
मेकाहारा ही नहीं, प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क जांच की मांग — कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि केवल मेकाहारा में मुफ्त सिटी स्कैन और एमआरआई पर्याप्त नहीं। सभी सरकारी अस्पतालों में एक्सरे, सोनोग्राफी, खून, पेशाब समेत सभी जांचें निःशुल्क की जानी चाहिए।
मेकाहारा ही नहीं, प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क जांच की मांग — कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि केवल मेकाहारा में मुफ्त सिटी स्कैन और एमआरआई पर्याप्त नहीं। सभी सरकारी अस्पतालों में एक्सरे, सोनोग्राफी, खून-पेशाब समेत सभी जांचें निःशुल्क की जानी चाहिए।
रायपुर/29 अक्टूबर 2025। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि केवल मेकाहारा अस्पताल में सिटी स्कैन और एमआरआई जांच को निःशुल्क करने की घोषणा अपर्याप्त है। राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों और शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों में बेसिक जांच सेवाएं भी निःशुल्क होनी चाहिए।
वर्मा ने कहा कि कांग्रेस के लगातार विरोध के बाद सरकार को मुफ्त जांच की घोषणा करने के लिए मजबूर होना पड़ा, लेकिन इसमें भी भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा,
“स्वास्थ्य मंत्री को एक माह बाद याद आया कि मरीजों की जांच और इलाज रुका हुआ है। अभी तक केवल घोषणा की गई है, जमीनी स्तर पर मुफ्त जांच की सुविधा शुरू नहीं हुई है।”
कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि क्या स्वास्थ्य विभाग के पास केवल मेकाहारा ही एकमात्र मेडिकल कॉलेज है? उन्होंने कहा कि यदि सरकार केवल रायपुर में यह सुविधा देगी तो प्रदेश के दूरदराज़ इलाकों — बस्तर, कोरिया, जशपुर, बलरामपुर, कांकेर और सरगुजा के मरीजों को राजधानी तक आना पड़ेगा, जो व्यवहारिक नहीं है।
वर्मा ने सुझाव दिया कि सभी शासकीय अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में संचालित सीटी स्कैन और एमआरआई केंद्रों को भी यह सुविधा दी जानी चाहिए ताकि हर मरीज को समान रूप से लाभ मिले।
उन्होंने सरकार पर कमीशनखोरी का आरोप लगाते हुए कहा कि आयुष्मान कार्ड से जांच के पैकेज दरें निजी लैब की तुलना में ज्यादा हैं।
वर्मा ने बताया कि—
“जहां बाहर सिटी स्कैन ₹2000 में हो जाता है, वहीं आयुष्मान कार्ड से ₹2500 से ₹2800 तक काटा जा रहा है। इसी तरह एमआरआई जिसकी बाजार दर ₹4000-₹5000 है, उसे ₹6000 से ₹8000 तक के पैकेज में रखा गया है। यह जनता के साथ सीधा अन्याय है।”
उन्होंने मांग की कि इन पैकेज दरों की पुनः समीक्षा की जाए ताकि लाभार्थियों को राहत मिल सके।
कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। दवा, जांच और इलाज के अभाव में गरीब मरीज इलाज से वंचित हो रहे हैं।
वर्मा ने कहा —
“प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा का ऐसा हाल है कि मरीज इलाज और जांच के अभाव में बेमौत मरने को मजबूर हैं। सरकार केवल दिखावटी घोषणा कर रही है, वास्तविक सुविधा धरातल पर नहीं है।”
अंत में कांग्रेस ने सरकार से यह मांग दोहराई कि जैसे मेकाहारा में जांचें मुफ्त की गई हैं, वैसे ही प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में सभी बेसिक जांचें — एक्सरे, सोनोग्राफी, सीटी स्कैन, एमआरआई, खून व पेशाब जांच — पूरी तरह निःशुल्क की जाएं।












