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छत्तीसगढ़ का पहला जिला जहां आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर मापेंगी तापमान और ऑक्सीजन लेवल

छत्तीसगढ़ का पहला जिला जहां आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर मापेंगी तापमान और ऑक्सीजन लेवल

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कोरोना महामारी के खिलाफ अब सरगुजा जिले की मितानिन आशा कार्यकर्ताओं को एक और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा रही है. ये आशा कार्यकर्ता होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों को घर-घर जाकर ऑक्सीमीटर, थर्मल स्कैनर उपलब्ध कराएंगी. ताकि मरीजों के स्वास्थ्य की स्थिति पर नजर रखी जा सके. इसके लिए रेड क्रॉस सोसायटी के चेयरमैन आदित्येश्वर शरण सिंहदेव व कलेक्टर सरगुजा की पहल पर सहयोगी स्वास्थ्य संस्था एक्शन कोविड-19 टीम के साथ MOU किया गया है. जिसके तहत सरगुजा को 4 हजार किट निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे. जिसमें ऑक्सीमीटर, थर्मल स्कैनर, फेस मास्क, फेस शील्ड, गाइड बुक सहित अन्य सामान रहेगा. जिसके बाद जिले में इस अभियान को शुरू किया जाएगा.दरअसल कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने ग्रामीण क्षेत्रों को भी प्रभावित किया है और जिले के हर विकासखंड में ज्यादातर गांव ऐसे है जहां कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के दौरान मरीजों को होम आइसोलेशन में रखने के दौरान सबसे बड़ी व्यावहारिक दिक्कत यह थी कि ग्रामीणों के पास होम आइसोलेशन के नियम के मुताबिक अपने स्वास्थ्य की स्थिति पर नजर रखने के लिए पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर उपलब्ध उपलब्ध नहीं थे. ऐसे में कोरोना संक्रमित मरीजों का आक्सीजन लेवल कम होने पर इसकी जानकारी समय रहते नहीं मिल पाती थी और ग्रामीण की स्थिति बिगड़ जाती थी.इस समस्या को देखते हुए सरगुजा रेड क्रॉस सोसायटी के चेयरमैन आदित्येश्वर शरण सिंहदेव व कलेक्टर संजीव कुमार झा की पहल पर सहयोगी स्वास्थ्य संस्था NGO एक्शन कोविड-19 टीम से MOU किया गया है. इस अनुबंध के तहत NGO की तरफ से जिले को 4 हजार किट निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे. यह किट आशा कार्यकर्ताओं के पास रहेगी और वो घर-घर जाकर जरूरत के अनुसार मरीजों की जांच करेंगी,,कार्यकर्ताओं के द्वारा कोरोना संक्रमितों मरीजों के ऑक्सीजन लेवल की जानकारी लेने के बाद ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर, निगरानी दलों को इसकी रिपोर्टिंग की जाएगी. यदि किसी मरीज का ऑक्सीजन लेवल कम है तो उसे तत्काल अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा. इसके लिए मितानिन को-ऑर्डिनेटर व होम आइसोलेशन के प्रभारी अधिकारी की एक संयुक्त टीम बनाई है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जा सके.मितानिनें अब तक घर-घर जाकर दवा वितरण का काम कर रही थी लेकिन अब वे घर-घर जाकर मरीजों का ऑक्सीजन लेवल मापेंगी. मितानिनें फील्ड में अपना काम बेहतर ढंग से कर रही है या नहीं इसपर निगरानी दल और गांव को कोरोना मुक्त कराने की जिम्मेदारी निभा रहे अधिकारी करेंगे. इसके साथ ही इस बड़ी जिम्मेदारी को संभालने से पहले मितानिनों को ट्रेनिंग दी जाएगी और फिर स्वयं कलेक्टर सरपंच, सचिव व BMO के माध्यम से नियमित रूप से मीटिंग लेकर काम पर अपनी नजर रखेंगे,,इस संबंध में राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन के द्वारा ग्रामीण अंचल में कोविड संक्रमित मरीजों के सही समय पर जांच के लिए विशेष प्रोजेक्ट के रूप में सरगुजा का ही चयन किया गया है. जिसके तहत जिले की 3700 मितानिन, ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर, मास्टर ट्रेनरों को यह किट प्रदान किया जाएगा. मितानिनें घर घर जाकर कोरोना संक्रमित मरीजों को प्लस ऑक्सीमीटर उपलब्ध कराएंगी. ताकि वे अपने आक्सीजन लेबल की जांच कर सके और उसके बाद उसे लौटा दिया जाएगा. इसके साथ ही मितानिन बहनें दूर से ही थर्मल स्कैनर की मदद से मरीजों का तापमान माप सकेंगी.इस योजना के विषय मे होम आइसोलेशन के नोडल अधिकारी डॉ. शैलेंद्र गुप्ता ने बताया की इस योजना से होम आइसोलेशन के मरीजों को सुविधा मिलेगी. कलेक्टर सरगुजा की पहल पर NGO के साथ MOU किया गया है और सिर्फ सरगुजा में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चालू किया जा रहा है. जरूरत पड़ने पर मरीजों को तत्काल अस्पताल में शिफ्ट किया जा सकेगा ताकि उसकी जान बचाई जा सके.

Ashish Sinha

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