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82 शवों की अभी तक नहीं हुई शिनाख्त, ओडिशा सरकार ने पड़ोसी राज्यों से मांगी मदद

ओडिशा। Train Accident Update : बालासोर जिले में 2 जून यानी शुक्रवार को एक भीषण ट्रेन हादसा हुआ था। बहनागा रेलवे स्टेशन के पास तीन ट्रेनों की आपस में टक्कर हो गई थी। इस हादसे में 275 लोगों की मौत हो गई। हादसे में मारने वालों में से 82 शवों की पहचान नहीं हो सकी है। इस बीच कई लोग ऐसे हैं जो अब भी इस दुर्घटना का शिकार हुए अपनों की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं। हाथ में तस्वीर, आंखों में उम्मीद लिए हर अस्पताल के चक्कर काट कर रहे हैं लेकिन हाथ सिर्फ निराशा ही लगी है।

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इस बीच, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार जैसे राज्यों के बहुत सारे लोग एम्स भुवनेश्वर में अपने परिवार के सदस्यों के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं। ओडिशा सरकार ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के अधिकारियों से चर्चा की और शीघ्र ही शवों की पहचान कराने में मदद मांगी।

पीड़ित परिवारों के लिए कंट्रोल रूम, खाने पीने की व्यवस्था

भुवनेश्वर नगर निगम के कमिश्नर विजय अमृता कुलंगे ने बताया कि वह शवों की पहचान प्रक्रिया को तेज करने के लिए राज्य सरकार के अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवारों की मदद के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। वहीं, शव लेने के लिए आने वाले लोगों को खाने और रहने की सुविधा भी दी जा रही है।

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नियंत्रण कक्ष किया गया स्थापित

उन्होंने कहा, पीड़ितों के रिश्तेदारों की सहायता के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। शव लेने के लिए आने वाले लोगों को भोजन और रहने की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। एम्स भुवनेश्वर ने कहा कि संस्थान में रखे गए 162 शवों में से 80 शवों को मृत व्यक्तियों के परिवारों को सौंप दिया गया है जबकि 82 अन्य अज्ञात हैं।

वैज्ञानिक प्रक्रिया अपनाई जा रही

कुछ शवों पर कई परिवारों की तरफ से अपना-अपना दावा किया जा रहा है, इसलिए डीएनए नमूनाकरण ही एकमात्र वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो शवों की असली पहचान कराएगी। उन्होंने कहा कि हमने लगभग 50 डीएनए नमूने एकत्र किए हैं। पहले बैच में 29 नमूने एम्स दिल्ली भेजे गए थे और इसकी परीक्षण रिपोर्ट दो दिनों के भीतर आने की उम्मीद है। एक बार डीएनए रिपोर्ट उसके पास पहुंच जाए, तो हम इनमें से कुछ शवों को उनके सही परिवार को दे सकते हैं।

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