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ISRO LVM3-M5 लॉन्च: 2 नवंबर को भारत का सबसे भारी सैटेलाइट CMS-03, नौसेना को मिलेगी 70 Gbps स्पीड
ISRO 2 नवंबर को अपने 'बाहुबली' रॉकेट LVM3 से 4,400 किलोग्राम वजनी CMS-03 (GSAT-N2) सैटेलाइट लॉन्च करेगा। यह Ka-बैंड HTS तकनीक वाला उपग्रह भारतीय नौसेना और समुद्री सुरक्षा के लिए 14 साल तक 70 Gbps कम्युनिकेशन स्पीड देगा।
ISRO का अगला मिशन: ‘बाहुबली’ LVM3 रॉकेट से नौसेना के लिए सबसे भारी CMS-03 सैटेलाइट लॉन्च
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एक बार फिर अपनी सबसे शक्तिशाली रॉकेट LVM3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-3), जिसे ‘बाहुबली’ भी कहा जाता है, से एक महत्वपूर्ण मिशन के लिए तैयार है। यह रॉकेट 2 नवंबर को देश का अब तक का सबसे भारी संचार उपग्रह CMS-03 (4,400 किलोग्राम) लॉन्च करेगा।
यह मिशन LVM3 की 5वीं ऑपरेशनल फ्लाइट (LVM3-M5) होगी।
CMS-03 कम्युनिकेशन सैटेलाइट की मुख्य बातें
| विशेषता | विवरण |
| नाम (अन्य) | CMS-03 (कम्युनिकेशन सैटेलाइट-03), जिसे GSAT-7R या GSAT-N2 भी कहा जाता है। |
| वजन | 4,400 किलोग्राम (भारत से GTO में लॉन्च होने वाला सबसे भारी संचार सैटेलाइट)। |
| उपयोगकर्ता | यह उपग्रह भारतीय नौसेना के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा फंडेड है। यह भारत के समुद्री इलाकों पर नज़र रखेगा। |
| तकनीक | यह Ka-बैंड हाई-थ्रूपुट (HTS) तकनीक से काम करेगा। |
| स्पीड और कवरेज | 40 बीम्स के साथ 70 Gbps (गीगाबिट प्रति सेकंड) स्पीड देगा। |
| सेवाएं | भारतीय महासागर, अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और भारतीय भूमि पर वॉयस, डेटा, वीडियो कॉल, नेविगेशन और सैन्य कम्युनिकेशन जैसी सुरक्षित सेवाएँ। |
| कार्यकाल | यह 14-15 साल तक काम करेगा और GEO (36,000 किमी ऊंचाई) में स्थापित होगा। |
| महत्व | नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों और तट रक्षकों को रीयल-टाइम कनेक्टिविटी देगा। साथ ही आपदा प्रबंधन, मछली पकड़ने और पर्यटन में भी सहायक होगा। |
LVM3: भारत का ‘बाहुबली’ लॉन्च व्हीकल
LVM3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-3) ISRO की सबसे ताकतवर स्वदेशी रॉकेट है, जो भारी उपग्रहों को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में भेज सकती है।
| स्पेसिफिकेशन | विवरण |
| क्षमता | 4 टन तक के उपग्रह GTO में भेज सकती है (PSLV या GSLV Mk-II से अधिक)। |
| स्पेसिफिकेशन्स | ऊंचाई: 43.5 मीटर (14 मंजिल ऊंचा) |
| लिफ्ट-ऑफ वजन | 640 टन (एक बड़े हाथी का 800 गुना) |
| चरण (Stages) | 3 चरण (2 सॉलिड बूस्टर S200 + 1 लिक्विड कोर L110 + 1 क्रायोजेनिक अपर CE-20)। |
| उड़ान समय | पूरी उड़ान लगभग 20-25 मिनट की होती है। |
| विकास और सफलता | 2000 के दशक में शुरू; पहली सफल फ्लाइट 2014 में। अब तक 7 सफल मिशन। |
| पिछला मिशन | LVM3-M4 ने जुलाई 2023 में चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था, जिससे भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला चौथा देश बना। |
इस मिशन की सफलता भारत की समुद्री सुरक्षा और संचार क्षमताओं के लिए एक बड़ा कदम होगी।












