक्ष्मण रेखा’ पार नहीं होनी चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि संसदीय परंपराओं और मर्यादाओं का पालन करते हुए बहस होनी चाहिए और सदन को जनप्रतिनिधियों की गरिमा तथा लोकतंत्र के आदर्शों का प्रतीक बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा—
“सांसदों को बोलने का अधिकार है, लेकिन हमें ‘लक्ष्मण रेखा’ पार नहीं करनी चाहिए। बगैर मतभेदों के लोकतंत्र नहीं हो सकता।”
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री और उच्च सदन के नेता जेपी नड्डा, कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन उपस्थित थे। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे अस्वस्थता के कारण शामिल नहीं हो सके।
कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने बैठक में विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ध्यानाकर्षण और अल्पकालिक चर्चा की अनुमति देने की मांग की। सूत्रों के मुताबिक, रमेश ने राष्ट्रीय सुरक्षा और चीन से जुड़े विषयों पर चर्चा की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सभी विधेयकों को स्थायी समितियों में भेजा जाए।
बैठक के बाद कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा,
“यह नई परंपरा की शुरुआत है। उपराष्ट्रपति ने सभी की बातें सुनीं और संसद के सुचारू संचालन का भरोसा दिलाया।”
द्रमुक सांसद तिरुचि शिवा ने बताया कि उपराष्ट्रपति ने राज्यों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की अनुमति देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि वह सत्ता और विपक्ष दोनों के साथ समान व्यवहार करेंगे।
वहीं माकपा सांसद जॉन ब्रिटास ने विपक्ष को अपनी बात रखने की स्वतंत्रता देने की जरूरत बताई और कहा कि ध्यानाकर्षण प्रस्तावों पर चर्चा की अनुमति दी जानी चाहिए।
शिवसेना नेता मिलिंद देवरा ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति को शुभकामनाएं दीं और संसद में शालीन आचरण का पूरा समर्थन व्यक्त किया।












