
रामानुजगंज: 20 साल से चल रहे दो अवैध क्लीनिक सील, फर्जी इलाज से कई मरीजों की गई जान
बलरामपुर जिले के रामानुजगंज में कलेक्टर के निर्देश पर राजस्व और स्वास्थ्य विभाग ने 20 साल पुराने अवैध क्लीनिकों पर बड़ी कार्रवाई की। 'जीवन ज्योति पैथोलॉजी' और 'नेयाजुदीन क्लीनिक' सील, झोलाछाप डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई की मांग।
रामानुजगंज में अवैध क्लीनिकों पर बड़ी कार्रवाई: 20 साल से चल रहे ‘जीवन ज्योति’ और ‘नेयाजुदीन क्लीनिक’ सील
बलरामपुर (रामानुजगंज), छत्तीसगढ़: रामानुजगंज शहर और ग्रामीण इलाकों में पिछले 20 वर्षों से बिना डिग्री और लाइसेंस के अवैध रूप से संचालित हो रहे क्लीनिकों पर आखिरकार प्रशासन ने शिकंजा कसा है। कलेक्टर के निर्देश पर शनिवार को राजस्व, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर दो अवैध क्लीनिकों को सील कर दिया है।
फर्जी इलाज और मरीजों की बिगड़ी सेहत
जांच के दौरान प्रशासनिक टीम को झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा चलाई जा रही गंभीर अनियमितताओं का पता चला।
- बिना रजिस्ट्रेशन इलाज: क्लीनिकों में बिना नर्सिंग एक्ट रजिस्ट्रेशन के मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा था। फर्जी डॉक्टर खुलेआम एलोपैथिक दवाओं का उपयोग कर रहे थे, जबकि उन्हें इसकी कानूनी अनुमति नहीं है।
- गंभीर परिणाम: स्थानीय लोगों ने बताया कि इन अवैध क्लीनिकों में इलाज के कारण कई मरीजों की तबीयत गंभीर रूप से बिगड़ गई, कुछ को किडनी फेल होने की शिकायत हुई, और कई मरीजों ने अपनी जान तक गंवाई।
- बार-बार उल्लंघन: लोगों में इस बात को लेकर नाराज़गी है कि इन क्लीनिकों पर पहले भी कार्रवाई और सीलिंग हुई, लेकिन वे कुछ दिनों बाद फिर से कारोबार शुरू कर देते थे।
दो क्लीनिक सील और प्रशासनिक टीम की सख्ती
संयुक्त टीम ने छापेमारी के दौरान ‘जीवन ज्योति पैथोलॉजी’ और ‘नेयाजुदीन क्लीनिक’ में गंभीर अनियमितताएं पाईं। दस्तावेज़ों की जांच में रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस और मेडिकल वेस्ट प्रबंधन के नियमों का उल्लंघन मिला। मौके पर पंचनामा तैयार कर दोनों क्लीनिकों को सील कर दिया गया।
कार्रवाई में एसडीएम आनंद नेताम, बीएमओ डॉ. महेश प्रसाद गुप्ता, नायब तहसीलदार दिनेश नरेटी और पुलिस टीम शामिल थी।
एसडीएम आनंद नेताम ने सख्त लहजे में कहा, “आज हमने जांच शुरू की है, और दो क्लीनिक सील किए गए हैं। यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। जहां-जहां झोलाछाप डॉक्टर बैठे हैं या बिना रजिस्ट्रेशन इलाज कर रहे हैं, वहां कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अब किसी को बख्शा नहीं जाएगा।”
उन्होंने लोगों से अपील की कि ऐसे डॉक्टरों से इलाज कराना जान जोखिम में डालने जैसा है, इसलिए वे जागरूक रहें।










