
ताजा ख़बरेंदेशब्रेकिंग न्यूज़
Trending
पुतिन का ट्रंप को बड़ा झटका: परमाणु मिसाइल परीक्षण के बीच अमेरिका से प्लूटोनियम समझौता रद्द
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के साथ 2000 में हुआ प्लूटोनियम समझौता रद्द कर दिया है। यह कदम 'ब्यूरेवस्तनिक' (अनलिमिटेड रेंज वाली न्यूक्लियर मिसाइल) के सफल परीक्षण के तुरंत बाद आया है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।
पुतिन का ट्रंप को बड़ा झटका: परमाणु-पावर्ड मिसाइल परीक्षण के बीच अमेरिका से प्लूटोनियम समझौता रद्द
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अमेरिका के साथ किए गए प्लूटोनियम समझौता को रद्द कर दिया है। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब रूस ने दुनिया की पहली न्यूक्लियर पावर्ड क्रूज मिसाइल ‘ब्यूरेवस्तनिक-9M739’ के सफल परीक्षण का दावा किया है।
प्लूटोनियम समझौता क्यों हुआ रद्द?
- समझौता क्या था: रूस और अमेरिका के बीच सितंबर 2000 में एक विशेष समझौता हुआ था, जिसके तहत दोनों देशों को 34 टन हथियारों में इस्तेमाल होने वाले प्लूटोनियम को नष्ट करना था।
- समझौता रद्द: अक्टूबर 2016 में, मॉस्को ने अचानक इस समझौते को रद्द कर दिया था। उस समय अमेरिका ने रूस के इस कदम को ‘दुश्मनी से भरी कार्रवाई’ बताया था।
- वर्तमान कदम: राष्ट्रपति पुतिन ने जिस कानून पर हस्ताक्षर किया है, उसे इसी महीने की शुरुआत में रूस की संसद में मंजूरी मिल गई थी। यह कदम सीधे तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ उठाया गया माना जा रहा है।
सैन्य क्षमता में वृद्धि और भू-राजनीतिक तनाव
प्लूटोनियम समझौता रद्द होने के बीच, रूस ने अपनी सैन्य क्षमता में बड़ी वृद्धि का दावा किया है:
- न्यूक्लियर मिसाइल परीक्षण: रूस ने दुनिया की पहली परमाणु ऊर्जा से चलने वाली क्रूज मिसाइल ‘ब्यूरेवस्तनिक’ का सफल परीक्षण किया है।
- रेंज का दावा: रूसी सेना के प्रमुख वैलेरी गेरेसिमोव ने बताया कि 21 अक्टूबर को हुए टेस्ट में मिसाइल ने 15 घंटे में 14 हजार किलोमीटर की उड़ान भरी। पुतिन ने दावा किया है कि यह मिसाइल ‘अनलिमिटेड रेंज’ वाली है और दुनिया के किसी भी देश के पास ऐसी क्षमता नहीं है।
- पॉवर अलर्ट: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध और यूक्रेन को अमेरिका व अन्य देशों के समर्थन के चलते पुतिन ने अपने परमाणु बलों को अलर्ट पर रखा है।
ट्रंप प्रशासन ने भारत से भी रूस के खिलाफ ट्रेड डील रद्द करने को कहा था, हालांकि भारत ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था। अमेरिका और रूस के बीच पिछले कई महीनों से संबंध ठीक नहीं चल रहे हैं, और पुतिन का यह कदम दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है।












