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भोपाल में छठ पूजा संपन्न: 52 घाटों पर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य, 36 घंटे का निर्जला व्रत पूरा
कार्तिक शुक्ल सप्तमी (28 अक्टूबर) को भोपाल के 52 घाटों (कमला पार्क, खटलापुरा) पर छठ महापर्व का समापन हुआ। श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर 36 घंटे का निर्जला व्रत तोड़ा। नगर निगम ने सुरक्षा और रोशनी की व्यवस्था की।
भोपाल में छठ महापर्व का समापन: 52 घाटों पर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य, 36 घंटे का निर्जला व्रत पूर्ण

भोपाल, मध्य प्रदेश: सूर्य उपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ पूजा आज सुबह (मंगलवार, 28 अक्टूबर) उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। कार्तिक शुक्ल सप्तमी पर, भोपाल के 52 घाटों पर आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला, जहाँ हजारों श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से पूजन कर 36 घंटे का निर्जला व्रत पूरा किया।

आस्था का अद्भुत नज़ारा
- प्रमुख घाट: कमला पार्क, वर्धमान पार्क (सनसेट पॉइंट), खटलापुरा घाट, प्रेमपुरा घाट, हथाईखेड़ा डैम, बरखेड़ा और घोड़ा पछाड़ डैम जैसे प्रमुख घाटों पर सुबह की पहली किरण के साथ ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटने लगी थी।
- अर्घ्य और व्रत पूर्ण: व्रती महिलाओं और श्रद्धालुओं ने दूध, जल और प्रसाद से उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया, जिसके बाद उनका कठिन 36 घंटे का निर्जला उपवास पूर्ण हुआ।
- माहौल: भोजपुरी एकता मंच के अध्यक्ष कुंवर प्रसाद ने बताया कि रविवार शाम को अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद श्रद्धालु पूरी रात घाटों पर भजन-कीर्तन गाते रहे। दीयों की रोशनी, सजावट और लोकगीतों से पूरा शहर छठ मैया की भक्ति में सराबोर रहा।
घाटों पर व्यवस्था और पारण
- व्यवस्थाएं: नगर निगम ने सभी घाटों पर श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा, पर्याप्त रोशनी, स्वच्छ पेयजल और सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की थी। पुलिस और प्रशासनिक टीमें भी सुबह से ही मुस्तैद रहीं, जिससे पूजा शांति और अनुशासन के साथ संपन्न हुई।
- राजनीतिक उपस्थिति: शीतलदास की बगिया में भोपाल दक्षिण पश्चिम विधायक भगवान दास सबनानी भी उपस्थित रहे और उन्होंने लोगों को छठ पर्व की शुभकामनाएं दीं।
- पारण (व्रत तोड़ना): अर्घ्य के बाद व्रती महिलाओं ने पारण किया। इस दौरान उन्होंने पारंपरिक भोजन, जिसमें चावल, दाल, साग, सब्जी, पापड़, बड़ी, पकौड़ी और चटनी शामिल रही, ग्रहण किया। सभी ने एक-दूसरे को प्रसाद बाँटा और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
इस वर्ष भोपाल में घाटों पर रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति दर्ज की गई।












