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Election Commission: देशव्यापी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की तैयारी तेज
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में दो दिवसीय सम्मेलन संपन्न। आयोग ने सभी राज्यों के CEO को SIR की तैयारियों को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया। चुनावी राज्यों (असम, बंगाल, केरल) में मतदाता सूची को शुद्ध करने पर विशेष जोर।
देशव्यापी मतदाता सूची पुनरीक्षण की तैयारी तेज: चुनाव आयोग का दो दिवसीय सम्मेलन संपन्न, SIR की तैयारियों को दिया अंतिम रूप
नई दिल्ली: देश में राष्ट्रव्यापी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) की तैयारियां तेज हो गई हैं। नई दिल्ली स्थित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान में चल रहा चुनाव आयोग का दो दिवसीय सम्मेलन गुरुवार (23 अक्टूबर 2025) को संपन्न हो गया।
सम्मेलन की अध्यक्षता मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने की, इस दौरान चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी भी उपस्थित रहे।
सम्मेलन के मुख्य निर्देश और उद्देश्य
- तैयारी को अंतिम रूप: आयोग ने मुख्य चुनाव अधिकारियों (CEO) को अपने-अपने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की तैयारियों को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया।
- मतदाताओं का मिलान: आयोग ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में पिछले SIR के अनुसार मतदाताओं को वर्तमान मतदाताओं के साथ मिलान करने के लिए सीईओ को पहले जारी किए गए निर्देशों पर हुई प्रगति का भी आकलन किया।
- चर्चा और समाधान: आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा SIR प्रक्रिया पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया, और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों द्वारा पूछे गए सभी प्रश्नों का समाधान किया गया।
पिछली बैठक और चुनावी राज्यों की तैयारी
- पिछली बैठक: इससे पहले 10 सितंबर 2025 को भी एक सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अंतिम पूर्ण SIR के अनुसार अपने-अपने राज्यों में मतदाताओं की संख्या और अंतिम SIR की अर्हता तिथि पर विस्तृत प्रस्तुतियां दी थीं।
- चुनावी राज्यों से बातचीत: निर्वाचन आयोग ने विशेष रूप से असम, तमिलनाडु, पुदुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे चुनावी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों के साथ मतदाता सूची की शुद्धता और अद्यतन को लेकर गहन बातचीत की।
यह सम्मेलन मतदाता सूची को त्रुटिहीन और अद्यतन बनाने की दिशा में चुनाव आयोग के निरंतर प्रयासों को दर्शाता है, जो आगामी चुनावों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार तैयार करेगा।












