
महाराष्ट्र सियासी बवाल: CM फडणवीस की सफाई- ‘दोस्त बैसाखी नहीं होते’; शाह के बयान पर हंगामा
अमित शाह के 'भाजपा बैसाखी पर नहीं चलती' बयान पर मचे बवाल के बीच, CM देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि गठबंधन के दोस्त बैसाखी नहीं होते। उन्होंने मतदाता सूची और अन्य संवेदनशील मुद्दों का राजनीतिकरण करने के लिए विपक्ष की आलोचना की।
महाराष्ट्र सियासत: ‘दोस्त बैसाखी नहीं होते’ – CM फडणवीस ने अमित शाह के बयान पर दी सफाई
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गठबंधन राजनीति को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान के बाद उठे सियासी बवाल पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सफाई दी है। फडणवीस ने सोमवार को कहा कि गठबंधन के साथी ‘बैसाखी नहीं होते’।
गृह मंत्री अमित शाह ने अपने बयान में कहा था कि:
“अब महाराष्ट्र में भाजपा किसी बैसाखी के आधार पर नहीं चलती, बल्कि अपने बूते पर खड़ी है। भारत की राजनीति में जिस तरह से भाजपा का अस्तित्व और सिद्धांत एक अमिट स्थान रखते हैं। उसी तरह से अब भाजपा महाराष्ट्र के राजनीतिक क्षेत्र की एक मजबूत हस्ताक्षर है।”
इस बयान के बाद, जहाँ भाजपा समर्थकों ने इसे पार्टी की मजबूती बताया, वहीं विपक्षी दलों ने इसे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के गठबंधन पर एक टिप्पणी के रूप में देखा।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो वर्तमान में शिवसेना और राकांपा (अजित पवार) के साथ तीन दलों की गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं, ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया दी:
- ‘दोस्त बैसाखी नहीं होते’: फडणवीस ने कहा, “जो लोग इस टिप्पणी पर सवाल उठा रहे हैं, वे ‘बैसाखी’ का मतलब नहीं समझते। दोस्त बैसाखी नहीं होते।”
- पार्टी की मजबूती: उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से अमित शाह के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि भाजपा ने अपने अस्तित्व और सिद्धांतों से महाराष्ट्र की राजनीति में एक मजबूत स्थान बनाया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि गठबंधन के साथी महत्वहीन हैं।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस दौरान विपक्ष पर भी निशाना साधा:
- मतदाता सूची पर संदेह: उन्होंने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि वे मतदाता सूची पर संदेह जता रहे हैं, जबकि वे दोहरे मतदान का सबूत देने में विफल रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं पहले ही कह चुका हूं कि यह (आगामी चुनावों में) होने वाली हार से मुंह छिपने की कोशिश है।”
- संवेदनशील मामलों का राजनीतिकरण: फडणवीस ने सतारा जिले के फलटण में एक महिला चिकित्सक की आत्महत्या के मामले का ‘राजनीतिकरण’ करने के लिए विपक्ष की आलोचना की। उन्होंने कहा कि “किसी संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिकरण करने वाले लोग बदकिस्मत होते हैं,” और उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा।












