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गोधन न्याय योजना में 144 करोड़ की गोबर खरीदी पर महिला समूह और किसानों ने मुख्यमंत्री को ‘गाय-बछड़ा’ आशीर्वाद स्वरूप भेंट किया

रायपुर : गोधन न्याय योजना में 144 करोड़ की गोबर खरीदी पर महिला समूह और किसानों ने मुख्यमंत्री को ‘गाय-बछड़ा’ आशीर्वाद स्वरूप भेंट किया

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गौ-पालक महिला समूह एवं किसान पहुंचे मुख्यमंत्री निवास

गांव, गरीब, किसान और महिलाओं की आर्थिक समृद्धि के स्त्रोत ‘गोधन न्याय योजना‘ से 2 लाख से अधिक लोग लाभान्वित

गौ-पालक महिला समूह एवं किसान पहुंचे मुख्यमंत्री निवास

छत्तीसगढ़ सरकार

छत्तीसगढ़ सरकार की सबसे प्र्रभावी ग्रामीण आर्थिक नीतियों में से एक ‘गोधन न्याय योजना‘ के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा रिकॉर्ड 144 करोड़ रुपये से अधिक की गोबर खरीदी करने पर, आज गौ-पालक महिलाओं और किसानों ने मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का हृदय से आभार व्यक्त किया और एक सुंदर ‘गाय-बछड़ा‘ आशीर्वाद स्वरुप मुख्यमंत्री को भेंट किया। इस दौरान मुख्यमंत्री भावुक हो गये और उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के गांव, गरीब, किसानों और महिलाओं के जीवन में आर्थिक समृद्धि और ख़ुशी ही ‘छत्तीसगढ़ मॉडल‘ का मूल उद्देश्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वो तीन करोड़ छत्तीसगढ़वासियों के परिवार के सदस्य हैं और परिवार की ख़ुशी में ही उनकी ख़ुशी है।

‘गाय-बछड़ा‘ आशीर्वाद स्वरुप
राज्य में 8408 गौठान स्थापित किये गए हैं

छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सदस्य विनोद तिवारी की अगुवाई में हुए इस कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के लाभार्थी मुख्यमंत्री से मिलने आये थे। छत्तीसगढ़ ‘गोधन न्याय योजना‘ से अब तक प्रदेश के लगभग 2 लाख से ज्यादा लोग लाभान्वित हुए हैं। वही प्रदेश में गौपालकों की संख्या में 26 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है, केवल एक वर्ष के अंदर योजना से लाभान्वित लोगों की संख्या 1,68,531 से बढ़कर 2,11,540 हुई है। गौपालकों की संख्या में वृद्धि, ग्रामीण स्तर पर निरंतर हो रही आर्थिक उन्नति का प्रमाण है। राज्य में 8408 गौठान स्थापित किये गए हैं ताकि लोगों को उनके गांव में ही गोबर बेचने में आसानी हो।

महिलाओं के आर्थिक विकास पर भूपेश सरकार

गोबर को आर्थिक समृद्धि का परिचायक बना दिया है।

संतोषी यादव ने कहा की छत्तीसगढ़ के किसानों और महिलाओं के आर्थिक विकास पर भूपेश सरकार की ‘गोधन न्याय योजना‘ का व्यापक असर हुआ है। सरकार ने योजना के अंतर्गत गौ-पालकों से दो रुपये किलो में गोबर ख़रीदा, महिला समूहों से जुड़ी लाखों बहनों को रोजगार और आय का जरिया मिला। साथ ही इस योजना से किसानों का दोहरा लाभ हुआ। गोबर के खाद के इस्तेमाल से खेतों की उर्वरक शक्ति बढ़ी और गौ-पालकों द्वारा गायों को घर में रखने के कारण, आवारा पशुओं द्वारा फसल को किये जाने वाले नुकसान की समस्या से भी छुटकारा मिला।

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इस अवसर पर किसानों ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने गोबर को आर्थिक समृद्धि का परिचायक बना दिया है। यह उनकी दूरदृष्टि और उनके ग्रामीण परिवेश का परिणाम है कि मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने सर्वप्रथम गांव और गरीबों के आर्थिक विकास के लिये ‘गोधन न्याय योजना‘ तैयार की। आज देश-विदेश में छत्तीसगढ़ की ‘गोधन न्याय योजना‘ एक रोल मॉडल के रूप में पढ़ी और सिखाई जा रही है। कई अन्य राज्य इस योजना को अपनाने मुख्यमंत्री से सलाह ले रहे हैं। किसान मोहित राम ने कहा कि मुख्यमंत्री की ‘गोधन न्याय योजना‘ केवल एक योजना नहीं है बल्कि यह छत्तीसगढ़ की अस्मिता की पहचान है। मानव और गौ के धार्मिक और कृषि गठबंधन को गांव की सामाजिक और आर्थिक समृद्धि का प्रतीक बनाकर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने देश को दिशा दिखाने का काम किया है। छत्तीसगढ़ के इतिहास में प्रदेश को पहला ऐसा मुख्यमंत्री मिला है जो स्वयं छत्तीसगढ़ का प्रतीक है- किसान के घर जन्मा, मिट्टी में खेला, खेतों में बड़ा हुआ और मुख्यमंत्री बनकर ऐसी नीतियाँ लागू की जो जमीनी स्तर पर ग्रामीण आर्थिक समृद्धि के नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है।

महिला समूह की बहनों ने गौठान में उगाई हुई सब्जी-भाजी, अगरबत्ती, पापड़, मसाले भी मुख्यमंत्री को भेंट किए। विनोद तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री और लाभान्वित गौ-पालक महिला समूह और किसानों की बीच हुई भेंट के दौरान जो भावुकता और आत्मीयता देखने को मिली, वही ‘गोधन न्याय योजना‘ की सफलता का परिचायक है।

आज के कार्यक्रम में प्रमुख रूप से श्रीमती रुक्मणि धीवर, श्रीमती संतोषी यादव, श्रीमती दुलारी यादव, श्रीमती राजेश्वरी साहू, श्रीमती फुलेश्वरी यादव, श्रीमती उषा मानिकपुरी, श्रीमती बिसाहिन धीवर, श्रीमती अपराजित तिवारी, सर्वश्री सेवक राम साहू, संतराम साहू, बैसाखू राम साहू, पर्यटन साहू, वतन चन्द्राकर, नागेन्द्र चन्द्राकर, डुमेंद्र साहू, बिशहत राम साहू, मोहित राम, बबलू चन्द्राकर, लखन कुम्भकार, लखन निर्मलकर, राजकुमार, तेजराम साहू, खेमराज यादव, महावीर चन्द्राकर, योगेश कुमार, वीरेन्द्र यादव, घनाराम यादव, सहदेव यादव, बेनु निषाद, अर्जुन यादव, पप्पू पुरैना, सूरज खुटे, उमेंद्र छत्रिय, शामिल थे।

Ashish Sinha

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