
बेमेतरा अंचल में कुपोषण की दर में आई गिरावट
पिछले अप्रैल-मई में 1113 बच्चें कुपोषण से बाहर आये
बेमेतरा – छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जनता की स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना सहित मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, मुख्यमंत्री सार्वभौम पीडीएस और मध्यान्ह भोजन योजना जैसी पांच योजनाएं 2 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के अवसर पर शुरू की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कुपोषण मुक्ति की पहल पर मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को तक़रीबन पौने चार वर्ष पूरा हुआ। इस अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं। बेमेतरा जिलें के पूरे क्षेत्र में कुपोषण एवं एनीमिया को जड़ से समाप्त करने कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जा रहा हैं। इस कार्यकम में जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहें हैं।
बेमेतरा जिलें में मुख्यमंत्री सुपोषण योजाना अन्तर्गत जिलें में चिन्हाकित हितग्राहियों जैसे (6 माह से 3 वर्ष के) कुपोषित बच्चों, गर्भवती महिलाओं व एनीमिया पीड़ित कमजोर महिलाओं गर्म पका भोजन जिले में संचालित 1162 आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से प्रदाय किया जा रहा हैं। इनमें कुपोषित 3606 बच्चों को गर्म पोष्टिक खिचड़ी, 4691 गर्भवती महिलाओं एवं 15 से 49 वर्ष की 4037 एनीमिया पीड़ित कमजोर महिलाओं को सप्ताह में 6 दिवस गर्म पका भोजन परोसा जा रहा हैं। जिलें में संचालित 1162 आंगनबाड़ी केन्द्रों के ज़रिए यह काम किया जा रहा हैं। नियमित रूप से निगरानी की जा रही हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा मध्यम और गंभीर कुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा हैं। ज़िला महिला एवं बाल विकास अधिकारी बीडी पटेल ने बताया कि पिछले अप्रैल और मई माह में 1113 बच्चें कुपोषण से बाहर आये हैं। वही पूरक पोषण आहार से 6 माह आयु से 6 वर्ष आयु वर्ग के 60292 बच्चों, 6538 गर्भवती महिलाओं व 6582 शिशुवती माताओं को पोषण आहार से लाभान्वित किया जा रहा हैं। अभियान का उद्देश्य बच्चों में कुपोषण को कम करने एवं महिलाओं, किशोरी बालिकाओं में एनिमिया को कम करने हेतु लक्ष्य निर्धारित किया गया था। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में कुपोषण को कम करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जारी हैं। सभी पात्र हितग्राहियों को गुणवत्तापूर्ण गर्म पौष्टिक भोजन सोमवार, बुधवार औऱ शुक्रवार को एवं रेडी टू ईंट दिया जा रहा हैं। बेमेतरा और विकासखंडों में विभिन्न कार्यक्रमों और स्थानीय कला जत्था के माध्यम से प्रचार प्रसार कर कुपोषण दूर करने प्रयासरत हैैं और इसमें लगातार सफलता भी मिल रही हैं।