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चाईबासा ब्लड बैंक कांड: 5 बच्चों को HIV संक्रमित खून, CM सोरेन ने सिविल सर्जन को किया निलंबित
झारखंड के चाईबासा ब्लड बैंक में 5 थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को HIV संक्रमित खून चढ़ाया गया। 6-चरणीय जाँच में लापरवाही पर CM हेमंत सोरेन ने सिविल सर्जन और अधिकारियों को तुरंत निलंबित करने का आदेश दिया।
चाईबासा ब्लड बैंक कांड: HIV संक्रमित खून चढ़ाने पर हड़कंप, CM सोरेन ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में हुई एक अत्यंत गंभीर घटना ने स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा दिया है। थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने का मामला सामने आया है, जिस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
जांच में हुआ बड़ा खुलासा
- संक्रमित बच्चे: शुरुआत में एक बच्चे को संक्रमित रक्त चढ़ाने का मामला सामने आया था, लेकिन स्वास्थ्य निदेशालय की पांच सदस्यीय जांच टीम (प्रमुख: डॉ. दिनेश कुमार) की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है।
- कुल पीड़ित: जांच में पाया गया कि सिर्फ एक नहीं, बल्कि कुल पाँच थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाया गया है।
- जांच में लापरवाही: सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न यह है कि ब्लड बैंक में रक्त को लगभग छह चरणों की गहन जाँच के बाद ही उपलब्ध करवाया जाता है। इन तमाम अनिवार्य चरणों के बावजूद इतनी बड़ी गलती कैसे हुई?
मुख्यमंत्री का सख्त रुख और कार्रवाई
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस घटना को अत्यंत गंभीरता से लिया है। उन्होंने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर लिखा:
- तत्काल निलंबन: मुख्यमंत्री ने इस मामले में सिविल सर्जन सहित संबंधित अधिकारियों को तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया है।
- सख्त कार्रवाई: स्वास्थ्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सरकार ने साफ कहा है कि बच्चों की जान से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
पीड़ितों के लिए सहायता और संदेह
- आर्थिक सहायता: पीड़ित बच्चों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
- इलाज: संक्रमित बच्चों का पूरा इलाज सरकार की ओर से कराया जाएगा।
- हाईकोर्ट का संज्ञान: यह मामला सामने आने के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए थे।
- संदेहास्पद स्थिति: मामले की गंभीरता को देखते हुए भी खबर लिखे जाने तक ब्लड बैंक को सील नहीं किया गया था। रांची से आई टीम की कार्रवाई भी केवल ‘लीपा पोती’ जैसी प्रतीत हुई है। इसके अलावा, पूरे मामले पर स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी का कोई भी बयान नहीं आना मामले को और ज्यादा संदेहास्पद बना रहा है।












